राजस्थान: बाल विवाह पर चला न्यायिक हथौड़ा, 23 मई तक उदयपुर में चलेगा विशेष अभियान

प्रदेश में 10 मई को अक्षय तृतीया एवं 25 मई को पीपल पूर्णिमा को बाल विवाह होने की अत्यधिक संभावना को देखते हुए एक माह का विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसमें कोई भी आमजन अपने आस-पास बाल विवाह होने की सूचना हेल्पलाइन नंबर 7878498751 पर दे सकता है.
अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता के लिए पोस्टर का विमोचन करते अतिथि.
अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता के लिए पोस्टर का विमोचन करते अतिथि.

उदयपुर. "प्रदेश में बाल विवाह की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है. दक्षिणी राजस्थान में बालश्रम एवं बाल विवाह का होना समाज पर कलंक है. विधिक सेवा प्राधिकरण सहित प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए तत्पर है परंतु स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जन प्रतिनिधियों की इस दिशा में अहम् भूमिका हो सकती है." उक्त विचार शहर के हिरणमगरी स्थित गायत्री सेवा संस्थान के विवेकान्द सभागार में गायत्री सेवा संस्थान एवं जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलाइंस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बाल विवाह मुक्त उदयपुर अभियान के आगाज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कुलदीप शर्मा ने व्यक्त किये.

शर्मा ने कहा-"गायत्री सेवा संस्थान द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए जारी पृथक से हेल्पलाइन एवं सूचना साझा करने वालों को सम्मानित करने की पहल सराहनीय है. इस अवसर पर बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं निदेशक गायात्री सेवा संस्थान डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (2019-21) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 20-24 आयु वर्ग के 25.4 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 साल की उम्र से पहले हुआ है l

राजस्थान में 10 मई को अक्षय तृतीया एवं 25 मई को पीपल पूर्णिमा को बाल विवाह होने की अत्यधिक संभावना को देखते हुए संस्थान द्वारा एक माह का विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसमें कोई भी आमजन अपने आस-पास बाल विवाह होने की सूचना हेल्पलाइन नंबर 7878498751 पर दे सकता है जहां उनकी पूरी पहचान गोपनीय रखी जाएगी एवं उन्हें संस्थान द्वरा 1100 (ग्यारह सो रुपए) की पुरस्कार राशि दी जाएगी.

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने बताया कि एलाइंस द्वारा अक्षय तृतीया के मौके पर बड़े पैमाने पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग के साथ राजस्थान उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दी गई थी l जिसके परिणाम स्वरूप न्यायमूर्ति शुभा मेहता और पकंज भंडारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इन विवाहों पर रोक लगाने के सख्त आदेश सहित पंच-सरपंचों की जवाबदेही तय करने हेतु निर्देशित किया है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आर. केग के अध्यक्ष एवं शिक्षाविद डॉ. शरद चंद्र पुरोहित ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई को बहुआयामी बताते हुए समाज के सभी स्तरों पर कार्रवाही होना आवश्यक बताया. डॉ. पुरोहित ने पंडित,मौलवी, हलवाई, समाज के प्रमुख लोगों सहित विभिन्न हितधारको को बाल विवाह के प्रति जागरूक करने की बात कही.

इस अवसर पर राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य ध्रुव कुमार कविया, बाल कल्याण समिति उदयपुर की कार्यकारी अध्यक्ष यशोदा पडिया, शिक्षाविद शिवजी गौड़ ने भी अपने सुझाव एवं अभियान को सफल बनाने हेतु विचार प्रकट किये.

कार्यक्रम के अंत में अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता हेतु पोस्टर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया. कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य सुरेश शर्मा, बाल सुरक्षा नेटवर्क से बी.के. गुप्ता, रोटरी क्लब से संगीता शर्मा, आर.केग की सदस्य राजश्री गांधी सहित विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल कल्याण समिति, विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

अभियान के प्रचार-प्रसार एवं जनजागरूकता के लिए पोस्टर का विमोचन करते अतिथि.
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