"सड़कों पर नारेबाजी नहीं": सुप्रीम कोर्ट वकील महमूद प्राचा ने बताया 'I Love Mohammad' का असली मतलब क्या है

प्राचा ने अपने संदेश में मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वे 6 दिसंबर तक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण जैसे कानूनी कदम उठाएं और जिन लोगों ने दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों पर अत्याचार किए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने इसे ही "असली आई लव मोहम्मद" बताया।
प्राचा ने कहा कि जो लोग "आई लव मोहम्मद" कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, वे असल में अपराध कर रहे हैं।
प्राचा ने कहा कि जो लोग "आई लव मोहम्मद" कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, वे असल में अपराध कर रहे हैं। फाइल चित्र
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नई दिल्ली- देशभर में "आई लव मोहम्मद" (I Love Mohammad) अभियान को लेकर छिड़े विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद प्राचा ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद से सच्चा प्यार सड़कों पर पोस्टर लगाने या जुलूस निकालने में नहीं, बल्कि मजलूमों और यतीमों के हक की लड़ाई लड़ने में है।

प्राचा ने अपने संदेश में मुसलमानों से आह्वान किया कि वे 6 दिसंबर तक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण जैसे कानूनी कदम उठाएं और जिन लोगों ने दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों पर अत्याचार किए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने इसे ही "असली आई लव मोहम्मद" बताया।

प्राचा ने जोर देकर कहा, "असली आई लव मोहम्मद है मजलूमों के लिए जद्दोजहद करना। पैगंबर मोहम्मद ने हमसे कहा है कि उनके दिखाए रास्ते पर चलो। उनके नाम लेकर, उनके जैसे कपड़े पहनकर प्यार जताना असली प्यार नहीं है। असली प्यार है वक्फ की यतीमों और मजलूमों की संपत्तियों को बचाने के लिए संघर्ष करना।"

उन्होंने मुसलमानों से 6 दिसंबर तक वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कराने और दलितों व मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर मुकदमे झेलने पड़े या चोट सहनी पड़े, तो यही सच्ची कुर्बानी और पैगंबर से प्यार का सबूत है।

 प्राचा ने स्पष्ट किया कि वह "आई लव मोहम्मद" कहने या जुलूस निकालने को गैर-कानूनी नहीं मानते, लेकिन उनका मानना है कि इस ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर यही ऊर्जा दलितों और मजलूमों को न्याय दिलाने में लगाई जाती, तो आरएसएस और बीजेपी कमजोर होती। यही असली आई लव मोहम्मद है।"  प्राचा ने आरोप लगाया कि देश में होने वाली हिंसा और दंगों के पीछे आरएसएस के लोग हैं। उन्होंने कहा, "हर जगह हुड़दंग, लूटपाट, हिंसा होती है, वहां आरएसएस के लोग होते हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि पैगंबर से प्यार होना हर मुसलमान की आस्था का हिस्सा है, इसे जताने के लिए जुलूस निकालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दावा किया, "दुनिया का सबसे गंदा और घटिया मुसलमान भी पैगंबर से प्यार करता है और उनके अपमान पर सामने आएगा।"

प्राचा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संविधान के दायरे में रहकर कानूनी लड़ाई लड़ना ही सही रास्ता है। उन्होंने कहा कि जो लोग "आई लव मोहम्मद" कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, वे असल में अपराध कर रहे हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई हिस्सों में "आई लव मोहम्मद" अभियान को लेकर तनाव है और कई जगहों पर इसे लेकर जुलूस निकाले जा रहे हैं और कानूनी कार्रवाई भी हो रही है।

प्राचा ने कहा कि जो लोग "आई लव मोहम्मद" कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, वे असल में अपराध कर रहे हैं।
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