भोपाल। रतलाम जिले की राजनीति में शनिवार को तब हलचल मच गई जब सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार और उनके समर्थकों को रतलाम एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई। चार दिन तक जेल में रहने के बाद उन्हें रिहा किया गया। उनकी रिहाई की मांग को लेकर नाराज समर्थकों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। इधर, विधायक डोडियार ने घटना पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव विधनसभा में लगाया है।
5 दिसंबर को रतलाम जिला अस्पताल में विधायक डोडियार और डॉक्टर सीपीएस राठौर के बीच विवाद हुआ था। इसका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें डॉक्टर ने विधायक के लिए अपशब्द कहे थे। इसके जवाब में विधायक और डॉक्टर के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई। अगले दिन दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
डॉक्टर के निलंबन की मांग को लेकर विधायक और उनके समर्थक 11 दिसंबर को रतलाम के नेहरू स्टेडियम में प्रदर्शन करने वाले थे। प्रशासन ने इस प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद प्रदर्शन किया गया, जिसके कारण पुलिस ने विधायक और उनके 13 समर्थकों को बंजली हवाई पट्टी क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
शनिवार को विधायक डोडियार और उनके समर्थकों को एसडीएम कोर्ट ने जमानत दी। विधायक के वकील दिनेश गरवाल ने बताया कि पुलिस ने विधायक और समर्थकों को अपने वाहन से सैलाना कार्यालय तक छोड़ा। जिला जेल सर्किल अधीक्षक एलकेएस भदोरिया ने कहा कि जमानत आदेश मिलने के बाद सभी आरोपियों को जेल गेट से रिहा कर दिया गया।
विधायक की रिहाई में देरी होने के कारण उनके समर्थकों में आक्रोश था। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में मौन धरना देने और धोलावाड़ बांध से पानी रोकने की धमकी सोशल मीडिया पर दी थी। इससे प्रशासन सतर्क हो गया था।
भूरालाल (25) निवासी रावटी
दीपक (25) निवासी विनोबा नगर
दिनेश (25) निवासी रामपुरिया
दिलीपसिंह (28) निवासी रेहटी (सीहोर)
छोटू (18) निवासी भीलड़ी (रावटी)
सिद्धार्थ (50) निवासी भोपाल
ध्यानवीर (41) निवासी जाम्बूखादन
दिनेश (19) निवासी बड़ी सरवन
पप्पू (28) निवासी अडवानिया
मांगीलाल (45) निवासी पांडिचरी
जितेंद्र (28) और गौतमपुरी (34) निवासी सिंगापुरा (सीहोर)
डॉक्टर और विधायक के बीच विवाद अस्पताल में इलाज में देरी को लेकर हुआ था। डॉक्टर ने कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद विधायक के समर्थक उनके निलंबन की मांग करने लगे। इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया और प्रशासन ने इसे अवैध करार देते हुए गिरफ्तारियां की।
विधायक की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थक रतलाम पहुंचे और दिनभर प्रदर्शन किया। प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने इस पूरे घटनाक्रम को कानून व्यवस्था का मामला बताया। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इधर, विधायक कमलेश्वर डोडियार ने 'द मूकनायक' से बातचीत में बताया कि उन्होंने हाल ही में घटी इस घटना को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के रूप में उठाया है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा करने की मांग की। डोडियार ने कहा, "जब प्रदेश के एक विधायक के साथ इस तरह का व्यवहार हो सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा और सम्मान की स्थिति क्या होगी, इसकी कल्पना करना कठिन है।"
डोडियार ने आगे कहा कि यह घटना न केवल जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन है, बल्कि जनता के लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी चोट है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनप्रतिनिधियों की समस्याओं और जनता के मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था और शासन प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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