राजस्थान: नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर संचालित होंगे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय

अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार का यह सराहनीय कदम है।
अल्पसंख्यक आवासीय  विद्यालयों का संचालन जवाहर नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर होगा।
अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों का संचालन जवाहर नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर होगा।

जयपुर। शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राजस्थान सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यको के लिए प्रदेश भर में 32 अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय शुरू किए हैं। इससे पहले तक राजस्थान में ऐसे 17 विद्यालय संचालित थे। नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में ऐसे सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों का संचालन जवाहर नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर होगा। अल्पसंख्यको के लिए शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान सरकार का यह बड़ा कदम है। 

प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ?

शैक्षणिक सत्र 2023-24 के अंतर्गत 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध एवं पारसी) के बालक-बालिकाओं को बेहतर आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के लिए इन अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने प्रवेश के लिए 15 जुलाई अंतिम तिथि घोषित की है। विभाग ने छात्र-छात्राओं के लिए कक्षा 6, 7, 8 और 9वी कक्षा के लिए अलग अलग सीटों की क्षमता भी निर्धारित की है।

कैसे मिलेगा आवेदन?

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु विभाग के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त किया जा सकता है। जिला कार्यालय तक पहुंचने में अक्षम छात्र छात्राएं विभाग की वेबसाइट http://mlnorlty.rajasthan.gov.in से भी प्रवेश के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।  

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में प्रवेश के आवेदन के लिए बालक - बालिका राजस्थान का मूल निवासी होना जरूरी है। आवेदक अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बालक बालिका, जिनके परिवार को सभी स्रोतों से वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो, या जिनके माता पिता राज्य सरकार के कार्मिक होने पर पे-मैट्रिक्स का लेवल 11 तक का वेतन प्राप्त कर रहे हो। यह पात्रता रखने वाले बालक बालिका ही राज्य में संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए पात्र माने जाएंगे। 

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए बालक बालिकाओं को आवेदन पत्र के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, गत परीक्षा की अंकतालिका, अल्पसंख्यक समुदाय का प्रमाण पत्र, श्रेणी/वर्ग का प्रमाण पत्र (विधवा, परित्यक्ता, बीपीएल, दिव्यांग, अनाथ आदि), आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड प्रस्तुत करना होगा।  

क्या है आवेदन की प्रक्रिया?

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र की प्रति एवं आवश्यक दस्तावेजों की स्वयं प्रमाणित सेकेंड प्रति सलंग्न करनी होगी। मूल आवेदन पत्र आवश्यक दस्तावेजों सहित 15 जुलाई तक सम्बन्धित जिले की ईमेल आईडी पर अपलोड कर भेज सकते हैं। या फिर संबंधित जिले के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय में डाक के माध्यम से अथवा व्यक्तिगत उपस्थित होकर भी जमा करवा सकते हैं। 

अन्य विद्यालयों या पंजीकृत मदरसों में नामांकित एवं अध्ययनरत तथा ड्रॉपआउट हो चुके बालक बालिकाओं को कक्षा 6, 7, 8, 9, में "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। क्षमता से अधिक आवेदन आने पर लॉटरी के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। 

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित बालक बालिकाओं को पूर्णतया निशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था रहेगी। प्रशिक्षित एवं अनुभवी अध्यापकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी। बेहतर एवं सुरक्षित आवास सुविधा मिलेगी। पोष्टिक भोजन दिया जाएगा। सम्पूर्ण शिक्षण सामग्री निशुल्क दी जाएगी। दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे, यूनिफॉर्म, जूते, तेल, साबुन, तौलिया आदि भी निशुल्क दिए जाएंगे। 

इनके अलावा चिकित्सा सुविधा, कौशल एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स की भी अलग से निशुल्क सुविधा दी जाएगी। जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर संचालित इन आवासीय विद्यालयों में उसी के समान सुविधा एवं अध्ययन व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएगी। 

कक्षा 6 से 9वी कक्षा तक इन जिलों में संचालित होंगे आवासीय विद्यालय

अल्पसंख्यक मामलात विभाग के निदेशक जमील कुरेशी ने अधिसूचना जरी कर बताया कि जैसलमेर जिले के सांकड़ा ब्लॉक के भणियाणा में तथा अलवर जिले के रामगढ़ में 140 छात्र क्षमता वाले बालक अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय संचालित होंगे।  उदयपुर शहर, सीकर शहर, बाड़मेर में बुरहान का तला तथा भरतपुर जिले के पहाड़ी ब्लॉक के कचंनेर और कामा ब्लॉक के नणदेरा में 140 छात्रा क्षमता के बालिका आवासीय विद्यालय संचालित होंगे। 

अजमेर जिले के मसूदा में, चूरू शहर, नागौर शहर, सीकर के फतहपुर में, श्री गंगानगर जिले के घड़साना में, सवाईमाधोपुर शहर, जैसलमेर जिले के (सम) कुछड़ी में 160 छात्र क्षमता के बालक आवासीय विद्यालय संचालित होंगे। जबकि अलवर जिले के तिजारा और बाड़मेर के अभे का पार में 160 छात्रा क्षमता वाले आवासीय बालिका विद्यालय हैं। 

सवाईमाधोपुर में संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय
सवाईमाधोपुर में संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय

इसी तरह अलवर जिले के रामगढ़ में, भरतपुर जिले के नगर में, बाड़मेर जिले के रमजान की गफन में, सेड़वा में और अजमेर के सरवाड़ में 120 छात्रा क्षमता वाले बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं।

भरतपुर के पहाड़ी और कामा में, जोधपुर शहर में, जोधपुर जिले की बाप तहसील के जेतड़ासर में, झुंझुनू शहर, कोटा शहर, टोंक शहर, बीकानेर शहर,  सीकर शहर, जैसलमेर के नाचना में 120 छात्र क्षमता वाले बालक आवासीय विद्यालय संचालित होंगे।

जयपुर शहर में अल्पसंख्यक बालक आवासीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय में 120 छात्र क्षमता तय की गई है। 

सवाईमाधोपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मनोज मीणा ने द मूकनायक को बताया कि राजस्थान में अल्पसंख्यक समुदायों की बेहतर शिक्षा के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग के माध्यम से संचालित बालक-बालिका आवासीय विद्यालयों में फिलहाल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति अध्यापकों को लगाया गया है। प्रतिनियुक्ति पर लगाये गए शिक्षक ही इन विद्यालयों का संचालन कर सकेंगे। वित्तीय पावर भी इन्हीं विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पास रहेगा। ऐसे में सुविधाएं मुहैया कराने व अन्य विकास कार्यों के लिए यह स्वतंत्र होंगे। मीणा ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार का यह सराहनीय कदम है। पात्र बालक बालिकाओं को इसका लाभ लेना चाहिए।

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