MP: पचमढ़ी में केंद्रीय संसदीय समिति का दो दिवसीय प्रवास, SC-ST कल्याण योजनाओं की जमीनी समीक्षा करेगी समिति

समिति द्वारा तैयार की जा रही यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर भविष्य की नीतिगत सिफारिशें तय की जाएंगी।
संसद भवन
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भोपाल। मध्यप्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार से संसद की अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) कल्याण समिति का दो दिवसीय दौरा शुरू हो गया है। यह समिति प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एससी-एसटी कल्याण योजनाओं की जमीनी स्थिति का मूल्यांकन कर रही है। साथ ही, केंद्रीय उपक्रमों में इन वर्गों के कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व और कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति पर भी समीक्षा बैठकें हो रही हैं।

समिति की बैठक पचमढ़ी स्थित एमपी पर्यटन के होटल चंपक बंगले में आयोजित की जा रही है। बैठक की अध्यक्षता मंडला से सांसद एवं समिति अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते कर रहे हैं। समिति के सदस्य 3 और 4 नवंबर को पचमढ़ी में रहेंगे, इसके बाद 5 नवंबर को भोपाल के लिए रवाना होंगे।

16 सांसद और कई केंद्रीय उपक्रमों के प्रतिनिधि शामिल

इस बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के 16 सांसद शामिल हुए हैं। समिति में कुल 21 सदस्य हैं, लेकिन पाँच सदस्य इस दौरे में उपस्थित नहीं हो सके।

इसके अलावा, केंद्रीय सरकार के कई सार्वजनिक उपक्रमों जैसे- वेस्टर्न कोल फील्ड्स (WCL), भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, मैंगनीज इंडिया लिमिटेड, इंडिया जैक्स लिमिटेड.

के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी इस बैठक में उपस्थित हैं। ये प्रतिनिधि अपने-अपने उपक्रमों में एससी/एसटी वर्ग के कर्मचारियों की स्थिति, पदोन्नति, आरक्षण अनुपालन, और सामाजिक-शैक्षणिक कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन पर समिति को जानकारी दे रहे हैं।

योजनाओं का जमीनी मूल्यांकन

समिति का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि केंद्र सरकार की ओर से एससी-एसटी वर्ग के लिए बनाई गई कल्याण योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी साबित हो रही हैं। इसके साथ ही यह भी जांची जा रही है कि सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थानों में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व तय मानकों के अनुसार हो रहा है या नहीं।

जानकारी के अनुसार, समिति द्वारा अधिकारियों से विस्तृत प्रस्तुतीकरण मांगा गया है जिसमें आरक्षण नीति के पालन, प्रमोशन में प्रतिनिधित्व, और कल्याणकारी योजनाओं के उपयोग की वास्तविक स्थिति शामिल है।

5 दिवसीय अध्ययन दौरा में एमपी और गोवा में समीक्षा

यह दौरा कुल 5 दिनों का है, जो 3 नवंबर से 7 नवंबर तक चलेगा। समिति मध्य प्रदेश के बाद गोवा का दौरा करेगी, जहां सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों में एससी-एसटी वर्ग से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की जाएगी।

समिति का यह अध्ययन दौरा न केवल योजनाओं की समीक्षा बल्कि जमीनी साक्ष्य जुटाने का भी प्रयास है, ताकि संसद के आगामी सत्र में कल्याण योजनाओं की प्रभावशीलता और चुनौतियों पर सटीक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके।

फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा: “समीक्षा का उद्देश्य योजनाओं को मजबूत बनाना”

समिति अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि इस दौरे का उद्देश्य किसी संस्था की आलोचना नहीं बल्कि योजनाओं की प्रभावशीलता को और मजबूत बनाना है।

उन्होंने कहा- “एससी-एसटी वर्ग के लोगों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।”

भोपाल में बैठक का होगा समापन

पचमढ़ी प्रवास के बाद समिति भोपाल पहुंचेगी, जहां राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक न्याय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। इस बैठक में प्रदेश स्तर पर एससी-एसटी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट और जमीनी चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी।

समिति द्वारा तैयार की जा रही यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर भविष्य की नीतिगत सिफारिशें तय की जाएंगी। इस रिपोर्ट का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) कल्याण योजनाओं के प्रभाव और उनकी जमीनी हकीकत को समझना है। दौरे के दौरान समिति के सदस्य स्थानीय समुदायों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद करेंगे, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का समग्र आकलन किया जा सके। इस संवाद के माध्यम से समिति यह जानने का प्रयास करेगी कि सरकारी योजनाओं का लाभ किस हद तक लक्षित वर्गों तक पहुँच रहा है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।

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