दलित परिवार ने खुद का मंदिर तोड़ा, बजरंग दल भड़का! चर्च पर हमला करने पहुंचे, देखिए फिर क्या हुआ…

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक दलित परिवार द्वारा अपने बनाए हनुमान मंदिर को गिराने के बाद बजरंग दल ने किया उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार
Tension in Raigarh as Dalit Christian Family Demolishes Temple
दलित ईसाई परिवार द्वारा मंदिर गिराने पर बजरंग दल का प्रदर्शनफोटो साभार- इंटरनेट
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रायपुर — छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के भटनपाली गांव में उस समय तनाव फैल गया जब एक दलित परिवार, जिसने हाल ही में ईसाई धर्म अपना लिया था, ने अपने द्वारा बनाए गए एक छोटे से मंदिर को गिरा दिया। इस घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया।

पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दलित परिवार के तीन सदस्य भी शामिल हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, सारथी परिवार ने 2020 में अपने घर के प्रवेश द्वार के पास सरकारी जमीन पर 6 फुट x 6 फुट का हनुमान मंदिर बनाया था। हालांकि, इस मंदिर में कभी कोई मूर्ति स्थापित नहीं की गई थी और न ही वहां कोई पूजा-अर्चना होती थी।

करीब एक साल पहले सारथी परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था। हाल ही में उन्होंने जेसीबी मशीन की मदद से मंदिर को गिरा दिया। जब इस बात की जानकारी फैली, तो बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और धार्मिक भावनाएं आहत होने का हवाला देते हुए पास के एक चर्च की ओर बढ़ने लगे, जिससे माहौल और गर्म हो गया।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता चर्च में तोड़फोड़ करने के इरादे से आगे बढ़े, लेकिन पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर हालात को संभाल लिया।”

हालांकि, चश्मदीदों के मुताबिक, कुछ बजरंग दल के कार्यकर्ता चर्च परिसर में घुसने में कामयाब हो गए, वहां के क्रॉस को हटाने की कोशिश की और भगवा झंडा लगा दिया।

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, “पुलिस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। फिलहाल, सारथी, उनके दो बेटे, बोगीलाल सारथी और जेसीबी ऑपरेटर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।”

स्थानीय लोगों के मुताबिक, विरोध-प्रदर्शन के बीच परिवार को पहले पुलिस सुरक्षा में थाने लाया गया था, लेकिन बाद में उन पर कानूनी कार्रवाई की गई।

रायगढ़ के मानवाधिकार कार्यकर्ता डिग्री प्रसाद चौहान ने कहा,

यह मंदिर सारथी परिवार ने खुद बनाया था। इसमें न कोई मूर्ति थी, न वहां कोई पूजा होती थी। इस घटना में एक दलित परिवार को पीड़ित बनाया गया है। सारथी परिवार के चार लोगों को जेल भेज दिया गया, लेकिन जो लोग धार्मिक उन्माद फैलाने और अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।

गौरतलब है कि जिस चर्च की ओर प्रदर्शनकारी बढ़ रहे थे, वह करीब 25 साल पहले निजी जमीन पर बनाया गया था। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है, ताकि आगे कोई टकराव न हो।

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