राजस्थान: जम गया रेगिस्तान, फसलों पर कुछ ऐसा बरपा शीत लहर का कहर

माइनस 6 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का पारा। फसलों पर बर्फ की चादर। किसानों के चेहरों पर मायूसी।
फसल पर जमी बर्फ
फसल पर जमी बर्फ फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

जयपुर। उत्तर-पश्चिम हवाओं ने रेगिस्तान को जमा दिया। पिछले दो दिनों से राजस्थान में पारा जमाव बिंदु पर है। माउंटआबू सहित पश्चिमी राजस्थान के ज्यादातर इलाको में तापमान 2 से 6 डिग्री सेल्सियस तक माईनस में दर्ज हुआ है। शीतलहर से सर्वाधिक नुकसान फसलों को हुआ है। लेकिन अभी तक भी राज्य सरकार ने फसल खराबे के आंकलन को लेकर किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया। इससे किसानों में निराशा है। मौसम विभाग की माने तो अगले दो दिनों तक प्रदेश में पाला पड़ने की संभावना है। ऐसे में किसानों की चिंताएं और बढ़ गई है।

फसल पर जमी बर्फ
राजस्थान: गेहूं, सरसों और चना की बढ़वार के लिए यूरिया की जरूरत, किसानों को नहीं मिल रही खाद

राजस्थान के साथ ही हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, यूपी व एमपी (मध्य प्रदेश) में भी शीतलहर का प्रभाव है। जयपुर शहर के समीप जोबनेर में सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज हुई। यहां इस सीजन पहली दफा पारा माइनस -4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यहां फसलों पर बर्फ जमी नजर आई। इससे टमाटर, मिर्च, गोबी व सरसों की फसल चौपट हो गई।

किसानों की माने तो जयपुर से जोबनेर तक टमाटर, मिर्च व अन्य फसलों की पैदावार होती है। अब शीत लहर के कहर से यहां की फसल नष्ट हो गई। चित्तौड़गढ़ के किसान भेरूलाल बताते हैं कि, कपासन क्षेत्र में भी पाला गिरने से फसलों को हुआ भारी नुकसान। बीती रात पाला गिरने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। यहां खेतों में बोई अफीम की फसल पर पाले से प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जिन पौधों के डोडा (कल्ले/कली) निकल आए हैं वह पाला पड़ने से काले हो गए हैं। अफीम के फूल भी झड़ गए। अफीम के किसानों को खासा नुकसान हुआ है। अफीम के अलावा सरसों, चना, बैंगन, व पपीता की फसलो में भी पाले का प्रभाव देखा गया है।

जिले में 2000 हेक्टेयर भूमि में अफीम की फसल खराब होने का अनुमान है। भीलवाड़ा के जहाजपुर क्षेत्र में भी दो दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। किसान रामहेत भील बताते हैं कि दिन भर ठंडी हवाएं चलती रही। रात्रि में हवा शांत हुई तो सुबह फसलों पर बर्फ जम गई। लोग सर्दी से बचाव के लिए ऊनी वस्त्र व अलाव ताप कर सर्दी से बचाव कर रहे हैं। श्रीगंगानगर में भी फसलों पर बर्फ जमी नजर आई। पाला पड़ने से सरसों सहित अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है।

फसल पर जमी बर्फ
ग्राउंड रिपोर्टः सूखती फसल को चारे की तरह इस्तेमाल कर रहे किसान

सिरोही जिले के माउंट आबू में आज फिर ठंड का रिकॉर्ड टूटा। माईनस 6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ। माउंट आबू में फसलों, घरों, सड़क व वाहनों पर बर्फ की चादर जमी नजर आई। चूरू जिले के सरदार शहर भी माईनस 2.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज की गई। सर्द हवाओं से कंपकपीं छूट गई। हर तरफ बर्फ जम ही। फसलों में भी बर्फ जमी रही। शीतलहर से सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हैं।

अजमेर जिला भी शीतलहर के प्रभाव से अछूता नहीं रहा। यहां भी बीते 3 दिनों से गलन बनी हुई है। लोग देर से घरों से निकल रहे हैं। किसान खेतों में अलाव के सहारे सर्दी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि फसलों में पाले का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। सरकारी स्तर पर फसल खराब के नुकसान के आकलन की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं कि गई है। बीकानेर जिले में भी शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। विशेष कर किसानों को फसलों को पाले से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने के टिप्स बताए गए हैं।

सरसों के पौधे पर जमी बर्फ
सरसों के पौधे पर जमी बर्फफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

जैसलमेर जिले में भी दो दिनों से लगातार सर्दी में इजाफा हो रहा है। फसलों पर बर्फ के साथ किसानों के चेहरों पर मायूसी देखी गई। किसान मंगल खान कहते हैं कि, "इसी तरह सर्दी रही तो किसानों की फसलें जल जाएगी। सवाईमाधोपुर जिले में कई स्थानों पर बर्फ देखी गई। चित्तौड़ गढ़ के कपासन के सायक कृषि अधिकारी प्रशांत जाटोलिया कहते हैं कि सामान्यता अभी शीतलहर चल रही है। इस से मटर, बैंगन, सरसों, चना, अलसी, जीरा, धनिया, गेंहू, जो व अफीम की खेती को खतरा है। जब पाला पड़ता है तब पत्तियां व फूल झड़ जाते है। पाला पड़ने से पौधे में दाना पढ़ने की प्रक्रिया रुक जाती है। जिन पौधों में दाना बन जाता है उनका दाना पकता नहीं है, बल्कि सिकुड़ जाता है।"

सब्जियों पर जमी बर्फ
सब्जियों पर जमी बर्फफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

उन्होंने कहा कि, "पाला पड़ने का एहसास पहले ही हो जाता है। दिन के समय ही ठंडी हवा चलने लगती है। अचानक हवा रुक जाती है। इससे बर्फ जमकर पाला पड़ता है। पाला का प्रभाव कम करने के लिए किसान खेत की मेड पर कूड़ा करकट जलाएं। उत्तर पश्चिम से चलने वाली हवाओं को रोकने के लिए झाड़ियों की बाड़े लगाएं। गंधक के तेजाब का पानी में घोल बना कर छिड़काव कर स्प्रे भी कर सकते हैं।"

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