MP के विदिशा में निजी स्कूल के बच्चों के साथ टीचर कर रहा था यौन शोषण, पुलिस ने दर्ज किया मामला

विदिशा के निजी स्कूल में बच्चों के साथ यौन शोषण की गंभीर घटना सामने आने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया है।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज में स्कूली बच्चों के साथ यौन शोषण का एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप एक निजी स्कूल के शिक्षक सत्यम रघुवंशी (25) पर है, जो स्कूल में पढ़ाने के साथ-साथ ट्यूशन भी पढ़ाता था। घटना से जुड़े कुछ वीडियो परिजनों तक पहुंचे, जिसके बाद बच्चों से पूछताछ की गई। जांच में सामने आया कि यह शर्मनाक कृत्य लंबे समय से चल रहा था।

बच्चों को धमकाता था टीचर

पीड़ित बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि शिक्षक बच्चों को धमकी देता था कि अगर उन्होंने किसी को कुछ बताया तो वह उनके परिवार को नुकसान पहुंचाएगा, स्कूल में उनकी दोस्ती खत्म करवा देगा और उन्हें परीक्षा में फेल कर देगा। शिक्षक ने 5वीं से 8वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के दौरान इन अपराधों को अंजाम दिया।

थाने पहुंचे पीड़ितों के परिजन

घटना के खुलासे के बाद कई पीड़ित बच्चों के माता-पिता, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं, पुलिस थाने पहुंचे। सिरोंज के एसडीओपी उमेश तिवारी ने बताया कि अब तक 5 बच्चों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि पीड़ित बच्चों की संख्या 25 से अधिक हो सकती है। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है, और उससे पूछताछ जारी है।

आरोपी शिक्षक पिछले तीन वर्षों से स्कूल में पढ़ा रहा था। वह शादीशुदा है और उसका एक साल का बच्चा भी है। आरोपी के परिवार में उसकी पत्नी, माता-पिता और दो भाई रहते हैं। एसपी रोहित केशवानी ने कहा कि मामले में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल जांच में लापरवाही

मामले में पुलिस द्वारा बच्चों का मेडिकल परीक्षण करवाने की प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप भी सामने आया। सिरोंज के अस्पताल में बच्चों का मेडिकल होना था, लेकिन शाम 5 बजे से लेकर रात 11 बजे तक परिजन अस्पताल में इंतजार करते रहे। बीएमओ डॉ. विकास बघेल छुट्टी पर थे और प्रभारी डॉक्टर गोलू जाटव भी उपलब्ध नहीं थे। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने मेडिकल अनुभव न होने की बात कहकर जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इस लापरवाही से नाराज परिजन बच्चों को लेकर पुलिस थाने लौट गए। बाद में बच्चों को दोबारा अस्पताल लाया गया।

NCRB: बच्चों के खिलाफ बढ़ रही घटनाएं

यह घटना एक बार फिर प्रदेश में महिला और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों की दर लगातार बढ़ रही है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 4,28,278 की तुलना में 4% की वृद्धि है। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7% (1,49,404 मामले) की वृद्धि दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में भी बच्चों के खिलाफ मामले बढ़े हैं। आंकड़ों के अनुसार राजधानी भोपाल में साल 2022 में 758 अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए।

बाल आयोग ने लिया संज्ञान

विदिशा के निजी स्कूल में बच्चों के साथ यौन शोषण की गंभीर घटना सामने आने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि हमने पुलिस अधीक्षक से जांच प्रतिवेदन मांगा है। हम इस घटना की जांच की भी निगरानी कर रहे है।

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