उदयपुर/सलूम्बर- भेड़ चराने का झूठा लालच देकर जनजातीय बच्चों से बाल मजदूरी करवाने का मामला एक बार फिर सामने आया है। राजस्थान के सलूम्बर जिले में गडरियों के चंगुल से दो मासूम बच्चों को छुड़ाया गया, जिन्हें एडवांस रुपये के नाम पर बंधुआ बनाकर भेड़ चराने के लिए मजबूर किया जा रहा था। स्थानीय स्वयंसेवी संगठन गायत्री सेवा संस्थान की सूचना पर पुलिस ने बालश्रम और मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति की देखरेख में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है।
सलूम्बर जिले में बालश्रम और मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 जनजाति बच्चों को गडरियो के चुंगल से स्थानीय स्वयं सेवी संगठन गायत्री सेवा संस्थान की सूझ-बूझ से आजाद करवाया गया, जिसके तहत गुरूवार को जावर माइंस पुलिस थाना अंतर्गत 2 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया l गौरतलब है की आज से कुछ वर्ष पूर्व इस तरह की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार एवं राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए जाँच टीम गठित कर कार्यवाही की गई थी वही रेबारी रायका एवं गडरियो से जुड़े विभिन्न संगठनों से जो लोग बालश्रम करवाते है उन्हें चिन्हित करने की अपील भी गई थी तब से इस तरह की घटना पुन: कहीं देखने या सुनने को नहीं मिली l इसी दिशा में तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल आयोग, भारत सरकार प्रियंक क़ानूनगों एवं राजस्थान बाल आयोग सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पंड्या द्वारा प्रदेश के पाली के बाली पंचायत समिति में 2000 से अधिक इस समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद भी किया गया था l
गायत्री सेवा संस्थान के सलूम्बर जिला समन्वयक पायल केनरिया ने बताया कि समाज के जागरूक नागरिक रवि जोशी द्वारा हेल्प लाइन पर सूचना दी गई की उदयपुर से सलूम्बर मार्ग पर अलग-अलग तीन गडरियो के समूह भेड़ लेकर जा रहे है जिनका पूरा ध्यान 2 छोटे बच्चे कर रहे है l बच्चों के माता-पिता के साथ न होने के साथ ही बच्चे गंभीर अवस्था में है l सूचना की गंभीरता को देखते हुए संस्थान द्वारा इसकी जानकारी तुरंत बाल कल्याण समिति उदयपुर की अध्यक्ष यशोदा पनिया एवं जावर माइंस पुलिस थाने को दी गई l
मामले की जाँच में सामने आया की दोनों बच्चे सिरोही जिले के जनजाति अंचल से भील समुदाय से है, जिन्हे एडवांस रुपये देकर बंधुवा श्रम करवाया जाता है l संस्थान की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जयपाराम गड़रिया, आसाराम गडरिया के खिलाफ विभिन्न अधिनियम अन्तर्गत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। आरोपियों पर बच्चों को पैसों और खाने के लालच में काम पर लगाने तथा राज्य से बाहर ले जाकर बेगार कराने की योजना बनाने का आरोप है। मौके से मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति, उदयपुर को सुपुर्द कर दिया गया है जहां से शेल्टर किया गयाl
इस अवसर पर बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग, डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75, 79, बंधुआ श्रम उन्मूलन अधिनियम 1976 की धारा 16, 17, 18 सहित भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। पूर्व में गडरियो द्वारा बालश्रम करवाने के मामले बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर एवं पाली जिले में मिले थे समाज के प्रमुख लोग बालश्रम करवाने के सख्त खिलाफ है परंतु फिर भी कुछ लोग लालच में बच्चों का बचपन आहूत करने में सक्रिय है इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही और बच्चों का बेहतर पुर्नवास नितांत आवश्यक है l
संस्थान के अमित राव ने बताया समाज से बालश्रम, बाल विवाह और मानव तस्करी जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए गायत्री सेवा संस्थान निरंतर कार्यरत है। संस्थान द्वारा कुछ दिवस पहले प्रतापगढ़ जिले से भी इस तरह में मामले में 3 बच्चों को मुक्त करवाया था अभी तक इस माह में कुल 5 बच्चे बंधुआ श्रम से मुक्त हुए है l
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