नई दिल्ली: दिल्ली की भाजपा सरकार राजधानी के दलित छात्रों के लिए एक बड़ी सौगात लाने की तैयारी में है। सरकार एक ऐसी कल्याणकारी योजना शुरू करने पर विचार कर रही है, जिसके तहत प्रतिभाशाली दलित छात्रों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), JEE, मेडिकल और अन्य प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से मुफ़्त कोचिंग प्रदान की जाएगी।
यह योजना पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की एक दलित स्कॉलरशिप पहल से मिलती-जुलती हो सकती है, जो कथित अनियमितताओं के आरोपों के कारण फिलहाल बंद पड़ी है।
इस घटनाक्रम से जुड़े दो अधिकारियों ने जानकारी दी कि सरकार का उद्देश्य दलित समुदाय के छात्रों को एक संगठित अकादमिक सहायता प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण कई प्रतिभाशाली छात्र महत्वपूर्ण प्राइवेट कोचिंग का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं, जिस वजह से वे पीछे रह जाते हैं।
एक अधिकारी के अनुसार, "दलित छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सहायता, दलित संगठनों और छात्र समूहों की एक लंबे समय से चली आ रही मांग थी। वे लगातार यह सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं कि किसी भी प्रतिभाशाली छात्र को वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अवसरों से वंचित न रहना पड़े।"
उन्होंने यह भी बताया कि, "मंत्री रविंदर इंद्रराज ने संबंधित विभाग को एक व्यापक योजना तैयार कर इसे विचार के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।"
गौरतलब है कि साल 2017 में तत्कालीन AAP सरकार ने 'जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना' की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य भी आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग देना था। हालांकि, बाद में कथित वित्तीय अनियमितताओं और कोचिंग संस्थानों को समय पर भुगतान न करने के आरोपों के चलते यह योजना निष्क्रिय हो गई थी। फिलहाल, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-corruption branch) इन गंभीर आरोपों की जांच कर रही है।
इस नई योजना का प्रारूप अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा। उम्मीद है कि इस योजना के तहत पैनल में शामिल प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों की ट्यूशन फीस को कवर किया जाएगा। इसके अलावा, तैयारी के दौरान छात्रों की आर्थिक मदद के लिए उन्हें कुछ वजीफा (stipend) भी दिया जा सकता है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अभी सभी विवरण योजना के स्तर पर हैं और विभाग इस पर वित्त और कानून विभागों से भी राय लेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस योजना को पूरी तरह से सुरक्षित (foolproof) बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह अपने उद्देश्य को उच्च पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ पूरा करे, इसमें कड़े निगरानी तंत्र शामिल किए जाने की उम्मीद है। जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है।"
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