मणिपुर में सेना और पुलिस से लूटे गए हथियारों से हिंसा की आशंका!

हिंसा के दौरान मणिपुर के अलग-अलग थानों से लगभग चार हजार से ज्यादा हथियार लूट लिए गए थे। मणिपुर पुलिस लगातार छापेमारी कर लूटे गए हथियारों को बरामद कर रही है। लेकिन जो हथियार अभी भी रिकवर नहीं हुए हैं उनसे हिंसा कारित होने की आशंका भी जताई जा रही है। कई घातक हथियारों की अभी भी नहीं हुई है बरामदगी।
कुकी बाहुल्य क्षेत्र चुराचांदपुर में, डीसी ऑफिस के सामने बनाया गया वॉल ऑफ रिमेंबर्स। हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के नाम पर की यहां दर्जनों ताबूतें रखीं गईं है।
कुकी बाहुल्य क्षेत्र चुराचांदपुर में, डीसी ऑफिस के सामने बनाया गया वॉल ऑफ रिमेंबर्स। हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के नाम पर की यहां दर्जनों ताबूतें रखीं गईं है। फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

मणिपुर। इस साल मई में, राज्य में हुई हिंसा के बीच पुलिस चौकियों और सेना के जवानों पर भी हमले हुए। इस दौरान हिंसक भीड़ ने भारी मात्रा में असलहा और हथियार लूट लिए। आशंका जताई जा रही है कि अब इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल लोगों की हत्या और हिंसा करने में किया जा रहा है। हालांकि मणिपुर पुलिस ने लगातार छापेमारी कर लूटे गए हथियारों को बरामद भी किया है। मणिपुर पुलिस इन हथियारों की बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी और सर्च ऑपरेशन कर रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा शुरू हुई जिसमें दोनों ओर से दर्जनों लोग मारे गए। तब आज तक राज्य में तनाव का माहौल बना हुआ है। हिंसा को 91 दिन बीत चुके हैं मगर हालात अभी भी सामान्य नहीं है। हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं एक हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने बिष्णुपुर के कीरेनफाबी और थंगलावई में पुलिस चौकी पर हमला किया और हथियारों, गोला-बारूद का जखीरा लूट लिया।

भीड़ द्वारा मणिपुर राइफल्स की एक बटालियन से हथियार छीनने की भी कोशिश की गई। जिसे नाकाम कर दिया गया। पुलिस ने बाद में कौट्रुक हिल रेंज में ऑपरेशन चलाकर सात अवैध बंकरों को नष्ट कर दिया है। हालांकि, ये बंकर किस समुदाय के हैं। इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

जनिये कब हुई यह घटना?

मणिपुर में 3 अगस्त को बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच की सीमा पर फौगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई थी। बिष्णुपुर के कांगवेई और फुगकचाओ में उपद्रवियों को संभालने के लिए आर्मी और रैपिड एक्शन फोर्स ने आंसूगैस का इस्तेमाल किया। भीड़ में महिला और पुरुष दोनों शामिल थे। हिंसा के दौरान मणिपुर के अलग-अलग थानों से लगभग 4600 हथियार लूटे गए थे। लेकिन अभी तक सिर्फ 1200 के आसपास ही लूटे हुए हथियार वापस आए हैं। जबकि 3400 हथियारों का अब तक कोई अता-पता नहीं है। बताया जा रहा है कि ये लूटे हुए हथियार कुकी और मैतेई समुदाय के पास हैं।

मणिपुर में 3 अगस्त की सुबह बिश्नुपुर जिले के नरसेना में स्थित इंडिया रिजर्व बटालियन 'आईआरबी' 2 के हेडक्वार्टर से लगभग 400 घातक हथियार लूट लिए गए। 45 गाड़ियों में सवार होकर आए लोगों ने आईआरबी से हथियारों के साथ लगभग 22000 गोलियां भी लूट ली थीं। उपद्रवी बड़ी संख्या में हथियारों की मैगजीन भी साथ ले गए। सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए 327 राउंड फायर करने की बात कही है। यह घटना तब हुई है जब मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में सेना, असम राइफल, अर्धसैनिक बल और लोकल पुलिस की तैनाती है।

लूटे गए हथियारों में एके राइफल, घातक राइफल, एक्स केलिबर राइफल, इंसास राइफल, 5.56 एमएम इंसास एलएमजी, एमपी-5 कार्बाइन, 7.62 एमएम एसएलआर, एसएमसी कार्बाइन, 7.62 एमएम एलएमजी, .303 एलएमजी, डे लाइट टेलीस्कॉप इंसास एलएमजी, 51 एमएम मोर्टार, हैंड ग्रेनेड, एएमओजीएच कार्बाइन, वीएल पिस्तोल, बीपी जैकेट लाइट वेट और वीएल कारतूस इल्यूमिनेटिंग सहित भारी मात्रा में गोला बारूद शामिल है।

द मूकनायक की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान की गई पड़ताल में हिंसा शुरू होने के बाद से अब तब कई बार पुलिस थानों एवं ट्रेनिंग सेंटर से हथियार लूटे जा चुके हैं। मौजूदा समय में लूटे गए घातक हथियारों की संख्या लगभग 5,000 बताई जा रही है।

कांग्रेस पार्टी के सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा शुरू करते हुए यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, "35 पुलिस थानों और ट्रेनिंग सेंटर से लूटे गए पांच हजार से अधिक हथियार लोगों के पास हैं। क्या ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है? ये गोलियां किस पर चलेंगी। पुलिस या सुरक्षा बलों पर चलेंगी, निहत्थे लोगों पर चलेंगी। ये हथियार और गोला बारूद, मणिपुर तक सीमित नहीं रहेंगे। भारत के अलग-अलग हिस्सों में इन्हें पहुंचाया जा सकता है। ऐसे में वहां भी अशांति का वातावरण पैदा होगा। पीएम को यह स्वीकार करना होगा, उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल रही है। मणिपुर में राहुल गांधी गए, केंद्रीय गृह मंत्री गए, गृह राज्य मंत्री गए, लेकिन पीएम नहीं गए, ऐसा क्यों?"

लूटे गए हथियारों में पुलिस और सेना की टीम ने कुछ हथियार बरामद किए हैं।
लूटे गए हथियारों में पुलिस और सेना की टीम ने कुछ हथियार बरामद किए हैं।

मणिपुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में क्या कहा?

मणिपुर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई स्टेट्स रिपोर्ट में कहा था, "अभी तक हुई सर्च में चोरी के 197 हथियार, 40 बम और 2092 गोला बारूद बरामद हुआ है। इनमें 121 हथियार, 40 बम और 2,092 कारतूस घाटी से बरामद किए गए हैं, जबकि 76 हथियार, 30 बम और 104 कारतूस, हिल एरिया से बरामद हुए हैं।"

मणिपुर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जून को पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों और गोली बारूद को वापस जमा कराने की अपील की थी। उनकी अपील के एक ही दिन बाद लगभग 140 हथियार जमा हो गए। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार एवं सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह की तरफ से यह जानकारी दी गई थी।

बीस जुलाई को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि, लगभग 1,600 हथियार बरामद कर लिए गए हैं। इससे पहले 13 जून को कुलदीप सिंह द्वारा जारी प्रेस रिलीज में 1040 हथियार बरामद होने की सूचना है। इसके साथ 230 बम और 13,601 गोला बारूद भी बरामद हुआ था। इसके बाद 24 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अपनी बैठक में बताया था कि अब तक 1800 लूटे गए हथियार जमा कराए जा चुके हैं।

पुलिस ने 129 चौकियां बनाईं, 1000 से ज्यादा हिरासत में..

मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में कुल 129 चौकियाँ स्थापित की गईं। पुलिस ने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कानून उल्लंघन के सिलसिले में लगभग 1,047 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

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