दिल्ली: धरने पर बैठे बुराड़ी अस्पताल के सफाई कर्मचारी, अनुबंधित महिलाकर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप

अस्पताल में कार्यरत महिला अनुबंध कर्मियों ने अस्पताल के अधिकारियों पर बदसलूकी करने, काम के लिए दूसरी जगह भेजने की धमकी देने और समय से वेतन भुगतान न करने का आरोप लगाया है.
धरने पर बैठीं बुराड़ी अस्पताल की अनुबंधित महिला सफाईकर्मी
धरने पर बैठीं बुराड़ी अस्पताल की अनुबंधित महिला सफाईकर्मी

नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में एक बार फिर ठेके के अंतर्गत नियुक्त सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर कार्य बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. महीने भर से ऊपर का समय बीतने के बाद भी वेतन न मिलने पर नाराज अस्पताल के अनुबंधित सफाई कर्मचारियों ने सोमवार से काम बंद कर धरने पर बैठ गए. उनका यह भी आरोप है कि उनके वेतन में कटौतियां भी की जाती है.

अस्पताल में कार्यरत महिला अनुबंध कर्मियों ने अस्पताल के अधिकारियों पर बदसलूकी करने, काम के लिए दूसरी जगह भेजने और समय से वेतन भुगतान न करने का आरोप लगाया है. वैसे यह पहली बार नहीं है जब ऐसा आरोप महिला अनुबंध कर्मियों ने लगाया है.

पेशे से एडवोकेट और सफाई कामगार यूनियन के एग्ज्यूकेटिव कमेटी के मेंबर हरीश द मूकनायक को बताते हैं कि सफाई कर्मचारियों का अंतिम वेतन पिछले साल नवम्बर में आया था. उन्होंने बताया कि “हमारी लगातार दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से बात हो रही है. हमने उन्हें इस मामले से अवगत कराया है. लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई सामने नहीं आई है.”

महिला सफाईकर्मियों के साथ अभद्रता और उन्हें बाहर भेजने की दी जा रही धमकियां.
महिला सफाईकर्मियों के साथ अभद्रता और उन्हें बाहर भेजने की दी जा रही धमकियां.

“कुछ महीने पहले बुराड़ी हॉस्पिटल में महिला सफाई कर्मचारियों के साथ यौन शोषण, यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई थी. अभी फिर ऐसी घटना सामने आ रही है. महिला सफाई कर्मचारियों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. ट्रांसफर कर देने, काम करने के दिन न देने आदि बातें कहकर प्रताड़ित किया जाता है”, हरीश ने कहा. 

हरीश ने कहा कि सफाई कर्मियों का लगभग डेढ़ महीने से वेतन बकाया है. अस्पताल में कुल लगभग 100 से अधिक सफाई कर्मचारी हैं. इसमें अधिकांश महिलाएं हैं जो ज्यादातर दलित समाज से आती हैं और किराए पर घर लेकर रहती हैं. “अगर घर की महिला को बाहर निकल कर काम करना पड़ रहा है तो समझा जा सकता है कि घर की स्थिति ठीक नहीं है. अब ऐसी दशा में जब महिलाओं को वेतन नहीं मिल रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका घर कैसे चल रहा होगा, उनके दिन कैसे बीत रहे होंगे.” 

हरीश ने बताया कि, “वह (महिला सफाईकर्मी) बहुत मजबूर हैं तभी धरने पर बैठीं हैं. सुपरवाईजर या किसी प्रशासनिक अधिकारी ने अभी तक आश्वासन तक नहीं दिया है. कल हम लोग अस्पताल प्रबंधन से मिलने की कोशिश किए लेकिन कोई सीधे आश्वासन नहीं मिला. इसलिए अब हम अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू कर रहे हैं.” 

ज्ञात हो कि, पिछले साल दिसंबर में, अस्पताल में अनुबंध के आधार पर सफाई कर्मी के रूप में काम करने वाली एक महिला ने अपने प्रबंधक और तीन पर्यवेक्षकों पर उसके और दो अन्य कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. मामले पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने महिला अनुबंध कर्मियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों की जांच के लिए एक समिति भी गठित थी. हालांकि, इस बार भी ऐसे आरोप महिला कर्मियों द्वारा लगाए जा रहे हैं.

अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर धरने पर बैठी महिला सफाईकर्मचारी.
अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर धरने पर बैठी महिला सफाईकर्मचारी.

हरीश ने बताया कि अभी बुराड़ी अस्पताल के सभी सफाईकर्मचारी “ग्लोबल वेंचर” कंपनी के अंतर्गत अनुबंध पर कार्यरत हैं. हम चाहते हैं कि यह कॉन्ट्रैक्ट कंपनी हटाया जाए. क्योंकि इसके पहले “कार्तिकेय” कंपनी थी जिसके अंतर्गत ये सभी अनुबंधित सफाई कर्मचारी कार्य कर रहे थे. पिछले साल, छह - सात महीने कार्तिकेय कंपनी का टेंडर चेंज हुआ था उसके बाद ग्लोबल वेंचर कंपनी आई. कार्तिकेय कंपनी के सुपरवाईजर खुलेआम महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते थे. उनकी इन हरकतों से त्रस्त आकर महिलाओं ने और सफाई कामगार यूनियन ने आवाज उठाई तब आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन अब नई कंपनी महिला कमर्चारियों को अलग तरह से प्रताड़ित कर रही है.

2020 में, कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 450 बेड के नए बुराड़ी अस्पताल का उद्धाटन था, जिसमें बाद में 700 बेड और बढ़ाने का काम किया गया था.

बुराड़ी हॉस्पिटल में लगभग ढाई साल से सफाई कमर्चारी के रूप में कार्यरत सत्यवीर द मूकनायक को बताते हैं कि अस्पताल प्रबंधन ने आज तक बताया ही नहीं कि हमारा मूल वेतन कितना है. सत्यवीर को अंतिम वेतन 14 हजार 600 रुपए मिले थे. सत्यवीर दावा करते हैं कि, “एमडी ने कहा था कि हम लोगों का वेतन साढ़े 17 हजार रुपए रखी गई है. लेकिन यह वेतन आज तक नहीं मिला है. यह कंपनी (ग्लोबल वेंचर) शुरुआती दिनों में साढ़े 9 हजार रुपए वेतन दे रही थी, जो बहुत कम है.”

“हमारी मांग है कि हमारा वेतन समय से मिले. अस्पताल पर हमारे जो वर्कर्स हैं उन्हें कहीं और हटाया न जाए. सुपरवाईजर हर दूसरे-तीसरे दिन टॉर्चर करते हैं. इनका तबादला कराया जाए,” अपनी मांगों के बारे में सत्यवीर ने कहा. सत्यवीर ने बताया कि हम लोग कई महीनों से अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं. कभी भुगतान में देरी तो कभी हमारे साथ के महिला कर्मियों से बदसलूकी की जाती है.

ठेका कंपनियों की उदासीनता के कारण सफाईकमचारियों को नहीं मिलता समय से वेतन.
ठेका कंपनियों की उदासीनता के कारण सफाईकमचारियों को नहीं मिलता समय से वेतन.

लगभग 4 सालों से, बुराड़ी हॉस्पिटल की शुरुआत से ही सफाईकर्मचारी पद पर तैनात बबली, ने द मूकनायक को बताया कि यहां महिलाओं को कैसे प्रताड़ित किया जाता है. महिला कर्मी ने बताया कि, “वह लोग (अस्पताल के अधिकारी) धमकी देते हैं कि दूसरी जगह भेज देंगे. आज-कल बताकर आश्वासन दे रहे हैं कि सैलरी आ जाएगी लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी अभी तक सैलरी नहीं आई. जिन अधिकारियों पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न करने के आरोप लगे थे, मुकदमा दर्ज हुआ था, वह अब बाहर घूम रहे हैं. यहां कई महिलाएं कम पढ़ी-लिखी या अनपढ़ हैं. अधिकारी उन्हें अपने पास बुलाकर भद्दे कमेन्ट करते हैं, और अश्लील स्टेटस लगाते हैं.”

बबली ने भी यह बात स्वीकार की कि उसे भी नहीं पता है कि उनकी मूल सैलरी कितनी है. क्योंकि, उसका आरोप है कि उनकी सैलरी में कटौती की जाती है. वह आरोप लगाती हैं कि, “हमें कभी भी पूरी ड्यूटी नहीं दी गई. इसलिए पूरा वेतन भी नहीं मिला. उसमें भी सैलरी समय से नहीं मिल रही है. यहां हर हफ्ते नए सुपरवाइजर आते हैं. कुछ पता नहीं कि यहां कितने सुपरवाइजर हैं.”

बबली ने कहा कि केजरीवाल ने इस अस्पताल की शुरुआत कोविड के समय की थी. लेकिन तब से एक बार भी यहां वह झांकने नहीं आए कि यहां काम करने वाले वर्कर्स के साथ क्या हो रहा है.

एक अन्य महिला सफाईकर्मी ने बताया कि, जब से यह अस्पताल खुला है तब से हम यहां काम कर रहे हैं. हम लोग जब से धरने पर बैठे हैं तब से हमें धमकी दी जा रही हैं. कहा जा रहा है कि यहां से भगा दिया जाएगा. नए टेंडर में किसी को न शामिल करने की धमकी दे रहे हैं.

महिला कर्मी ने बताया कि जब से धरने पर बैठे हैं तब से कोई अधिकारी हमसे मिलने नहीं आया. दो-दो महीनों के अंतराल पर सैलरी दी जाती है. ऊपर से परेशान भी करते हैं. जब तक हमारी सैलरी नहीं आ जाती तब तक हम सभी धरने पर बैठे रहेंगे और तब तक काम बंद रहेगा. 

मामले पर द मूकनायक ने बुराड़ी अस्पताल के एमडी, आशीष गोयल से बात की. उन्होंने सफाईकर्मियों के हड़ताल करने की वजह के सवाल पर जवाब दिया कि, “वर्कर्स को जल्दी वेतन मिल जाएगा. हमारे पूरे दिल्ली का सर्वर डाउन है. दिल्ली सरकार में 2 तारीख से कहीं भी सैलरी नहीं आ रही है. जब 1-2 दिन में यह ठीक हो जाएगा तब सैलरी दे देंगे.”

सफाईकर्मियों को पूरा भुगतान न देने के सवाल पर एमडी ने कहा, “वर्कर्स को पूरी सैलरी दी जाती है. अगर आप यह दावा करते हैं कि पूरी सैलरी नहीं मिली है तो इसके साक्ष्य दीजिए. जिसको जो मिला है वह रिकार्ड हम दिखा सकते हैं.” 

महिलाओं के साथ अभद्रता करने, और उन्हें प्रताड़ित करने के द मूकनायक के सवाल पर एमडी, आशीष गोयल ने कहा कि, “अगर ऐसा कुछ होता है तो लिखकर देंगे यह हमें बताएंगे तो उसपर कार्यवाही होगी. पहले जो ऐसे मामले में जो शिकायत दिया गया था उसपर FIR हुई थी.”

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