मध्य प्रदेश: शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शिक्षकों के उड़ाए 1.13 करोड़, मामला दर्ज

विभाग के तीन कर्मचारियों ने मिलकर 1.13 करोड़ रुपयों की हेराफेरी की है।
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घोटालासांकेतिक तस्वीर

भोपाल। मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में फिर घोटाला सामने आया है। विभाग के तीन कर्मचारियों ने मिलकर 1.13 करोड़ रुपयों की हेराफेरी की है। हालाँकि, गुना जिले के चांचौड़ा ब्लॉक में शिक्षा विभाग में हुए 1.13 करोड़ के गबन के मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने एरियर को अपने परिवार वालों के खातों में ट्रांसफर कर लिया था। जिसके बाद मंगलवार को कलेक्टर ने समय सीमा बैठक में एफआईआर न कराने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। कलेक्टर की सख्ती और फटकार के बाद शनिवार को इस मामले में शिक्षा विभाग के दो लेखापाल और एक भृत्य पर एफआईआर दर्ज करा दी गयी है।

बता दें कि पिछले वर्ष अगस्त में यह मामला सामने आया था। चांचौड़ा बीईओ कार्यालय में एक वित्तीय गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसमे तीन कर्मचारियों ने 1.13 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में जमा कराई थी। यह राशि रेगुलर शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों की सैलरी थी।

जानकारी के अनुसार, यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से 2022 के बीच हई थी। कुछ जानकारों ने उस समय बताया था कि वर्तमान में सभी शिक्षकों के ट्रेजरी कोड जनरेट होते हैं। उसी के आधार पर सैलरी सीधे ऑनलाइन उनके एकाउंट में जमा हो जाती है। वहीं दो साल पहले तक सैलरी का भुगतान वेंडर के जरिए होता था। तब ऑफलाइन ट्रांजेक्शन भी हो जाता था। इस मामले में यही हुआ होगा. यह गड़बड़ी इसलिए नहीं खुल पाई क्योंकि संबंधितों की सैलरी का पैसा उन्हें मिल जाता था, इसलिए कभी कोई विवाद सामने नहीं आया।

खातों को वेरीफाई करने और उसे सही बताने को जिम्मेवारी लेखापाल की ही होती है। ऐसे में सबसे बड़ी आशंका यही है कि लेखापाल ने ही शिक्षकों के खाते बदलकर उनकी जगह अपने रिश्तेदारों के खाता नंबर उसमे डाल दिये। इसके बाद से एरियर उन रिश्तेदारों के खातों में जाने लगी। वास्तविक शिक्षकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। क्योंकि सैलरी उनके खाते में ही पहुँच रही थी।

इस मामले में शिक्षा विभाग के तीन कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया है। समय सीमा बैठक में यह मामला कलेक्टर के सामने पहुंचा था। उन्होंने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी को भी वार्निंग दी थी। इसी के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने थाने में शिकायती आवेदन दिया। उनके आवेदन पर स्वाती जैन लेखापाल, कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी चांचौडा, मुकुट बिहारी प्रजापति लेखापाल शासकीय हाई स्कूल पेंची वर्तमान कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, भृत्य नारायण लाल घोसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। उन पर धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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