भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे करते नहीं थकती, लेकिन दावे से इतर प्रदेश के सैकड़ों स्कूल भवन जर्जर हो चुके है। ऐसे ही जर्जर स्कूलों में नौनिहाल टीन शेड के नीचे जिंदगी दांव पर लगा कर पढ़ने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार ने इसी साल स्कूलों की कायाकल्प करने के लिए करोड़ों रुपए स्वीकृत किए, लेकिन स्कूल भवनों के मरम्मत का काम नहीं हुआ। द मूकनायक ने स्कूल भवनों की स्थिति जानने के लिए पड़ताल की है। पेश है हमारी ये ग्राउंड रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल प्रदेशभर के 5 हजार शासकीय स्कूलों की मरम्मत के लिए करीब डेढ़ अरब रुपए स्वीकृत किए थे। इन रुपयों से स्कूल भवनों की छत, सीलिंग, शौचालय, फ्लोरिंग और खिड़की दरवाजों की मरम्मत की जानी थी। भवनों के मरम्मतीकरण के पैसे स्वीकृत होने के बावजूद भी सैकड़ों स्कूलों की स्थिति बदहाल है।
द मूकनायक की टीम राजधानी भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र खजुरीकलां के एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पहुचीं। यहां करीब 300 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। लगभग 70 साल पहले बने इस भवन को जर्जर करार दे दिया गया है। इसके बावजूद भी इन टीन सेड के जर्जर कमरों में क्लास लगाई जा रही है। स्कूल भवन की बदहाल स्थिति के कारण छात्र हमेशा डर में रहते हैं। बिल्डिंग की हालत इतनी खराब है कि बारिश में छत से पानी आता है तो कभी छत के सीमेंट के टुकड़े नीचे टपकने लगते हैं। स्कूल में चार कमरों पर टीनशेड है। छत पर लोहे के एंगल और लकड़ी के पोल जिन पर शेड टिका था, उनकी हालत काफी खराब थी।
द मूकनायक से बातचीत में स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा ने बताया कि उसे हमेशा डर लगता है कि कहीं स्कूल भवन छत से सीमेंट के टुकड़े उसके ऊपर न गिर जाएं। वहीं एक अन्य छात्र ने कहा कि उन्हें क्लास रूम में पढ़ने मैं हमेशा डर बना रहता है। एक बार क्लास में पढ़ा रही शिक्षका के ऊपर क्लास की छत से सीमेंट का टुकड़ा टूट कर गिर गया था, जिससे उन्हें चोट भी लग गई थी।
स्कूल के प्रधानाध्यापक शासन-प्रशासन को चिठ्ठी लिख चुके हैं। लगभग 2 साल पहले क्षेत्र की विधायक कृष्णा गौर ने यहाँ भूमि पूजन भी किया था, वादे किए थे कि नया भवन जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन दो साल बाद भी भवन की मरम्मत नहीं हो सकी है। द मूकनायक से बातचीत में स्कूल की शिक्षका आभा सिंह ने बताया कि स्कूल भवन की हालत काफी खराब है, जगह-जगह से पानी टपकता है। छत और दीवारों से सीमेंट के टुकड़े गिरते है। बार प्रधानाध्यापक ने शासन को मरम्मत के लिए पत्र लिखा पर कार्रवाई नहीं हुई।
इधर, द मूकनायक ने इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी एके त्रिपाठी से बातचीत की। उन्होंने कहा- आपके माध्यम से खजूरीकलां के एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला के भवन जर्जर होने का जानकारी मिली है। अभी हमने भवन को देखा नहीं है। हम इस मामले पर संज्ञान लेंगे। पहले भवन का निरीक्षण करेंगे फिर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
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