MP: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उप नेता प्रतिपक्ष पर फिर शुरू होगी रेप केस की जांच, DIG स्तर के अधिकारी करेंगे निगरानी

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह एक गंभीर प्रकृति का मामला है और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इसकी जांच वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में होनी चाहिए।
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मध्यप्रदेश विधानसभा
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मध्यप्रदेश विधानसभाInternet
Published on

भोपाल। भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म मामले की जांच एक बार फिर से शुरू की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त 2025 को इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि जांच अब भोपाल रेंज के डीआईजी स्तर के अधिकारी की निगरानी में की जाएगी। यह आदेश मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर सुनवाई के दौरान दिया गया है।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती और हेमंत कटारे जांच में पूरा सहयोग करते हैं, तब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि इस मामले में चार सप्ताह के भीतर राज्य सरकार को जवाब (काउंटर एफिडेविट) दाखिल करना होगा, जिसके बाद अगली सुनवाई की जाएगी।

सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती

यह मामला तब दोबारा चर्चा में आया जब मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी गई थी और उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू, अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित शर्मा और अन्य अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा, वहीं हेमंत कटारे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गगन गुप्ता ने पैरवी की।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह एक गंभीर प्रकृति का मामला है और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इसकी जांच वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में होनी चाहिए। कोर्ट ने साफ किया कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, हेमंत कटारे को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, बशर्ते वह जांच में सहयोग करें।

क्या है मामला?

यह मामला साल 2018 का है, जब भोपाल में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही 21 वर्षीय एक छात्रा ने कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर बलात्कार और अपहरण के गंभीर आरोप लगाए थे। छात्रा की शिकायत पर भोपाल के महिला थाने में मामला दर्ज किया गया।

उधर, विधायक कटारे ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश बताया और दावा किया कि छात्रा उन्हें ब्लैकमेल कर करोड़ों रुपये की मांग कर रही थी। इसके आधार पर छात्रा को गिरफ्तार भी किया गया।

बाद में जब छात्रा जेल से बाहर आई तो उसने मीडिया के सामने कहा कि विधायक और पुलिस ने मिलकर उसे झूठे केस में फंसाया। उसने एक बार फिर यौन शोषण के आरोप दोहराए।

मामले ने नया मोड़ तब लिया जब 2019 में छात्रा ने प्रयागराज में आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया।

घटना के बाद तत्कालीन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की फिर से जांच कराने की मांग की थी। अब सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में है, जिसमें जांच की निगरानी DIG स्तर के अधिकारी द्वारा करने का निर्देश दिया गया है।

टाइमलाइन से समझें अबतक क्या हुआ ?

जनवरी 2018: भोपाल में पत्रकारिता की छात्रा ने कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर दुष्कर्म, अपहरण और धमकाने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई।

फरवरी 2018: पीड़िता ने आरोप लगाया कि कटारे ने दोस्ती के बहाने कई बार उसका शोषण किया और धमकाया। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ।

मार्च 2018: हेमंत कटारे ने दावा किया कि यह एक झूठा केस है और छात्रा उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। उन्होंने खुद पीड़िता के खिलाफ फिरौती मांगने और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज कराया।

अप्रैल 2018: पीड़िता ने मीडिया के सामने बयान दिया कि उसने झूठे आरोप लगाए थे और हेमंत कटारे निर्दोष हैं। लेकिन बाद में वह अपने बयान से फिर पलट गई।

दिसंबर 2024: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हेमंत कटारे को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी और जांच में सहयोग का निर्देश दिया।

जनवरी 2025: राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की।

4 अगस्त 2025: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस केस की जांच डीआईजी स्तर के अधिकारी की निगरानी में होगी और कटारे को गिरफ्तारी से राहत दी जाएगी, जब तक वे जांच में पूरा सहयोग करते हैं।

उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मध्यप्रदेश विधानसभा
MP: वन भूमि पर कब्जे को लेकर गरमाया सियासी संग्राम, आदिवासी अधिकारों की अनदेखी या अवैध कब्जों पर लगाम?
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मध्यप्रदेश विधानसभा
MP: श्रम कानूनों में तीन बड़े संशोधन, श्रमिकों को हड़ताल करने से छह सप्ताह पहले देना होगा नोटिस
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मध्यप्रदेश विधानसभा
MP: बागेश्वर धाम में महिलाओं को जबरन एम्बुलेंस से ले जाए जाने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने लगाए गंभीर आरोप

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com