MP: ओबीसी को 52% आरक्षण और छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग पर DPSS का ऐलान, 30 जुलाई को विधानसभा घेराव!

"राजनीति नहीं, मिशन की लड़ाई है" यादव ने स्पष्ट किया कि DPSS किसी भी राजनीतिक दल, न भाजपा और न कांग्रेस के भरोसे नहीं है।
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भोपाल। दलित पिछड़ा समाज संगठन (DPSS) ने मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 52% आरक्षण देने और छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर 30 जुलाई को विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। यह फैसला भोपाल स्थित निजी रेस्टोरेंट में हुई संगठन की बैठक में लिया गया, जिसमें संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए।

राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने कहा कि अब OBC समाज अपने हक से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा, "जब अनुसूचित जाति को 16% और अनुसूचित जनजाति को 20% आरक्षण मिल सकता है, तो ओबीसी को पूरा हक क्यों नहीं दिया जा रहा?"

यादव ने बताया कि आज भी OBC समाज को केवल 14% आरक्षण मिल रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट की अधिकतम सीमा 27% है और सामाजिक जनगणना के अनुसार यह हिस्सा 52% बनता है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि 52% आरक्षण की मांग पूरी नहीं होती है, तो बड़ा जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।

सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान की लड़ाई

दामोदर यादव ने कहा कि यह केवल आरक्षण की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि OBC वर्ग आज भी मानसिक रूप से गुलामी से जूझ रहा है और बदलाव तब तक संभव नहीं जब तक दलित और पिछड़े एकजुट नहीं होते।

उन्होंने कहा, "1 करोड़ लोग नीला गमछा पहनते हैं, लेकिन निराश हैं। जब तक हम साथ नहीं आएंगे, तब तक कोई लड़ाई नहीं जीती जा सकती।"

'ठाकुर-ST भी सुन रहे मेरी बात, यह बदलाव का संकेत है'

यादव ने कहा कि बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अब ठाकुर और ST समाज के लोग भी उनके साथ बैठकर बात कर रहे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।

बलवद्र बाबू बघेल बने प्रदेश अध्यक्ष

बैठक में मध्य प्रदेश इकाई के लिए बलवद्र बाबू बघेल (पारस) को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अमित सिंह, महासचिव सोहेल यादव, महिला नेता सुनीता बाई समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सांस्कृतिक जागरूकता का एजेंडा

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में संगठन सांस्कृतिक जागरूकता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की दिशा में काम करेगा। यादव ने बताया कि वहां के लोग धार्मिक प्रवचनों को ज्यादा सुनते हैं, इसलिए "महामानव ग्रंथ" जैसे साहित्य की जरूरत है। उन्होंने कहा, "मैं खुद 26 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर ये ग्रंथ पढ़ूंगा और लोगों को संविधान की ताकत से जागरूक करूंगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग संविधान विरोधी बातें करते हैं, उन्हें संविधान से ही जवाब दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मनुस्मृति जलाई, तो उन्हें धमकियां मिलीं, लेकिन वे डरे नहीं।

"राजनीति नहीं, मिशन की लड़ाई है" यादव ने स्पष्ट किया कि DPSS किसी भी राजनीतिक दल, न भाजपा और न कांग्रेस के भरोसे नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के इटावा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अब लोग अन्याय के खिलाफ खड़े होने लगे हैं, जो बदलाव की शुरुआत है।

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