MP के जबलपुर के सेंट फ्रांसिस स्कूल में हड़कंप: वाटर कूलर का पानी पीने से दर्जनभर बच्चे बीमार, दो की हालत नाजुक

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कूल से वाटर कूलर, फिल्टर पाइप और आसपास पाए गए पैकेट को जब्त कर लिया है। इन सभी सामग्रियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
प्रशासन ने शुरू की जांच
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भोपाल। एमपी के जबलपुर शहर के घाना इलाके में स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में मंगलवार की दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक दर्जन से अधिक बच्चे अचानक बीमार पड़ गए। पढ़ाई के दौरान ही कुछ बच्चों को उल्टियां और पेट दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बीमार छात्रों को रांझी सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

सूचना मिलते ही कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय मिश्रा को तत्काल जिला अस्पताल भेजा और घटना की विस्तृत जांच के निर्देश दिए। डॉक्टरों ने बताया कि दो छात्राओं की हालत नाजुक बनी हुई है, जिन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है, जबकि बाकी बच्चों को जनरल वार्ड में निगरानी में रखा गया है।

पेट दर्द और उल्टियों के साथ बिगड़ी तबीयत

मंगलवार की शाम जब स्कूल की छुट्टी होने वाली थी, तभी कक्षा सात से दसवीं तक के छात्र वाटर कूलर से पानी पीकर लौटे। कुछ ही देर में कई बच्चों की तबीयत एक साथ बिगड़ने लगी। बच्चों को उल्टियां होने लगीं, पेट में तेज दर्द और चक्कर आने जैसी स्थिति हो गई। शिक्षकों ने तुरंत परिजनों को सूचना दी और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया।

पुलिस जांच में जुटी

घटना की सूचना पर खमरिया थाना पुलिस स्कूल पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू की। पुलिस को संदेह है कि यह किसी छात्र की शरारत हो सकती है। स्कूल प्रशासन ने भी इस संभावना से इनकार नहीं किया है। फिलहाल, वाटर कूलर को सील कर दिया गया है और उसमें से पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।

दो छात्राओं की हालत गंभीर, आईसीयू में भर्ती

घटना में सबसे अधिक प्रभावित छात्राएं तान्या और सगुन बताई जा रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार दोनों ने ज्यादा मात्रा में पानी पिया था, जिसके कारण उनकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। दोनों को जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कर विशेष निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल सभी बच्चों का इलाज जारी है और उन्हें 24 घंटे की मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर

कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि पानी में किसी बच्चे द्वारा पाउडर जैसा पदार्थ डाला गया था। हालांकि यह कोई अत्यधिक जहरीला या घातक पदार्थ नहीं था, लेकिन उसके कारण बच्चों में रासायनिक प्रतिक्रिया हुई, जिससे उल्टियां और पेट दर्द जैसी शिकायतें हुईं।

डॉ. मिश्रा ने बताया, “सभी बच्चों की हालत अब स्थिर है। हमने वाटर कूलर के पानी और उसमें मिले पदार्थ के नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने का वास्तविक कारण क्या था।”

घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और जैसे ही यह स्थिति सामने आई, तत्काल सभी छात्रों को अस्पताल भेजा गया। प्रबंधन ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को जांच में सहयोग का भरोसा दिया है।

हालांकि, अभिभावक स्कूल की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि स्कूल परिसर में निगरानी कैमरे लगे होने के बावजूद सुरक्षा में चूक कैसे हुई। कई अभिभावकों ने स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया और प्रशासन से इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।

रिपोर्ट से खुलेगा राज़

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कूल से वाटर कूलर, फिल्टर पाइप और आसपास पाए गए पैकेट को जब्त कर लिया है। इन सभी सामग्रियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने स्कूल के कुछ छात्रों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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