मणिपुर: 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को लेकर कुकी और मैतेई समुदाय के लोग क्या सोचते हैं?

जानिए हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर में “भारत जोड़ो न्याय यात्रा” के क्या हैं मायने?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधीग्राफिक- द मूकनायक
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नई दिल्ली: मणिपुर की राजधानी इम्फाल से लगभग 40 किमी दूर, रविवार को थौबल में खोंगजोम युद्ध स्मारक के निकट से देश में शांति, सद्भावना और न्याय का दौर लौटाने का वादा करते हुए कांग्रेस की “भारत जोड़ो न्याय यात्रा" की शुरुआत की गई. भारत जोड़ो न्याय यात्रा की बस रवाना होने से पूर्व एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला भी बोला. 

इससे पहले राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा”, जो देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी से लेकर उत्तर में जम्मू कश्मीर तक थी, कांग्रेस की जनता के साथ जुड़ाव की एक सफल राजनीतिक रणनीति मानी जा रही है. जबकि इस यात्रा को लेकर सत्ता पक्ष हमलावर रहा है.

कांग्रेस नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कुकी और मैतेई समुदाय के लोग क्या सोचते हैं इसपर द मूकनायक ने मणिपुर के कुछ निवासियों और संगठन के पदाधिकारियों से बात की.

मैतेई बाहुल्य घाटी क्षेत्र इम्फाल में ‘मणिपुर हाउस’ होटल के मालिक मानसिंह ने द मूकनायक को बताया कि यह अभियान कोई मुद्दा नहीं है. कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पास आरोप लगाने के अलावा वास्तव में कुछ नहीं है। इससे हिंसा कम नहीं होगी. राज्य और केंद्र में बीजेपी है.

जबकि, मणिपुर में कुकी बाहुल्य क्षेत्र चुराचांदपुर जिले के रहने वाले ज़ोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष (External), थोंग थांगसिंग (Thong Thangsing) ने बताया कि कांग्रेस के इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा का कितना असर होगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन इसका असर हो भी सकता है.

थोंग थांगसिंग ने द मूकनायक से कहा कि, “मैतेई द्वारा किए जा रहे विरोध और सीबीएसई की मान्यता रद्द करने सहित हमारे शैक्षिक अधिकारों के लिए हम अभी भी लड़ रहे हैं.”

यह विदित है कि भारत जोड़ो यात्रा की तरह भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी कांग्रेस पार्टी की एक चुनावी रणनीति है. लेकिन इस बार इसकी शुरुआत एक हिंसाग्रस्त राज्य से शुरू करने का कदम तब ख़ास हो जाता है जब बीजेपी सरकार पर मणिपुर मुद्दे को अनदेखा करने के आरोप लगते रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक ट्राइबल संगठन की महिला सदस्य ने बताया कि, “मैं इस समय इस पर कोई राय नहीं दे सकती कि इसका मणिपुर हिंसा पर क्या प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस अभियान का सकारात्मक परिणाम होगा।”

राज्य में कुकी और मैतेई आमने-सामने हैं, वहीं हिंसा के केंद्र में रहे कुकी-जो छात्रों की शैक्षिक सुविधाओं को मुहैया न कराने और कुकी छात्रों के मुद्दों को अनदेखा करने के आरोप भी भाजपा शासित एन वीरेन सिंह सरकार पर लगाए जा रहे हैं. कुकी बाहुल्य क्षेत्र के एमबीबीएस के एक छात्र ने कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बारे में द मूकनायक से बात की. छात्र ने बताया कि, विशेषकर मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा अभियान को अंजाम देना उनके लिए बहुत सराहनीय है, क्योंकि यह पिछले 8 महीनों से अत्याचार और अराजकता का केंद्र है। मणिपुर जिस "न्याय" की तलाश में है, वह इस अभियान के बिल्कुल अनुरूप है।

छात्र ने बताया कि, “मिस्टर गांधी, जो अभियान को शुरू करने के लिए खुद वहां मौजूद हैं, ने उन अधिकांश लोगों की राय बेहतर ढंग से प्राप्त की है, जो भाजपा केंद्रित सरकार से काफी परेशान थे, जो विफल रही है, जिसमें - (1) मौजूदा स्थिति का बेहतर समाधान निकालना, (2) मणिपुर में स्थिति के शुरुआती चरण में तत्काल कार्रवाई करना शामिल है.

“अभियान के राजनीतिक पहलू को ध्यान में रखे बिना, मिस्टर गांधी ने एक ऐसे राज्य को प्राथमिकता देने के लिए मेरा सम्मान अर्जित किया है जो लंबे समय से बिना किसी स्थायी समाधान के पीड़ित परेशान हैं। हालाँकि अभियान शुरू हो गया है, लेकिन इससे हिंसा में कमी आने की संभावना है क्योंकि समस्या की जड़ वर्तमान भाजपा सरकार में है, और इस प्रकार, जब तक कोई राजनीतिक समाधान नहीं निकाला जाता है, तब तक कांग्रेस के पास लड़ाई को रोकने की बहुत कम या कोई शक्ति नहीं है,” छात्र ने द मूकनायक से कहा.

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