'सिविल सर्जन रात में शराब पीकर..' एमपी में नर्सों ने की शिकायत, CMHO ने की जांच समिति गठित

नर्सों ने बताया कि सिविल सर्जन रात में शराब पीकर उन्हें फोन करते हैं। कहते हैं कि मुझसे बात करोगी तो तुम्हें इंचार्ज बना देंगे।
मुरैना जिला अस्पताल, मध्य प्रदेश
मुरैना जिला अस्पताल, मध्य प्रदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना जिला अस्पताल में फीमेल नर्सिंग स्टाफ ने सिविल सर्जन पर शराब पीकर अश्लील बातें करने के आरोप लगाए हैं। नर्सों ने शनिवार को इस मामले में कलेक्टर से लिखित शिकायत की है, साथ ही थाने में भी शिकायती पत्र दिया। शिकायत के बाद सीएमएचओ ने जांच कमेटी बनाने की बात कही है।

शिकायत के मुताबिक, अस्पताल की एक नर्स को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। 23 अप्रैल को वह सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर के कार्यालय में मौजूद स्थापना कार्यालय में पहुंची। उसने वहां के बाबू होशियार सिंह से वेतन निकलवाने की बात कही। जिस पर बाबू होशियार सिंह ने टालमटोल किया और नर्स को सिविल सर्जन से मिलने की सलाह दी। नर्स ने कहा कि वह सिविल सर्जन से नहीं मिलना चाहती, क्योंकि वे उसे प्रताड़ित करते हैं। बाबू होशियार सिंह बोला कि सिविल सर्जन के आदेश पर ही वेतन मिलेगा। उसने सिविल सर्जन का हवाला देकर आपत्तिजनक बात की।

जिसके बाद नर्स ने अस्पताल की मेट्रन को पूरी बात बताई। उसने बताया कि सिविल सर्जन उस पर गंदी नजर रखते हैं। अस्पताल की दूसरी नर्सों को भी जब इस मामले का पता चला तो वे भी मेट्रन के पास पहुंची और अपनी-अपनी बात रखीं। नर्सों ने बताया कि सिविल सर्जन रात में शराब पीकर उन्हें फोन करते हैं। कहते हैं कि मुझसे बात करोगी तो तुम्हें इंचार्ज बना देंगे।

कलेक्ट्रेट पहुंची अस्पताल की नर्सें

नर्सों की शिकायतें सुनने के बाद मेट्रन सभी नर्सों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद को अपनी समस्याएं बताई और सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने नर्सों का शिकायती आवेदन ले लिया और कहा कि सोमवार को इस संबंध में बात करेंगे। इसके बाद नर्से महिला थाना भी पहुंचीं। यहां आवेदन देकर सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र तोमर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद नर्से सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा के पास पहुंची। उन्हें भी अपनी परेशानी बताई। जिस पर डॉ. राकेश शर्मा ने जांच कमेटी बनाने की बात कही है।

जिला अस्पताल की पीड़ित नर्स ने बताया कि सिविल सर्जन कई नर्सों के साथ इस तरह हरकत करते हैं। लेकिन नौकरी जाने के डर से किसी ने शिकायत नहीं की। अस्पताल में ज्यादातर नर्से जिले के बाहर की हैं। यहां किराए पर कमरे लेकर रह रही हैं। जब मामला खुला तो सभी एकत्रित होकर शिकायत करने गए।

इस संबंध में जब द मूकनायक ने सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर से बात की तो उन्होंने नर्सों के लगाए सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि, नर्स अवकाश का भुगतान चाह रही थीं। मैंने कोई अभद्रता नहीं की है। इधर, सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि ये मामला गंभीर है। वे इस मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करेंगे। जिसमें एक महिला व एक पुरुष डॉक्टर होगा। इसमें मेट्रन रहेंगी और उनकी डिप्टी एमआई शामिल होंगी। वे तीन दिन के अन्दर जांच रिपोर्ट बनाकर उन्हें सौपेंगे जिसे वे शासन को सौपेंगे। 

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