उत्तर प्रदेश: देर रात बीएचयू के काटते थे चक्कर, लड़कियों से करते थे छेड़खानी!

बीएचयू में छात्रा से गैंगरेप के आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल, पुलिस से पूछताछ में अहम जानकारी दी।
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
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बनारस। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के आईआईटी कैम्पस की बीटेक छात्रा के साथ गैंगरेप करने के मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पुलिस आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं अब तक की पुलिस पूछताछ में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आये हैं। पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि वह रोजाना देर रात बीएचयू का चक्कर काटने जाते थे। इससे पहले भी छात्राओं से छेड़खानी की थी। इसके साथ ही घटना वाले दिन तीनों आरोपियों ने शराब भी पी रखी थी।

गौरतलब है कि वाराणसी के बीएचयू आईआईटी कैम्पस में 1 नवंबर 2023 की आधी रात करीब 1:30 बजे दोस्त के साथ जा रही छात्रा से गैंगरेप किया था। इतना ही नहीं, गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े भी उतरवाकर वीडियो बनाए थे। इसके बाद कई दिनों तक कैंपस में भारी विरोध-प्रदर्शन हुआ था। फिलहाल, आरोपियों की पहचान बृज एनक्लेव कॉलोनी सुंदरपुर के कुणाल पांडेय जो कि वर्तमान समय में महानगर के आईटी सेल का संयोजक, जिवधीपुर बजरडीहा के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान बीजेपी वाराणसी महानगर आईटी सेल का कार्य समिति सदस्य और बजरडीहा के सक्षम पटेल बीजेपी वाराणसी महानगर के आईटी सेल के सह -संयोजक के रूप में हुई हैं।

पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि एक नवंबर की रात वारदात को उन्होंने अंजाम दिया। कुणाल की बुलेट पर बैठकर घटना को अंजाम देने गए थे। दो और तीन नवंबर को उन्होंने देखा कि घटना के विरोध में आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इस पर तीनों डर गए और शहर छोड़कर मध्य प्रदेश चले गए। मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव प्रचार में लग गए। मतदान से पहले तीनों वापस शहर आए और गुपचुप तरीके से रह रहे थे। समय बीतता गया तो तीनों आश्वस्त हो गए थे कि अब वह गिरफ्तार नहीं होंगे। मिली जानकारी के मुताबिक तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

बीएचयू कैंपस में 11 घंटे तक चला था विरोध-प्रदर्शन

गौरतलब है कि वारदात के बाद 2 नवंबर की सुबह छात्रा ने लंका थाने में शिकायती आवेदन दिया था। जैसे ही छात्रों को घटना के बारे में पता चला, करीब 2500 छात्रों ने राजपूताना हॉस्टल के सामने प्रोटेस्ट किया। इसके बाद विरोध की हवा पूरे कैंपस में फैल गई थी। देखते ही देखते भारी संख्या में छात्र विरोध में शामिल हो गए थे। स्टूडेंट्स ने विरोध करते हुए पूरा कैंपस बंद करा दिया था। क्लास और लैब में रिसर्च का काम भी बंद कर दिया गया था। पूरे कैंपस में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी। 11 घंटे छात्रों का धरना चला था। इसके बाद पुलिस और आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर ने छात्रों के साथ बैठक की थी। उन्हें भरोसा दिया था कि 7 दिन में सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे। प्रशासन ने आईटी बीएचयू और बीएचयू के बीच दीवार बनाने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में दीवार बनाने के फैसले को वापस ले लिया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मांगी केस की विस्तृत रिपोर्ट

इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री ऑफिस यानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन से पूरे केस की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद केस में पहली कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी लंका अश्विनी पांडेय को लाइन हाजिर करते हुए पुलिस लाइन भेज दिया गया था। जबकि सीएम योगी ने भी कमिश्नर कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर से फोन पर बात की थी। उन्हें आईआईटी प्रशासन के साथ बात कर छात्र-छात्राओं के लिए कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा था।

100 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले थे

100 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले गए थे। जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी और पूरे केस में क्राइम ब्रांच, सर्विलांस सेल, साइबर सेल सहित आठ टीमें लगाई गईं थीं। जिसके 60 दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर सकी है। वहीं डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मदद से तीनों आरोपियों को चिह्नित कर उन्हें उनके घर से सर्विलांस सेल, क्राइम ब्रांच और लंका थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। तीनों के खिलाफ कठोर निरोधात्मक कार्रवाई प्रभावी तरीके से की जाएगी।

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