राजसमंद। राजस्थान के राजसमंद में मंगलवार को सर्व हिंदू समाज की ओर से बिजयनगर में धर्मांतरण और लव जिहाद की घटना के विरोध में आक्रोश रैली का आयोजन किया। मंगलवार सुबह हिंदू समाज और संगठनों के कार्यकर्ता राजनगर के फव्वारा चौक पर एकत्रित हुए, जहां से विशाल रैली लेकर वे मुख्य मार्ग से किशोर नगर मंडा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
इस दौरान महिलाओं और पुरुषों दोनों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए बिजयनगर में हिंदू समाज की महिलाओं और बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार और धर्मांतरण का विरोध किया।
रैली में शामिल लोगों ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने बिजयनगर की घटना में जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी और फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की। इस आक्रोश के चलते राजनगर और कांकरोली के लगभग सभी बाजारों को आधे दिन के लिए सांकेतिक तौर पर बंद रखा गया। व्यापारियों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। पुलिस और प्रशासन द्वारा पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, और समुदाय विशेष के इलाकों में विशेष पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
रैली में शामिल हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी घटनाओं के खिलाफ समाज को जागरूक किया जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के लिए कड़ा कदम उठाया जाए।
विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी वीरेंद्र पुरोहित ने कहा, "हिंदू समाज अब जागरूक हो चुका है और हम चाहते हैं कि इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।"
उन्होंने मांग की कि इस मामले में जुड़े सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
बता दें कि बिजयनगर में स्कूली छात्राओं के साथ ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण मामले में आरोपी पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी को रिमांड समाप्त होने के बाद सोमवार को अजमेर की पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया था। हकीम कुरैशी नंगे पैर और सिर झुकाए कोर्ट में पहुंचा था, जिसके बाद न्यायालय ने उसे 11 मार्च तक जेल भेजने का आदेश दिया।
बिजयनगर थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत भारी पुलिस बल के साथ आरोपी को लेकर कोर्ट पहुंचे थे। इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए सभी 10 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि तीन नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार गृह में रखा गया है।
यह मामला 15 फरवरी को तब सामने आया जब बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद दूसरी नाबालिग ने भी इसी तरह का मामला दर्ज कराया। तीसरी शिकायत तीन अन्य लड़कियों के पिता की ओर से आई। पीड़िताओं ने आरोप लगाया कि कुछ लोग प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण कर रहे थे। आरोपियों ने कथित तौर पर इन छात्राओं के अश्लील फोटो और वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल किया। इतना ही नहीं, पीड़िताओं का कहना है कि उन्हें जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा था। इन गंभीर आरोपों के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान एक के बाद एक कई खुलासे हुए, जिसके बाद पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से 10 बालिग आरोपी हैं, जिन्हें अब जेल भेज दिया गया है, जबकि तीन नाबालिगों को बाल सुधार गृह में रखा गया है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह संगठित तरीके से काम कर रहा था और नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाकर उनके जीवन को तबाह करने की साजिश रच रहा था।
(With inputs from IANS)
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