देह व्यापार के लिए मजबूर करने की घटनाओं पर मानवाधिकार आयोग का सभी राज्यों को नोटिस
नई दिल्ली। महिलाओं को आकर्षक नौकरी दिलाने के नाम पर देह व्यापार के धंधे में धकेलने की घटनाओं पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने चिंता जताई है। आयोग ने इस मामले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने पूछा है कि ऐसे आसमाजिक तत्वों के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इस बाबत मीडिया में आई खबर का खुद संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है।
मीडिया की खबर में बताया गया था कि रांची के एक होटल में छापेमारी के दौरान पकड़ी गई अधिकांश महिलाओं ने जानकारी दी थी कि उन्हें बेबसी के कारण देह व्यापार के धंधे में कूदना पड़ा है। इनमें से कुछ को उनके सगे संबंधियों ने ही इस गंदे धंधे में धकेला था। अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें इसे स्वीकार करना पड़ा।
आयोग का कहना है कि अगर महिलाओं की यह दास्तान सही है तो यह उनके मानवाधिकार का गंभीर हनन है। ऐसी ज्यादातर महिलाएं रोजगार की मजबूरी के कारण गलत राह पर डाल दी गई। सारे देश में यह समस्या है।
भारत में देह व्यापार के ताजा आंकड़े
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के अनुसार, भारत में 8 लाख से अधिक महिला यौनकर्मी हैं, और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार 6000 से अधिक महिला यौनकर्मी शारीरिक हिंसा और अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार का शिकार हुई हैं।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.