फॉलोअप: रामदेव का इस्लाम विरोधी बयान, इस्लामिक संगठनों में रोष

सरकार की चुप्पी पर समाज के सवाल, कार्रवाई की मांग
बाबा रामदेव धर्म सभा को संबोधित करते हुए
बाबा रामदेव धर्म सभा को संबोधित करते हुए

राजस्थान। बाड़मेर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर पनोणियों का तला (तारातरा) में धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यवसायी व योगगुरु बाबा रामदेव के इस्लाम धर्म पर विवादित बयान के बाद से इस्लाम के मानने वालों में आक्रोष है। प्रदेश भर में इस्लामिक संगठनों ने बयान की निंदा करते हुए रामदेव पर FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। विवादित बयान मामले में बाड़मेर के चौहटन थाने में धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत FIR दर्ज की गई है। प्रकरण में द मूकनायक ने इस्लाम धर्म के अलग-अलग संगठनों से बात की।

जमात-ए-इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेश महासचिव डॉ. इकबाल सिद्दीक़ी ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि "बाबा रामदेव का यह कृत्य निंदनीय है। इस्लाम धर्म पर टिप्पणियां कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है।"

बाबा रामदेव धर्म सभा को संबोधित करते हुए
'नमाज' और 'हिन्दू लड़कियों' पर बाबा रामदेव के इस विवादित टिप्पणी के बाद मुस्लिम समाज में नाराजगी!

डॉ. सिद्दीकी ने आगे कहा कि, "इस मामले में राज्य सरकार का रवैया आश्चर्यजनक है। हमें उम्मीद थी कि जिस तरह प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार ने काम किया था। ठीक इसी तरह रामदेव के खिलाफ भी सरकार स्वतः संज्ञान लेकर मामले की गम्भीरता को समझते हुए एफआईआर के बाद डिटेन करने का काम करेगी, लेकिन लोगों की तरफ से शिकायत देने के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि कॉंग्रेस भी सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है। चुनाव आने वाले हैं, तो कांग्रेस यह दर्शाना चाहती है कि हम किसी एक सम्प्रदाय के साथ नहीं है, लेकिन मेरा यह मानना है कि यहां किसी एक सम्प्रदाय के साथ होने नहीं होने की बात नहीं है। बात न्याय की है। न्याय के लिए सरकार स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआइआर दर्ज करे। कम से कम जहां-जहां लोगों ने शिकायत दी है, उन शिकायतों पर एफआईआर दर्ज हो। हम इस मसले पर कार्रवाई के लिए सरकार को भी पत्र लिखेंगे।"

रामदेव का विवादित बयान सामने आने के बाद बाड़मेर जिले में भी मुस्लिम संगठनों ने जिला कलक्टर को लिखित शिकायत देकर रामदेव के खिलाफ कानून संगत कार्रवाई करने की मांग है। कलक्टर को ज्ञापन सौंपने आए एमआईएम के जिला संयोजक मौलाना सिकंदर ने कहा कि बाड़मेर जिले के एक स्थान पर बाबा रामदेव योग गुरु ने धार्मिक समारोह को सम्बोधित करते हुए इस्लाम धर्म व मुसलमानों के बारे में गलत टिप्पणी की है। नमाज के बारे में गलत अफवाह फैला कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। वे एक धर्म से जुड़े होने के साथ ही धर्म गुरु भी हैं, लेकिन वह इस्लाम धर्म के बारे में गलत बयानबाजी करते हैं। यह कोई आम आदमी का नहीं बल्कि धर्म गुरु का बयान है। उन्होंने कहा कि, "मैं इस्लाम धर्म से जुड़ा हूं। मुसलमान हूं, लेकिन किसी भी धर्म का मुखालिफ नहीं हूं। हम सब हर धर्म का सम्मान करते हैं। सभी धर्म बराबर हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि, "इस घटना को दो दिन से अधिक समय बीत गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया है। रामदेव के साथ राजस्थान के तीन-तीन विधायक भी इसी मंच मौजूद थे, लेकिन अभी तक किसी ने भी रामदेव के इस बयान की निंदा नहीं की है। हम चाहते हैं कि रामदेव पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी हो।"

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नफरती माहौल बनाने का षड़यंत्र

जोधपुर जिले के दारुल कजा पीपाड़ संयोजक एवं कन्वीनर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पीपाड़ रहमुतलाह कासमी ने रामदेव के बयान को लेकर द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि यह सब 2024 के इलेक्शन के ताने बाने हैं। उन्होंने आगे कहा कि "यह वह लोग हैं, जो कल तक हमारी सभाओं में आते थे। जमीयत के प्रोग्रामों में आकर मुसलमानों की बड़ी तारीफ करते थे। यह सिर्फ और सिर्फ एक दम नफरत फैलाने की बात है।"

कासमी ने आगे कहा कि "बीजेपी के वोट बैंक की बुनियाद इसी पर टिकी है। बीजेपी ने अपने नेताओं व मंत्रियों पर इस तरह के नफरती बयानों पर पाबन्दी लगा दी है। ऐसे में कोई तो होगा जो उनका एजेंडा आगे बढ़ाएगा इसके लिए उन्होंने इस तरह के बाबाओं का इस्तेमाल शुरू किया है।"

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नही आया। राज्य भर में कहीं भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। यह बात अलग है कि इस्लाम के चाहने वालों ने जगह-जगह पुलिस थानों में शिकायत दी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह कांग्रेस की मंशा को जाहिर करने के लिए काफी है। कांग्रेस केवल तकरीरों में मुसलमानों से हमदर्दी का ढोंग करती है। मौका है कानून संगत कार्रवाई करे। नहीं तो यह कांग्रेस की नाकामी है।

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बाड़मेर में बाबा रामदेव के इस्लाम के खिलाफ बयान से आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने टोंक कोतवाली पुलिस थाने में बाबा रामदेव को नामजद करते हुए इस्लाम के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी कर सौहार्द बिगड़ने के आरोप में रिपोर्ट दी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। इससे मुस्लिम समाज में सरकार के प्रति रोष है। शुक्रवार को टोंक कोतवाली पुलिस थाने शिकायत दर्ज कराने पहुंचे फहीम अख्तर, शराफतुल्लाह खान, ओहम्मद जीशान खान, काशिफ जुबैरी, मुजाहिद अली आदि ने रिपोर्ट के जरिये बताया कि बाड़मेर जिले के पनोणीयों के तला गांव में बाबा रामदेव ने इस्लाम धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है। मुस्लिम धर्म की आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंचाने व सांप्रदायिकता फैलाने के उद्देश्य से इस्लाम धर्म पर अनर्गल बयानबाजी कर इस्लाम धर्म के मानने वालों की भावना को ठेस पहुंचाने के साथ ही हिन्दू मुस्लिम सौहार्द बिगड़ने की कोशिश की है। ऐसे में रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। यह बात अलग है पुलिस ने अभी तक इस पर FIR तक दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा।

रामदेव के इस्लाम विरोधी बयान पर एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवेशी ने भी ट्वीट कर राजस्थान के मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि क्या ये "धर्म गुरु" इस्लाम का अपमान किए बिना अपने धर्म की बात भी नहीं कर सकते?

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