मीट शॉप बंद कराने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद माफी में क्या बोले MLA बाल मुकुंदाचार्य?

जानिए हवामहल विधायक बाल मुकुंदाचार्य आखिर क्यों आए बैकफुट पर...
सोशल मीडिया पर सार्वजानिक रूप से माफी मांगते बाल मुकुंदाचार्य.
सोशल मीडिया पर सार्वजानिक रूप से माफी मांगते बाल मुकुंदाचार्य.फोटो साभार- फेसबुक

जयपुर। हवामहल विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक बाल मुकुंदाचार्य जहां एक दिन पहले तक अपने निर्वाचन क्षेत्र की सड़कों पर समर्थकों की भीड़ के साथ फुटपाथ व दुकानों में नॉनवेज बेचने वालों व अधिकारियों को हड़काते नजर आए। वहीं अब इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज होने के बाद विधायक ने बैकफुट पर आकर सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली है।

अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर विधायक ने माफी मांगने के साथ कहा कि मेरा मकसद किसी वर्ग विशेष को परेशान करना नहीं था। मैं चाहता हूं कि हम सब मिलकर हमारे क्षेत्र को स्वच्छ व स्वस्थ्य बनाएं।

विधायक की मनमानी कार्रवाई पर मानव अधिकार संगठन पीयूसीएल ने विभिन्न समाजिक संगठन व कार्यकर्ताओं ने भी एतराज जताते हुए इसे पथ विक्रेता कानून का उलंघन बताया है। आमजन भी सोशल मीडिया पर विधायक की एकतरफा कार्रवाई का विरोध करते दिखे। कुछ लोगों ने पूछा कि यह विधायक महोदय को हाइजीन की चिंता है या फिर राजनीतिक एजेडा?

आपकों को बता दें कि, जयपुर शहर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद शपथ लेने से पूर्व ही बाल मुकुंदाचार्य सोमवार को समर्थकों के साथ हवामहल विधानसभा क्षेत्र की सड़कों पर नॉनवेज की अलग-अलग दुकानों पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने सीधे ही दुकानदारों से नॉनवेज बेचने के लाइसेंस मांगे थे। समर्थक भी अपने स्तर पर समुदाय विशेष के नॉनवेज विक्रेताओं को धमकाते दिखे। भीड़ के डर से कई फुटपाथ पर नॉनवजे बेचने वाले दुकानें बंद करने लगे।

इस दौरान विधायक ने किसी अधिकारी को भीड़ के बीचे से फोन कर नॉनवेज विक्रेताओं के लाइसेंस चेक करने के आदेश दिए। कुछ देर बाद संबंधित अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. विधायक ने सभी नॉनवेज विक्रेताओं के लाइसेंसो की जांच करने को कहा। विधायक की मनमानी कार्रवाई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए तो, जवाब में लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आई।

मानव अधिकार संगठन पीयूसीएल ने भी विधायक की इस कार्रवाई को गैर संवैधानिक बताते हुए प्रेस नोट जारी कर कड़ा एतराज जताया था। पीयूसीएल की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने प्रेस नोट में कहा कि लोगों के खान पान की अभिरुचियों के सांस्कृतिक अधिकार (द राइट टू माय चॉइस ऑफ डइटरी प्रैक्टिसेज) पर हमला कर देते हुए कहा कि राजस्थान जैसे प्रदेश में लोगों के खाने, पहनने व जीवन जीने के तरीकों में विविधता है। इसे लेकर कभी भी कोई संघर्ष नहीं रहा है, ऐसे में नागरिकों के भोजन की आदतों में हस्तक्षेप गलत परंपरा की शुरुआत है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज

डीके फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस संस्था ने भी हवामहल विधायक बाल मुंकुंदाचार्य द्वारा अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र की सड़कों पर जाकर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के जयपुर शहर में फुटपाथ और दुकानों में नॉनवेज बेचे जाने के खिलाफ सीधा एक्सन अल्पसंख्यक व्यवसायकों विरोधी व पथ विक्रेता कानून का उलंघ करार दिया है।

इस घटना को लेकर फांउडेशन अध्यक्ष अदनान अहमद कुरैशी ने विधायक बाल मुकुंदाचार्य के खिलाफ राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को शिकायत भी की है। फाउंडेशन अध्यक्ष अदनान कुरैशी अहमद ने कहा कि उनकी शिकायत दर्ज कर ली गई है। जल्द ही शिकायत पर कार्रवाई भी होगी।

मानव अधिकार आयोग को दी गई शिकाय में पीयूसीएल संगठन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि पथ विक्रेता कानून में वेज और नॉनवेज का कोई जिक्र नहीं है। वेंडिग जॉन बनाए जाने तथा टाउन वेंडिंग कमेटी गठित कर पथ विक्रेताओं को सुरक्षा देने का नियम है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज होने के बाद अदनान कुरैशी ने द मूकनाकय से बात करते हुए कहा कि, हवामहल विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें (बाल मुकुंदाचार्य) को विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा है। उन पर विश्वास जता कर भेजा है। जनता में डर पैदा करने के लिए विधायक नहीं चुना है।

कुरैशी ने कहा कि कोई भी अधिकारी हो या विधायक इनका फर्ज बनता है कि कोई गलत भी कर रहा तो पहले लीगल तरीके से नोटिस देकर या समझाईश कर रोका जा सकता है। यह तरीका कतई गलत है कि आप किसी को भी सीधा जाकर धमकाने लगे।

उन्होंने विधायक के लिए कहा कि आप एक तरफ कह रहे हैं कि यह छोटी काशी है, कराची नहीं। हम कहते हैं ना तो यह कराची है, ना ही काशी है। यह मोहब्बतों का गुलाबी शहर है। और अगर आपके हिसाब से यह छोटी काशी है, तो गोविंद देवजी के मंदिर के पास आधा दर्जन से अधिक शराब के ठेके हैं। निर्धारित समय के पश्चात मंदिर के पास रात के दो बजे तक शराब बेची जाती है। रामगढ़ मोड़ और जोरावर सिंह गेट पर हुड़दंग होता है। उन पर कार्रवाई कब होगी। या फिर विधायक साहब ने नियम विरुद्ध मंदिरों के पास शराब की छूट दे रखी है।

उन्होंने कहा कि आप मांस बंद करवा रहे हो, तो शराब भी बंद करवाएं। समान कार्रवाई होनी चाहिए। जनता की समस्या उठाने के लिए आपको विधायक चुना है नाकि लोगों को धमकाने के लिए। यह अमनपसंद शहर में गलत परंपरा डाली जा रही है। यहां के नागरिक इस पंरपरा को स्वीकार नहीं करेंगे।

विरोध के बाद मांगी माफी

अखिल भारतीय राजस्थान संत समिति अध्यक्ष एवं हवामहल जयपुर विधायक बाल मुकुंदाचार्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर कहा कि "कल मेरा एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मैं अधिकारियों से बात कर रहा हूं। पिछले कई वर्षों से में इस बारे में अधिकारियों से बात कर रहा हूं कि परकोटे में सभी विधानसभा क्षेत्रों में खुले आम रोड पर मंदिरों के आस पास गली मोहल्लों में हर कोने पर बहुत सारी मांस की दुकाने खुली हुई हैं।"

"मांस की दुकानों के लिए नियम होता है। आप जो भी मांस का काम करते हैं, कच्चा या पक्का उसमें आपकों ढंक के रखना पड़ता है। लाइसेंस लेना पड़ता है। इस संबंध में कई संगठनों व माता बहनों की शिकायतें आती रही है कि हमारे इलाके में खुले आम मांस की दुकाने खुली हुई है।"

विधायक ने आगे कहा कि, "सबका अपना काम है। आप करें, लेकिन सबका अपना नियम है। नियम के अनुसार आप करें। लाइेंसस लेकर व ढंकर कर आप करें, ओपन रख कर नहीं कर सकते। कल मैंने सुबह से अधिकारियों को फोन करना शुरू किया। हर जगह हजारों की संख्या में मांस की दुकाने खुली हैं।"

उन्होंने कहा मुझे कोई दिक्कत नहीं है। दुकाने खुली है। खुले। जिसको खाना है खाएगा। जिसकों बेचना है बेचेगा। मेरा इतना सा निवेदन था कि इनकों आप चेक करें। नियमानुरूप काम करें। जो नियम से नहीं उनको आप बंद करदें। जब नियम फॉलो करें तो खोले हमें कोई आपत्ती नहीं है।

विधायक ने वीडियो में कहा कि एक अधिकारी तीन घंटे बाद टीम लेकर आए। हमने कहा आप मौके पर चलकर पूछे। उन्होंने दस से बारह दुकानों पर जाकर पूछा तो उनके पास लाइसेंस नहीं था। अधिकारियों को देख कर वो छोड़ कर भाग गए। इसे लेकर ऐसे माहौल बनाया गया कि मैं किसी के खिलाफ हूं।

विधायक ने आगे कहा, परकोटे में मंदिर है। लोगों का आवागमन है। पर्यटक आते हैं फोटो खींचते कर भेजते होंगे। हमारी क्या छवी विदेशों में जाती होगी। वो नालों पर गंदगी में भी काम कर रहे हैं। यह लोग सुबह शाम ऑपन में मार्केट सजाते हैं। इससे धुुआं निकलता है। दुर्गन्ध निकलती है। जो लोग इससे परहेज करते हैं उनको समस्या उत्पन्न होती है। मैंने तो बस यह निवेदन किया था। मेरा गला खराब है, जुकाम है। हमने अधिकारियों से बस इतना कहा कि शाम तक आप इस बारे में रिपोर्ट दें। मैं आम नागरिक के रूप में शिकायतकर्ता के रूप में बोल रहा हूं। मैंने यह बात बोली बस। इस बात से किसी को बुरा लगा तो मैं क्षमा मांगता हूं। किसी वर्ग विशेष के लिए मैंने नहीं कहा। यह मेरा पूरा परिवार है। हम लोग सबका विश्वास व साथ चाहते हैं। आप सब लोग मेरा सहयेाग करें ताकि हमारी विधानसभा को हम स्वस्थ्य व स्वच्छ बना सकें।"

हालांकि, अब विधायक का माफी वाला वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स राजस्थान (एपीसीआर) प्रदेश महासचिव मुरम्मिल रिजवी ने कहा कि खुले में वेज या नॉनवेज बेचना गलत बात है। हाईजीन का खतरा रहता है। यह सच है। आप नॉनवेज खुले में रखे या फिर मिठाई रखें स्वास्थ्य के एतबार से नुकसान दायक है। हां फुटपाथ पर ठेले लगाने वाले हजारों लोग रोजगार पा रहे हैं। इनमें नॉनवेज वाले भी है। मिठाई व पकौड़ी बनाने वाले लोग भी शामिल हैं। इस तरह किसी एक समुदाय को टारगेट कर बेरोजगार करने की दिश में कदम उठाना गलत है। आप नियमानुसार कार्रवाई करे, कोई एतराज नहीं है। रिजवी ने कहा कि इस तरह एकतरफ़ा कार्रवाई आपके राजनीतिक एजेंडे में शामिल हो सकता है, लेकिन रोजगार पाना भी आम नागरिक का अधिकार है।

लेखक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हंसराज मीना ने भी जयपुर के घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा कि जयपुर के हवामहल से नवनिर्वाचित विधायक बाल मुकुंदाचार्य के साथ मीट की दुकान बंद कराने आए लोगों ने जिस प्रकार से एक समुदाय के लिए अभद्र शब्दों का उपयोग किया है, वह बेहद शर्मनाक है। मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि ऐसे गुंडे पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।

सोशल मीडिया पर सार्वजानिक रूप से माफी मांगते बाल मुकुंदाचार्य.
67वां महापरिनिर्वाण दिवस: ज्योतिबा फुले पर बनी वो फिल्म जिसे देखकर फफक कर रो पड़े बाबा साहब!
सोशल मीडिया पर सार्वजानिक रूप से माफी मांगते बाल मुकुंदाचार्य.
'यूपी में रोजगार नहीं है, हम आदिवासी क्यों मरने जाते उस टनल में..'; उत्तरकाशी हादसे के बारे में मजदूरों ने किए बड़े खुलासे
सोशल मीडिया पर सार्वजानिक रूप से माफी मांगते बाल मुकुंदाचार्य.
पले खाकर जमींदारों का जूठन, निवालों के लिए ये विख्यात दलित चिंतक कुत्तों से भी जूझे!

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

Related Stories

No stories found.
The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com