मध्य प्रदेश: पटवारी भर्ती में 9 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार, कब होगी जांच पूरी?

पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के बाद ही सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगा कर मामले में रिटायर्ड जजों की जांच समिति गठित की थी। समिति को 31अगस्त 2023 तक जांच सरकार को सौंपनी थी लेकिन अब यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती में 9 हजार अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र के इंतजार में है।
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती में 9 हजार अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र के इंतजार में है।(सांकेतिक चित्र)

भोपाल। "कई सालों बाद पटवारी भर्ती निकली थी, मैंने रात-दिन एक कर पढ़ाई की, अपने घर से दूर भोपाल में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रहा था। मेरे पिता किसान हैं, सीहोर में रहतें हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। भोपाल में पार्ट टाइम जॉब कर पैसा इक्कठा कर लाइब्रेरी की फीस दी थी। लेकिन अब पटवारी भर्ती में चयनित होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल रही। सोच रहे थे नई सरकार बनी है, कुछ अच्छा होगा लेकिन अब कुछ अता-पता नहीं हैं," यह पीड़ा पटवारी भर्ती परीक्षा चयनित अभ्यार्थी संजय डांगी की है, जो पिछले 7 सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। ऐसी ही पीड़ा मध्य प्रदेश के 9 हजार चयनित अभ्यर्थियों की है। 

दरअसल, मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती में 9 हजार अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र के इंतजार में है। लेकिन सरकार की ओर से इस संबंध कोई जानकारी नहीं हैं। पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के बाद ही सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। सरकार ने इस मामले में रिटायर्ड जजों की जांच समिति भी गठित की थी। समिति को 31 अगस्त 2023 तक जांच सरकार को सौंपनी थी लेकिन अब यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।

यह घोटाला आया था सामने

30 जून 2023 को पटवारी परीक्षा परिणाम जारी हुआ था। परिणाम सामने आने के बाद ही पूरी भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिर गई थी। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मण्डल द्वारा आयोजित की गई  समूह 2 और उप समूह 4 की परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने खुलासा करते हुए कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सार्वजनिक किए थे। जिसमें आरक्षण का गलत लाभ लेने का आरोप भी लगाया गया था। साथ ही मुरैना जिले के एक ही उपनाम के 23 अभ्यर्थियों के नाम मेरिट लिस्ट में होने के कारण भर्ती परीक्षा पर संदेह व्यक्त किया था। साथ ही प्रदेश के एक परीक्षा केंद्र से सात टॉपरों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे कथित पटवारी घोटाला बताया था। मामला बढ़ता देख सरकार ने जांच के निर्देश देते हुए परीक्षा में सभी सफल अभ्यर्थियों के नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। 

मध्य प्रदेश में हुए पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर प्रदेशभर में जमकर हंगामा मचा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती पर रोक लगाते हुए मामले की जांच कराने की बात कही थी। इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा को सौंपी गई है। जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच पूरी रिपोर्ट 31अगस्त 2023 तक सरकार को सौंपने को कहा गया था। लेकिन यह जांच अभी तक पूरी नही हो पाई है। 

द मूकनायक से बातचीत करते हुए नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के कोर सदस्य सचिन यादव ने कहा कि पटवारी घोटाले के बाद से ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे छात्रों के बीच मायूसी है। पटवारी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार है। कई छात्र काफी कठिनाईयों के बाद पढ़ाई करके सिलेक्ट हुए थे। सरकार को 31अगस्त तक जांच पूरी करनी थी। लेकिन अब तक जांच का कुछ नहीं हुआ वहीं नियुक्ति का भी अता-पता नहीं। 

फिलहाल प्रदेश के 9 हजार युवा पटवारी नियुक्ति के इंतजार में हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए परीक्षा में चयनित छात्र अक्षय राठौर ने बताया कि पिछले आठ सालों की तैयारी के बाद उनका सिलेक्शन पटवारी के पद पर हुआ था। उन्होंने देवास में रहकर पढ़ाई की है। पटवारी भर्ती में घोटाला सामने आने के बाद से ही नियुक्तियों पर रोक है। अक्षय ने कहा सरकार को युवाओं के रोजगार की चिंता नहीं है। 

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जेल प्रहरी परीक्षा में भी गड़बड़ी

जेल प्रहरी और वन रक्षक के लिए हुई परीक्षा में भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी। पटवारी घोटाले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रवेश पत्र सामान्य श्रेणी के थे। यानी किसी तरह की दिव्यांगता या नि:शक्तता से ये प्रभावित नहीं है। नेशनल एज्युकेटेड यूथ यूनियन के अनुसार, इन प्रवेश पत्रों और परिणाम से धांधली साफ उजागर हुई थी, क्योंकि वन रक्षक, जेल प्रहरी वर्दी वाले पद हैं। इनमें फिजिकल टेस्ट होता है और दिव्यांगता स्वीकार नहीं है।

पटवारी और दूसरे पदों में इन अभ्यार्थियों ने दिव्यांगता का लाभ लेते हुए फर्जी सर्टिफिकेट लगाए। इसमें से एक अभ्यार्थी योगेश शर्मा तो दिव्यांग के लिए आरक्षित पद समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी की मेरिट सूची में पहले स्थान पर है। ये पोस्ट दिव्यांग के लिए आरक्षित थी। स्पष्ट है कि भर्ती परीक्षाओं में जमकर घोटाले हो रहे हैं। पटवारी परीक्षा सहित जेल प्रहरी, वन रक्षक भर्ती भी संदेह में है। 

मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा की मेरिट लिस्ट में दिव्यांग कोटे में एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों का चयन हुआ है। चयनित हुए छात्र दिव्यांग है, और सभी का उपनाम  त्यागी थे। इन सभी अभ्यर्थियों ने दिव्यांग कोटे से आवेदन किया था। सभी को सुनने में कठिनाई आती है। ये सभी मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से आते हैं। मेरिट सूची की जांच करने के बाद पाया कि त्यागी उपनाम वाले 23 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। ये सभी या तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के कोटे से या दिव्यांग कोटे से हैं। यह सभी अभ्यार्थी सामान्य कैटेगरी से आते हैं। 

रामअवतार त्यागी, अरविन्द कुमार त्यागी, आकाश त्यागी, रेनू त्यागी, प्रवीण त्यागी, मनोज त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, शकुंतला त्यागी, चंद्रकांत त्यागी, रमाकांत त्यागी, रश्मि त्यागी, आशीष त्यागी, राहुल त्यागी, अमित त्यागी, अभिषेक त्यागी, रोहित त्यागी, जयन्त त्यागी, धीरेन्द्र त्यागी, कीर्तिनंदन त्यागी, विजय त्यागी योगेश त्यागी, शीलेष त्यागी और बैजनाथ त्यागी नाम के अभ्यार्थी पटवारी मेरिट सूची में शामिल हैं। 

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