उदयपुर- 16 अगस्त की सुबह उदयपुर के एक सरकारी विद्यालय में हुई दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में दसवीं कक्षा के एक छात्र ने अपने सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया, जिसके बाद शहर में तनाव का माहौल बन गया। इस घटना ने न केवल उदयपुर में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया बल्कि राज्य के शिक्षा विभाग को भी गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया।
घटना के बाद से ही शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया, जिसके चलते प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। साथ ही, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, राज्य के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में सुरक्षा और अनुशासन को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक, बीकानेर ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, आशीष मोदी ने जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि भारत की संस्कृति 'अहिंसा परमो धर्म के मूल्य का महत्व समझाकर अहिंसा को व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने पर बल देती है।
राज्य सरकार, इन्हीं मूल्यों के अनुरूप, विद्यालय को सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए भयमुक्त परिवेश प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु विद्यालय में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों को निरन्तर प्रेरित करने के साथ, उनके आचरण पर सुक्ष्म ध्यान भी रखना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके। इसमें बरती गई शिथिलता विद्यार्थी के प्रगति को अनुचित दिशा तो देती ही है, वरन साथ ही विद्यार्थी स्वयं, उसके सहपाठी आदि को अनावश्यक हानि पहुँचा सकती है। ऐसी घटना से न केवल विद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है बल्कि अन्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास भी प्रभावित होता है।
इसी अनावश्यक दुर्घटना के घटित ना होने की जागरूकता हेतु, विद्यालय में किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लानी निषिद्ध रहेगी। इसके तहत किसी भी प्रकार के धारदार हथियार जैसे चाकू, छूरी, धारदार कैंची, या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाना सख्त मना है। ऐसे किसी भी वस्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश को सूचना पट्ट पर चस्पा करें और प्रार्थना सभा में छात्रों को इसके बारे में जानकारी दें। इसके साथ ही, अध्यापक-अभिभावक परिषद की बैठकों में भी इस विषय पर चर्चा की जाए।
शिक्षकों को छात्रों के बैग, डेस्क, और व्यक्तिगत वस्तुओं की नियमित जांच करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी निषिद्ध वस्तु विद्यालय परिसर में न लाई जाए। साथ ही, छात्रों के व्यवहार में आए अचानक बदलाव पर भी शिक्षकों को नजर रखनी होगी।
अभिभावकों को भी इस मामले में सजग रहने के लिए कहा गया है। उन्हें अपने बच्चों को इन वस्तुओं के खतरों के बारे में जागरूक करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे ऐसी वस्तुएं विद्यालय में न लाएं।
यदि किसी विद्यार्थी को धारदार हथियार या नुकीली वस्तुएं विद्यालय में लाते हुए पाया जाता है, तो विद्यालय प्रशासन को उसके अभिभावकों से संपर्क कर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर से विद्यालयों में सुरक्षा और अनुशासन की अनिवार्यता को रेखांकित किया है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने इस पर गंभीरता से ध्यान दिया है और आने वाले समय में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
स्कूली बच्चों के विवाद के बाद उपजे हालातों पर प्रशासन और पुलिस की सजगता से समय रहते नियंत्रण पा लिया गया है। शुक्रवार शाम को हुई छूटपुट घटनाओं के अलावा शनिवार को पूरे दिन शहर में शांति एवं कानून व्यवस्था कायम रही। जनजीवन पूरी तरह से सामान्य रहा। एहतियातन विद्यालयों में अवकाश रहा।
शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। उधर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संवेदनशील पहल करते हुए घायल छात्र को बेहतर से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए जयपुर स्थित सवाई मानसिंह चिकित्सालय से तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों के दल को विशेष चार्टर से उदयपुर भेजा।
टीम ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ समन्वय करते हुए छात्र के उपचार की जानकारी ली तथा आवश्यक सुझाव दिए। इधर, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने शनिवार को शहर के विभिन्न स्थलों का जायजा लेकर स्थिति की जानकारी ली। वहीं शहर भर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 26 कार्यपालक मजिस्टेªट भी तैनात रहे।
उदयपुर प्रवास पर आए पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया शनिवार को एमबी अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने चिकित्सकों से घायल छात्र के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली और बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कटारिया शनिवार दोपहर बाद एमबी चिकित्सालय पहुंचे। वहां उन्होंने आरएनटी प्राचार्य डॉ विपिन माथुर से छात्र के उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। डॉ माथुर ने जयपुर से आए विशेषज्ञों की टीम के बारे में भी अवगत हुए छात्र को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने की जानकारी दी। कटारिया ने जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल सहित पुलिस अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। साथ ही शहर में शांति और सौहार्द कायम रखने को लेकर हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए।
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