रांची - रांची के एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में एक शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील चैट और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद अब स्कूल प्रबंधन पर मामले को दबाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ‘द मूकनायक’ ने मंगलवार 19 अगस्त को सबसे पहले टीचर की एक करतूत का खुलासा करते हुए खबर प्रकाशित किया था जिसके बाद रांची जिला आयुक्त (डीसी) मनजूनाथ भजंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मंगलवार रात को ही जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) को मामले की जांच के निर्देश दिए।
श्रद्धानंद सेवाश्रम मध्य विद्यालय के आरोपी शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की बजाय प्रिंसिपल अनुज कुमार सिंह पर अब उसे बचाने का आरोप लगाया जा रहा है। आरोपी टीचर स्कूल में साइंस , गणित और इंग्लिश सब्जेक्ट पढाता है। मामला जगजाहिर होने के बाद वह स्कूल नहीं आया। बताया जाता है कि स्कूल की एक सीनियर टीचर आरोपी अभिषेक कुमार सिन्हा की रिश्तेदार हैं।
जानकारी के अनुसार, 18 अगस्त को यह मामला स्कूल प्रिंसिपल और स्टाफ के सामने आया। इसके बाद प्रिंसिपल अनुज कुमार सिंह ने आरोपी शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा को एक नोटिस जारी किया। हैरानी की बात यह है कि जब इस टीचर को 'स्कूल की गरिमा को भंग' करने और अपने 'आचरण से स्कूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने' को लेकर प्रिंसिपल ने नोटिस भी दिया लेकिन जब मामला सार्वजनिक हुआ और रांची उपयुक्त द्वारा मामले की जाँच बिठाई गई तब जांच में सहयोग करने की बजाय स्कूल प्रिंसिपल नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील व्यवहार करने वाले टीचर को सदाचारी बताने की जुगत में लग गए और जांच करने वाली टीम को कह दिया कि स्कूल की किसी छात्रा से कोई शिकायत नहीं मिली है और ऐसा कोई मामला नहीं है।
एक लोकल मीडिया चैनल से बातचीत में अनुज कुमार सिंह साफ़ झूठ कहते हैं कि, " छात्राओं से हमें कोई जानकारी नहीं मिली। यह हवा से पता चला कि Instagram पर कुछ यह शेयर करते हैं और बच्चियों से क्या करते हैं, इसके बारे में कोई जानकारी हमें नहीं है। हमारे संज्ञान में जो बात कल आई 18 तारीख के शाम में हमें मिला कि कुछ गलत गतिविधियां चल रही है , विद्यालय में पठनपाठन में व्यवधान आ रहा है। तब इसी पर हम उनको एक पत्र दिए कि विद्यालय की गरिमा को ठेस ना करें। सोशल मीडिया से हम जुड़े नहीं रहते हैं ना Instagram चलाना आता है।" सिंह ने आगे बताया, " हम पत्र यही जारी किए कि विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आपके द्वारा पता चला है तो आइंदा से ऐसी गलती करेंगे तो आपको निलंबित करने की अनुशंसा की जाएगी।"
आरोपी शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा 19 दिसंबर 2023 से इस स्कूल में पदस्थ थे। बताया जाता है कि फरवरी 2024 से ही उन्होंने छात्राओं के साथ अश्लील चैट करना शुरू कर दिया था और यह सिलसिला लगातार चलता रहा। जानकारों का कहना है कि उन्होंने कई छात्राओं के साथ ऐसी ही अश्लील बातचीत की। स्कूल की एक सीनियर टीचर को एक पीड़ित छात्रा ने आप बीती शेयर की जिसके बाद स्कूल ने अपने स्तर पर कुछ लडकियों से बात की और करीब 4-5 छात्राओं ने इस शिकायत की पुष्टि भी की। लेकिन प्रिंसिपल द्वारा कोई कड़ी कारवाई नहीं करने से तनावग्रस्त होकर किसी ने गुमनाम शिकायत शिक्षा विभाग के सचिव और अन्य अधिकारियों को भेजी।
दिलचस्प बात यह है कि स्कूल के अन्य शिक्षकों ने आरोपी को "अच्छे व्यवहार वाला" बताया है। उनका कहना है कि वह स्कूल की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे, विज्ञान और गणित जैसे विषय पढ़ाते थे और 15 अगस्त के कार्यक्रम में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। अन्य शिक्षकों ने कहा कि उन्हें कभी भी अभिषेक के व्यवहार पर कोई संशय नहीं हुआ और न ही यह डर था कि वह इस तरह की हरकत कर सकते हैं। यह बयान छात्राओं द्वारा की गई पुष्टि के ठीक विपरीत है। इधर, 20 अगस्त को आरोपी टीचर स्कूल के WhatsApp ग्रुप से लेफ्ट हो गए। उससे पहले उसने एक माफ़ी मांगते हुए Voice Note भेजा जिसमे आरोपी ने साथी शिक्षकों से रुआंसे स्वर में माफ़ी मांगी और कहा कि एक साल पहले हुई गलती मानकर वह माफ़ी मांग चुका है लेकिन बेइज्जत करने के लिए सब हो रहा है। वह ये भी कहता है कि आज बहुत सारे टीचर्स खुश होंगे और सबसे ज्यादा बच्चे खुश होंगे।
इस कांड को लेकर जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। जांच समिति ने स्कूल के शिक्षकों और छात्रों से बात की। हालांकि, शुरुआत में किसी ने भी खुलकर सामने आने से हिचकिचाहट दिखाई। लेकिन जिस छात्रा के साथ 'वर्जिनिटी लूज करने' जैसी घृणित चैट की गई थी, उसकी पहचान शिक्षा विभाग को हो गई है। नाबालिग से परामर्शदाता (counselors) बात करेंगे ताकि उसके आघात को समझा जा सके और उसकी मनोदशा का आकलन किया जा सके।
जांच की प्रगति को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने द मूकनायक को बताया की आरोपी टीचर बुधवार को स्कूल नहीं आया और उसका फोन भी स्विच ऑफ रहा। जांच को लेकर चुनौतियों का जिक्र करते हुए बादल राज कहते हैं कि चैट की सत्यता परखने के लिए फोरेंसिक जांच तभी हो पायेगी जब पुलिस इस मामले में इन्वोल्व होगी और पुलिस सहायता लेने के लिए सबसे पहले हमें पीड़ित छात्रा/छात्राओं को विशवास में लेकर उनका भय दूर कर शिकायत लेनी पड़ेगी। मामले को स्कूल द्वारा दबाने के आरोप पर अधिकारी ने जोर देकर कहा कि झारखण्ड सरकार खासकर रांची प्रशासन बालिकाओं के साथ यौन दुराचरण जैसे मामलों को लेकर बहुत संवेदनशील है और जांच पूरी इमानदारी के साथ होगी। रिपोर्ट गुरूवार शाम तक सबमिट होने की संभावना है।
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