मध्य प्रदेश: बीजेपी ने लोकसभा टिकट की पहली सूची में कैसे बैठाया जातीय समीकरण, महिलाओं को भी मौका?

पिछड़ा वर्ग की उप जातियों को ध्यान में रखकर दिए गए टिकट, चार महिलाओं को भी मैदान में उतारा।
मध्य प्रदेश: बीजेपी ने लोकसभा टिकट की पहली सूची में कैसे बैठाया जातीय समीकरण, महिलाओं को भी मौका?

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए देशभर से 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में उम्मीदवारों की लिस्ट सबके सामने रखी। इसमें मध्य प्रदेश से 24 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। पार्टी की पहली लिस्ट में मध्य प्रदेश से दिग्गजों समेत चार महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इस बार भाजपा ने जातीय समीकरण और महिला प्रतिनिधित्व पर ख़ासा ध्यान दिया है।

ओबीसी के लिए तीन सीटों पर किरार-धाकड़, दो पर कुर्मी, एक पर कुशवाहा, एक लोधी और एक सीट पर मराठा को टिकट दिया है। इसके अलावा, पांच ब्राह्मणों को, क्षत्रिय राजपूत और वैश्य समाज से एक-एक उम्मीदवार बनाएं हैं। सामान्य और आरक्षित सीटों से पिछली बार के जीते हुए सांसदो के टिकट काटे हैं।

बीजेपी ने मौजूदा 6 सांसदों के टिकट काट दिए हैं। इनमें भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की पहली सूची में ग्वालियर के विवेक शेजवलकर का टिकट कटा है जबकि गुना से केपी यादव को भी टिकट नहीं मिला है। रतलाम से आदिवासी सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काट दिया गया है।

भाजपा ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर सबसे ज्यादा फोकस पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की उप जातियों पर रखा है। बीजेपी ने ग्वालियर से विवेक शेजवलकर का टिकट काट कर भारत सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। कुशवाहा ओबीसी वर्ग से आते हैं। ग्वालियर चंबल अंचल की 16 विधानसभा सीटों पर कुशवाहा मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। यही वजह है कि भारत सिंह कुशवाहा को ग्वालियर लोकसभा सीट से टिकट देने के बाद भाजपा को कुशवाहा वोटरों का फायदा मिलेगा। इसमें दमोह लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने उमा भारती के भतीजे और पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसके साथ ही लता वानखेड़े, गणेश सिंह, दर्शन सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, रोडमल नागर, ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम शामिल है।

सामान्य वर्ग के सात प्रत्याशी

भाजपा ने 24 टिकट में से ब्राह्मण वर्ग के पांच नेताओं जिनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, जनार्दन मिश्रा, डॉ. राजेश मिश्रा, आशीष दुबे और आलोक शर्मा को मैदान में उतारा गया है। इसी तरह क्षत्रिय समाज से शिवमंगल सिंह तोमर और वैश्य समाज से सुधीर गुप्ता को मौका दिया गया है।

पार्टी ने 24 में से 9 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आरक्षित वर्ग के आठ उम्मीदवारों के नाम हैं। इसमें अनुसूचित जाति वर्ग के तीन और अनुसूचित जनजाति वर्ग के पांच उम्मीदवार हैं।

चार महिलाओं को टिकट दिए

बीजेपी ने जिन चार महिला उम्मीदवारों को टिकट दिए, उनमें से दो मौजूदा सांसद हैं। इनमें एक भिंड से संध्या राय (एससी) और दूसरी शहडोल से हिमाद्री सिंह हैं। वहीं बीजेपी ने दो मौजूदा सांसदों का टिकट काटते हुए महिला उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है। इनमें सागर से लता वानखेड़े और रतलाम से अनीता नागर सिंह चौहान (एससी) को उम्मीदवार बनाया गया है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए वरिष्ठ पत्रकार नितिन दुबे ने बताया कि, हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भाजपा ने जातीय समीकरण में कसावट की है। इसी तरह का ट्रेंड अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। जिस तरह से वर्गों में उप जातियों के हिसाब से टिकट वितरित किए गए हैं उससे अभी तक तो यहीं समझ बनी है। भाजपा पिछड़े वर्ग की उप जातियों को साधने की कोशिश में है। 

10 सीटें आरक्षित

मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं। 10 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जिनमें भिंड, देवास, टीकमगढ़ और उज्जैन, ये चार सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। बैतूल, धार, खरगोन, मंडला, रतलाम और शहडोल, ये छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 

छिंदवाड़ा सहित पांच सीटें होल्ड 

बीजेपी ने मध्य प्रदेश में 5 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इनमें छिंदवाड़ा उज्जैन धार इंदौर और बालाघाट लोकसभा सीट शामिल है। इनमें यदि छिंदवाड़ा को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी सीटों पर बीजेपी के सांसद वर्तमान में हैं। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 6 मार्च को होने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है की दूसरी सूची में इन पांच सीटों पर भी बीजेपी लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी मैदान में उतर सकती है।

ओबीसी महासभा का बीजेपी पर हमला!

भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी सूची सामने आने के बाद ओबीसी महासभा ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। ओबीसी महासभा ने कहा कि भाजपा यदि इतनी ही हितैषी है तो फिर ओबीसी आरक्षण का मामला अब तक क्यो नहीं सुलझा। द मूकनायक से बातचीत करते हुए ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य महेंद्र लोधी ने कहा, "भाजपा के ओबीसी नेता नागपुर आरएसएस की प्रयोगशाला के नेता हैं. यह इस वर्ग के होकर ओबीसी की बात नहीं करते, भाजपा सामाजिक न्याय का ड्रामा करती है। इनके पार्टी के पिछड़े वर्गों के नेता समुदाय के लिए कभी आवाज नहीं उठाते."

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