भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार जातीय और धार्मिक उन्माद से जुड़ी घटनाओं के बढ़ते क्रम ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इन घटनाओं को लेकर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान हमेशा से शांति, भाईचारे और सह-अस्तित्व की रही है, लेकिन हालिया घटनाएँ इस सामाजिक संतुलन को तोड़ने का काम कर रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने बयान में तीन प्रमुख घटनाओं का उल्लेख किया, जिन्होंने प्रदेश में असहज माहौल बना दिया है-
दमोह में जातिवादी उत्पीड़न की घटना: दमोह जिले में पिछड़े वर्ग के एक परिवार के साथ हुई जातीय भेदभाव की घटना ने पूरे प्रदेश में आक्रोश फैलाया है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि उच्च जाति के लोगों ने उन्हें न केवल सामाजिक रूप से अपमानित किया बल्कि उन्हें गाँव छोड़ने की धमकी भी दी।
ग्वालियर में वकील अनिल मिश्रा का विवादित बयान: ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से प्रदेशभर के दलित संगठनों में रोष व्याप्त है। इस बयान को लेकर भीम आर्मी, आज़ाद समाज पार्टी और कई सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है।
भोपाल में भड़काऊ पोस्टर: राजधानी भोपाल में बीते दिनों धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पोस्टर और नारों के माध्यम से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। इन पोस्टरों ने न केवल आम जनता में असहजता फैलाई बल्कि सामाजिक सौहार्द पर भी सवाल खड़े किए।
इन घटनाओं को लेकर सिंघार ने कहा- “दमोह की जातिवादी घटना, ग्वालियर में वकील अनिल मिश्रा का बेतुका बयान और भोपाल में लगे उन्माद फैलाने वाले पोस्टर, ये सभी घटनाएँ समाज में समानता के बजाय विभाजन और असमानता को बढ़ावा देती हैं। इनसे मेरे दिल को गहरा दुख पहुँचा है।”
सिंघार ने अपने बयान में डॉ. भीमराव अंबेडकर और भारतीय संविधान का हवाला देते हुए भाजपा और आरएसएस की विचारधारा पर सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा, “यह देश बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और उनके बनाए संविधान से चलेगा, न कि भाजपा और आरएसएस की व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से। जो लोग आज समाज को धर्म और जाति के नाम पर बाँटने की कोशिश कर रहे हैं, वे संविधान की आत्मा को कमजोर कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी देश के संविधान की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। “हम हर नागरिक के अधिकार, समानता और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। संविधान सिर्फ किताब का हिस्सा नहीं, बल्कि देश की आत्मा है, और कांग्रेस इस आत्मा की रक्षा के लिए मैदान में डटी रहेगी।”
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अपील की कि वे प्रदेश में बढ़ती नफरत की राजनीति और उन्माद फैलाने वाली घटनाओं पर तत्काल रोक लगाएँ।
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश शांति और सौहार्द की भूमि है। यहाँ किसी भी प्रकार की जातिवादी या धार्मिक असमानता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब बनी रहे।”
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसे मामलों पर मौन रहती है, तो यह संकेत देता है कि सरकार के संरक्षण में ही ऐसी ताकतें पनप रही हैं जो समाज में नफरत फैलाना चाहती हैं।
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