राजस्थान: क्या इस नए विधेयक से निजी कोचिंग संस्थाओं की मनमानी पर लग सकेगा अंकुश?

राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 लागू
राजस्थान: क्या इस नए विधेयक से निजी कोचिंग संस्थाओं की मनमानी पर लग सकेगा अंकुश?

जयपुर। राजस्थान सरकार ने निजी कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश में राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 लागू कर दिया है। सरकार के इस नए विधेयक की हर तरफ तारीफ भी हो रही है। साथ ही लोगों के मन में सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या राज्य सरकार छात्रहित में इस नए विधेयक की सख्ती से पालना करवा पाएगी? या फिर कोचिंग संस्थानों की एक जुटता सरकार पर हावी रहने वाली है। इस विधेयक को लेकर द मूकनायक ने कोचिंग सिटी कोटा के कुछ निजी कोचिंग संस्थानों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन कोचिंग संचालकों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

सरकार का सही कदम

सवाईमाधोपुर जिले के एक कोचिंग संस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विज्ञान विषय पढ़ने वाले हरिओम सिंह सूर्यवंशी ने द मूकनायक से कहा कि कोचिंग संस्थानों पर सरकार का नियंत्रण जरूरी है। सूर्यवंशी ने राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 को छात्र हित में सही ठहराया है।

हरिओम सिंह विधेयक पर आगे कहते हैं कि, "कोचिंग संस्थान स्वयं को श्रेष्ठ बताने के लिए प्रतियोगी परीक्षा परिणाम को लेकर भ्रामक प्रचार कर छात्रों को अपने जाल में फंसाते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में पास के साथ ही कॉलेज व नौकरियों में सलेक्शन की गारंटी तक लेते हैं। इस गारंटी के साथ अभिभावकों से मोटी रकम ऐंठी जाती है। बाद में छात्र के विफल होने पर फीस भी वापस नहीं लौटाते। राजस्थान सरकार ने इस विधेयक के माध्यम से कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है। सरकार का यह सराहनीय कदम है।"

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नहीं दे सकेंगे भर्ती परीक्षा में चयन की गारंटी

राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 के तहत यदि कोई छात्र बीच सत्र में कोचिंग छोड़ कर जाता है तो संस्था को विद्यार्थी को शेष फीस लौटानी होगी। इतना ही नहीं अब कोचिंग संस्थान भ्रामक विज्ञापन भी जारी नहीं कर सकेंगे। कोचिंग संस्थान को जारी विज्ञापनों में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि उनका संस्थान चिकित्सा व इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश या भर्ती परीक्षा में चयन की गारंटी नहीं है। साथ ही नीट, आईआईटी, जेईई जैसी विभिन्न परीक्षाओं में कोचिंग संस्थान की सफलता दर की भ्रामक जानकारी नहीं दे सकेंगे।

मनमानी पर निगरानी समिति की रहेगी निगाहें

राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 के तहत कोचिंग संस्थाओं की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश व जिला स्तर पर निगरानी समिति बनाई जाएगी। समिति के अलावा विद्यार्थी की शिकायत के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शिकायतों पर मुख्यमंत्री के स्तर तक निगरानी रहेगी।

विशेषज्ञ बताते हैं कि गाइड लाइन की पालना नहीं करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी है, लेकिन धरातल पर यह प्रावधान कितना कारगर होगा देखना होगा। यह बात अलग है कि इस विधेयक के तहत बनाई गई गाइड लाइन की सीएम अशोक गहलोत भी समीक्षा कर चुके हैं।

कोचिंग संस्थानों के लिए जारी गाइडलाइन को लागू कराने के लिए राज्य स्तरीय समिति में उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, मेडिकल शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए जाएंगे। जिला स्तरीय निगरानी समितियों में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ अभिभावक, कोचिंग संस्थान, एनजीओ के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक तथा मोटिवेशनल स्पीकर व अतिरिक्त जिला कलक्टर रहेंगे। जिला स्तरीय कमेटी के फैसलों से असंतुष्ट कोचिंग संस्थान, छात्र या अभिभावक राज्य सरकार की अपील ऑथरिटी में 30 दिन के भीतर अपील कर सकेंगे।

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यह भी होगा जरूरी

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा विशेष कर नीट, जेईई, आईआईटी जैसी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करने वाले छात्रों में मानसिक तनाव रहता है। कई बार छात्र सुसाइड तक कर लेते हैं। ऐसे में विशेषकर कोटा में स्टूडेंट के बढ़ते सुसाइड मामलों पर राज्य सरकार अलग से स्टडी कराने जा रही है। छात्रों में अवसाद व उनकी परेशानी को दूर कैसे कर सकते हैं, सरकार इस पर मंथन करेगी। इसके लिए नए विधेयक की जारी गाइड लाइन में भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कोचिंग संस्थानों में जागरूकता सप्ताह आयोजित करने का प्रावधान शामिल किया गया है। साथ ही अस्पताल व डॉक्टर्स की सूची भी हॉस्टल में रखने के निर्देश दिए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान निजी शिक्षण संस्थान विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2022 (Rajasthan Private Educational Institutions Regulatory Authority Bill 2022) के तहत कोचिंग इंस्टीयूट के पास जिला कलक्टर मिनी सुविधा केंद्र खोलेंगे। भ्रामक विज्ञापन दिखा कर छात्रों को गुमराह करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई होगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए रोशनी की व्यवस्था करना होगा। कोचिंग होस्टल में सुरक्षा गार्ड के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। छात्रों की मदद के लिए रेफरल सेवाएं जैसे अस्पताल, डॉक्टर्स आदि की सूची लगानी होगी। बिना सूचना के 3 दिन नहीं आने पर छात्रों के अभिभावकों से सम्पर्क कर अनुपस्थित रहने का कारण पता करना होगा।

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कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेंटर स्थापित करना होगा। जिसमे इंटरनेट व कम्प्यूटर हो। कोचिंग और अभिभावकों के पास छात्रों के आवास और मोबाइल नम्बर होना जरूरी है। पुलिस थानों में विद्यार्थियों के लिए अलग से हेल्प डेस्क जरूरी होगी। कोचिंग सेंटर खोलने से पहले देखना जरूरी होगा कि आस-पास कोई शराब या मादक पदार्थ की बिक्री नहीं हो। कोचिंग संस्थान में आने वाले छात्रों व दूसरे लोगों के लिए एक मूवमेंट रजिस्टर या फिर इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करना होगा।

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