भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने बजट को महज सपने दिखाने वाला करार देते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह आम जनता को कोई रियायत नहीं दे रही और लगातार कर्ज के सहारे चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक हालात को छुपाने के लिए आंकड़ों का भ्रम फैला रही है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि महंगाई चरम पर है और आम आदमी पर करों का बोझ बढ़ता जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने बजट में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) को लेकर सरकार के दावों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जीडीपी की बात तो की, लेकिन उसमें महंगाई की गणना करना भूल गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंकड़ों का खेल खेलकर आर्थिक स्थिति को बेहतर दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि महंगाई बढ़ने से आम जनता की क्रय शक्ति घट रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ी बता रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार जीएसडीपी के आकार में मध्यप्रदेश दसवें स्थान पर है। निर्यात क्षमता के मामले में भी राज्य पीछे है और क्रिसिल की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश सातवें स्थान पर था।
सिंघार ने बजट को आम जनता के लिए राहतविहीन बताते हुए कहा कि सरकार टैक्स वसूलने में लगी हुई है, लेकिन जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश भुखमरी के मामले में बिहार के बाद देश में दूसरे स्थान पर है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
उन्होंने विभिन्न आवश्यक वस्तुओं पर लगे टैक्स का उल्लेख करते हुए कहा कि दैनिक उपयोग की चीजों पर भी करारोपण किया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि साइकिल पर 5% और 50 हजार रुपये से अधिक की साइकिल पर 12% टैक्स लगाया जा रहा है। यहां तक कि कफन पर भी 12% टैक्स है। दवाइयों पर 5% से 18% तक का टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि कोचिंग सेंटरों की फीस पर भी 18% कर लगाया गया है।
उमंग सिंघार ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वित्त मंत्री 2047 तक अर्थव्यवस्था को 2 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कितना कर्ज लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश पर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और यदि सरकार इसी तरह आगे बढ़ी तो यह कर्ज 25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
सिंघार ने राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग घोटाला, परिवहन घोटाला और नल-जल योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है और इसका दूसरा चरण भी जल्द ही सामने आएगा।
उन्होंने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने नल-जल मिशन की जांच कराने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नेता प्रतिपक्ष ने सहकारिता क्षेत्र में सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन बजट में सहकारिता के लिए मात्र 0.50% का प्रावधान किया गया है, जो कि बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने गौशालाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार 10,000 नई गौशालाएं बनाने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि ग्वालियर न्यायालय की खंडपीठ ने कहा है कि प्रदेश में आवारा पशुओं के कारण हर रोज़ 200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
उमंग सिंघार ने शिक्षा और रोजगार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा पर कुल बजट का मात्र 1.03% खर्च किया जा रहा है, जबकि तकनीकी शिक्षा, कौशल और रोजगार पर केवल 0.65% खर्च हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं, लेकिन जब इस क्षेत्र पर बजट में कोई खर्च ही नहीं किया जा रहा तो नौकरियां कैसे दी जाएंगी?
सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति कल्याण के लिए केवल 0.60% और ओबीसी वर्ग के लिए मात्र 0.30% बजट आवंटित किया गया है, जो उनकी जनसंख्या के अनुपात में बेहद कम है।
उन्होंने प्रदेश में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर चिंता जताई और कहा कि मध्यप्रदेश इस मामले में देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
सिंघार ने राज्य में बढ़ती पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 के बीच प्रदेश में 151 की धारा के तहत सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 56 लाख से अधिक लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने नर्सिंग कॉलेजों में व्याप्त अनियमितताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही और अब तो नर्सिंग कॉलेज से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें सचिवालय से गायब हो गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार को दबाने का प्रयास कर रही है और इसके लिए प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है।
बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरा। उन्होंने आर्थिक नीतियों से लेकर भ्रष्टाचार, शिक्षा, रोजगार और दलित-आदिवासी कल्याण के मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह बजट केवल बड़े-बड़े सपने दिखाने वाला है, जिसमें आम आदमी को कोई राहत नहीं दी गई। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह जनता की वास्तविक समस्याओं को ध्यान में रखकर ठोस नीतियां बनाए, ताकि प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारा जा सके।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.