राजस्थान: पिता की मौत पर मृत्युभोज नहीं कर बालिका छात्रावास के लिए दिए सवा लाख रुपए, जानिए ऐसा क्यों किया..

सहायक अभियंता कृष्णमुरारी ने पिता के देहांत पर शुरु किया यह सराहनीय पहल।
सहायक अभियंता कृष्णमुरारी मोहनपुरिया का परिवार सवाल लाख रुपये की चेक राशि के साथ
सहायक अभियंता कृष्णमुरारी मोहनपुरिया का परिवार सवाल लाख रुपये की चेक राशि के साथफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

जयपुर। राजस्थान के झालावाड़ जिला परिषद कार्यालय में सहायक अभियंता कृष्ण मुरारी मोहनपुरिया ने अपने पिता की मौत के बाद समाजिक परम्परा से परे हटकर मोसर या मृत्युभोज पर राशि खर्च नहीं कर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख 25 हजार रुपये सामाजिक संस्था को भेंट कर दिए। अब यह राशि "रैगर ऑफिसर्स क्लब समिति" (R.O.C.) के माध्यम से रैगर समाज के प्रस्तावित बालिका छात्रावास पर खर्च होगी।

जयपुर जिले के जमवारामगढ़ के मूलनिवासी कृष्ण मुरारी मोहनपुरिया के पिता भौरीलाल जी का स्वर्गवास 85 वर्ष की उम्र में 1 फरवरी को हो गया था। 3 फरवरी को तीये की बैठक में उन्होंने सामाजिक परम्परा के अनुसार मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लिया। उनके पिता ने उनसे कहा था कि बेटा मैं अपनी बेटी को नहीं पढ़ा पाया, लेकिन तुझे समाज की बेटियो को भी पढ़ाना है।

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मोहनपुरिया द मूकनायक को बताते हैं कि, "पिता की मौत के बाद सामाजिक परम्परा के अनुसार 12वां (मृत्यु के 12 दिन होने पर) मोसर या मृतयभोज बंद करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। परिवार के साथ समाज के लोगों के तानों का डर भी सता रहा था। खास कर मां व पत्नी को राजी कर पाना मुश्किल हो रहा था।

उन्होंने आगे बताया कि, इस दौरान उन्होंने रैगर ऑफिसर्स क्लब समिति सदस्य एवं वर्तमान नागौर जिले में अतिरिक्त जिला कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया से बात की तो उन्होंने इस राशि को बालिका शिक्षा पर राशि खर्च करने की सलाह देते हुए बेटी स्नेहलता व बेटे आकाश तथा रोहित से बात कर उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया। तब उन्होंने बेटी व बेटों के साथ मिलकर मां छोटी देवी व पत्नी निर्मला देवी को मृत्युभोज नहीं कर इस पर खर्च होने वाली राशि 1 लाख 25 हजार रुपये बालिका छात्रावास के लिए खर्च करने पर राजी कर लिया। अब पूरा परिवार खुश है कि उनके सहयोग से समाज की बालिकाएं भी शिक्षित हो सकेगी।

क्या है R.O.C.?

राजस्थान में रैगर ऑफिसर क्लब समिति R.O.C. एक रजिस्टर्ड सामाजिक संस्था है। यह अधिकारियों के द्वारा बनाई गई है। इसके अध्यक्ष एक आईपीएस अधिकारी अध्यक्ष जयनारायण शेर हैं। यह संस्था 7 साल से समाज में शिक्षा की अलख जगाने के लिए काम कर रही है। संस्था से जुड़े नागौर के अतिरिक्त जिला कलक्टर मोहनलाल खटनावलिया ने द मूकनायक को बताया कि वर्तमान में 442 ऑफिसर्स संस्था से जुड़ें है। इसमें चिकित्सक, इंजीनियर्स, बैंक अधिकारी, कॉलेज प्रोफेसर, स्कूल प्रिंसिपल, आरएएस, आरपीएस के अलावा अन्य विभागों के लोग भी जुड़े हैं। यह सब राजस्थान के ही हैं। यह रैगर समाज का एक संगठन है।

क्या है उद्देश्य?

समाज के गरीब वर्ग को शिक्षित करना ही इस संगठन मकसद है। एडीएम खटनावलिया द मूकनायक से बात करते हुए कहते हैं कि, आर.ओ.सी. संगठन स्कॉलरशिप भी देता है। उनकी संस्था ने 7 सालों में 780 लड़कियों को व 300 के लगभग लड़को को स्कॉलरशिप दी है। 300 बच्चों को इस वर्ष स्कॉलरशिप देना प्रस्तावित है। अब तक 82 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी जा चुकी है। 30 लाख की स्कॉलरशिप इसी माह जारी होगी। उन्होंने कहा कि स्कॉलरशिप ऑनलाइन दी जाती है।

प्रस्तावित है बालिका छात्रावास

आर. ओ. सी. की स्कॉलरशिप कमेटी के स्टेट अध्यक्ष खटनावलिया बताते हैं कि उनके समाज में शिक्षा का स्तर कम है। विशेषकर बालिका शिक्षा की दर भी कुछ खास नहीं है। कुछ बालिकाएं पढ़ना चाहती हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने से बड़े शहरों में रहकर उच्च शिक्षा नहीं ले पाती।

आगे कहते हैं कि इसी वजह से उनकी संस्था ने बालिका छात्रावास बनाने का बीड़ा उठाया है। संस्था जयपुर शहर में बालिका छात्रावास बनाने का प्लान कर रही है। भूमि के लिये राज्य सरकार को आवेदन कर रखा है। भूमि आवंटन के बाद शैक्षिक दुविधाओं से सुसज्जित छात्रावास का निर्माण शुरू होगा। इससे राज्य भर की जरूरतमंद समाज की बालिकाएं छात्रावास में रहकर अपने सपनों को साकार कर सकेंगी।

बालिका छात्रावास के लिए अब तक समाज के 68 अधिकारियों ने लगभग 85 लाख रुपये भेंट किए हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, पिता की मौत पर मृत्यभोज नहीं कर सहायक अभियंता कृष्ण मुरारी मोहनपुरिया ने नेक काम किया है। समाज उनके इस कार्य के लिए आभारी है। अन्य समाज के लोगों को भी कुरीति पर राशि खर्च करने से परहेज कर शिक्षा के लिए खर्च करना चाहिए।

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