2 साल तक स्कूल फीस नहीं चुकाया, TC से मना किया तो पादरी पर टूटा कहर! छत्तीसगढ़ में मलयाली पादरी के साथ 'धर्मांतरण' के नाम पर हुए क्या-क्या जुल्म?

1999 में स्थापित होली किंगडम स्कूल जिले का पहला अंग्रेजी माध्यम वाला सीबीएसई स्कूल है और वर्तमान में इसमें लगभग 600 छात्र नामांकित हैं।
Pastor Jose has also explained their ordeal in a video on YouTube in Hindi and in Malayalam on Instagram.
पादरी ने यूट्यूब पर हिंदी और इंस्टाग्राम पर मलयालम में एक वीडियो के जरिए अपनी आपबीती बताई है।सांकेतिक चित्र
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कवर्धा - छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा में एक ईसाई पादरी और उनके परिवार को हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के धमकियों और हिंसा के बाद छिपने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पादरी ने खुलासा किया कि उनकी जान को खतरा है और वे स्थानीय बीजेपी नेताओं व बजरंग दल के निशाने पर हैं।

"मैं अपनी जान बचाने भागा हूँ। अगर ये मुझे पकड़ लेंगे तो मुझे मार डालेंगे। अब मैं कहाँ जाऊँ, कुछ पता नहीं..." ये हाल हैं 56 वर्षीय पादरी जोस थॉमस के, जिन पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में धर्मांतरण के झूठे आरोपों के बीच जानलेवा हमला हुआ।

थॉमस मूल रूप से तिरुवनंतपुरम के कट्टकडा के पास ओट्टाशेखरमंगलम के रहने वाले हैं और 35 साल से छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं और कवर्धा में होली किंगडम इंग्लिश मीडियम स्कूल के निदेशक के रूप में काम कर रहे हैं। 1999 में स्थापित यह स्कूल जिले का पहला अंग्रेजी माध्यम वाला संस्थान था और वर्तमान में इसमें लगभग 600 छात्र नामांकित हैं। परिवार में जोस थॉमस (56), उनकी पत्नी लिजी थॉमस (46), और तीन पुत्र जोशुआ, जोएल थॉमस और जोसेफ थॉमस हैं जो लगभग 35 साल पहले केरल से कबीरधाम जिले के कवर्धा में आकर बस गए थे। जोशुआ और उनके भाई-बहन वहीं पैदा हुए और पले-बढ़े।

स्कूल की फीस को लेकर शुरू हुई यह कहानी 28 अप्रैल को तब शुरू हुई जब एक बीजेपी नेता ने जोस से दो छात्रों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) की मांग की। ये छात्र बजरंग दल नेताओं के बच्चे थे, जिनके 1.5 लाख रुपये से ज्यादा की फीस बकाया थी। पादरी थॉमस ने बताया कि 28 अप्रैल को एक बीजेपी नेता ने उन्हें फोन कर दो छात्रों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) की मांग की। लेकिन इसके बाद एसीपी और एसपी ने भी उन पर दबाव डाला। जोस के बेटे जोशुआ के मुताबिक, बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेंद्र चंद्रवंशी ने धमकी दी: "अगर TC नहीं दी तो स्कूल बंद करा देंगे!"

जोशुआ ने यह भी आरोप लगाया कि उनके पिता के खिलाफ़ एक झूठी एफ़आईआर दर्ज की गई थी, इसके अलावा जब वे पुलिस स्टेशन में थे परिवार को लगातार धमकियाँ मिल रही थीं। दिलचस्प बात यह है कि 2010 में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान, पादरी जोस को इसी तरह के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया था, जब वीएचपी और बजरंग दल ने उनके खिलाफ़ "जबरन धर्मांतरण" के आरोप लगाए थे।

जोशुआ ने कहा, "मेरे पिता को 2010-11 में एक मनगढ़ंत आरोप में 10 दिनों के लिए जेल में रखा गया था; हालाँकि, बाद में अदालत ने उन्हें दोषी नहीं पाया। राज्य की एजेंसियाँ अनगिनत पूछताछ और जाँच के ज़रिए हमें परेशान कर रही हैं। आयकर विभाग जैसे वित्तीय अधिकारियों ने ईसाई प्रबंधन के प्रति पूर्वाग्रह से काम करते हुए - हमें आर्थिक रूप से तोड़ने के लिए हमारे बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है"।

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18 मई को क्या हुआ?

18 मई को जब रविवारीय प्रार्थना सभा चल रही थी, तब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भीड़ जुटाकर चर्च पर हमला बोल दिया। जोशुआ ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को निर्ममता से पीटा गया, लड़कियों ने बाथरूम में छिपने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने दरवाजा तोड़कर उन पर हाथ उठाया। पुलिस मौजूद थी, लेकिन उसने हस्तक्षेप नहीं किया।

जोस ने आरोप लगाया: "पुलिस ने मुझसे कहा कि मैं लिखित में दे दूँ कि यहाँ प्रार्थना सभा नहीं होगी क्योंकि यह आवासीय इलाका है। मैंने मना कर दिया।"

परिवार ने स्थानीय मीडिया पर भी आरोप लगाए: "एक न्यूज चैनल ने 1 लाख रुपये मांगे। कहा कि अगर नहीं दिए तो झूठा धर्मांतरण का केस बनाकर बदनाम कर देंगे।" जोस और उनका परिवार अब छिपकर रह रहा है। उन्हें धमकी मिली है: "कवर्धा लौटे तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे!"

जोस को पुलिस स्टेशन ले जाया गया, उसी दौरान वीएचपी और बजरंग दल के लोग वहां भी पहुंचे और परिवार को परेशान किया।

उन्होंने कहा, "हमारा परिवार अपनी जान को लेकर डर के मारे छिपकर रह रहा है, जबकि हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस ने अभी तक हमारी शिकायत दर्ज नहीं की है और न ही सुरक्षा मुहैया कराई है।"

मीडिया से बात करते हुए एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने कहा, "वीएचपी और बजरंग दल के कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि आदर्श नगर में लोगों का गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनकी शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुंची। करीब 20-25 लोग प्रार्थना के लिए आए थे और हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं। उनके बीच बहस हुई थी, लेकिन इसे सुलझा लिया गया है।"

पादरी जोस ने यूट्यूब पर हिंदी और इंस्टाग्राम पर मलयालम में एक वीडियो के जरिए अपनी आपबीती बताई है।

इस बीच, जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण करने की चेतावनी देकर संस्थान का भविष्य अधर में लटका दिया है।

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