पीलीभीत पॉक्सो कोर्ट का बड़ा फैसला: दलित नाबालिग के रेपिस्ट को 20 साल तो साजिश रचने वाली महिला को 10 साल की कैद

पीलीभीत की विशेष पॉक्सो अदालत ने 2018 के चर्चित मामले में फैसला सुनाया है। नाबालिग को बहलाकर लाने वाली महिला साथी को भी 10 साल की कठोर कैद।
Major decision of Pilibhit POCSO court 20 years imprisonment for rapist of Dalit minor and 10 years imprisonment for woman who conspired.
नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार: दोषी को 20 साल की सज़ा, साजिश में शामिल महिला को भी 10 साल कैद(Ai फोटो)
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पीलीभीत/उत्तर प्रदेश: एक विशेष पॉक्सो अदालत ने 2018 में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में 25 वर्षीय युवक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, पीड़िता की पारिवारिक मित्र, एक 35 वर्षीय महिला को भी आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120बी) के तहत 10 साल की कैद की सजा दी गई है, क्योंकि उसने ही लड़की को बहला-फुसलाकर घटनास्थल पर पहुँचाया था।

यह महत्वपूर्ण फैसला मंगलवार शाम को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) गीता सिंह ने सुनाया। अदालत ने दोषी विपिन पर ₹1 लाख और उसकी सहयोगी कौशल्या देवी पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया है।

क्या था पूरा मामला?

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 18 मई, 2018 की है। दोपहर करीब 2 बजे, कौशल्या देवी 15 वर्षीय पीड़िता को शौच के बहाने पीलीभीत जिले के एक गाँव में स्थित उसके घर से बाहर ले गई और उसे पहरेदारी करने के लिए कहा। वहाँ गन्ने के खेत में उस समय 18 साल का विपिन पहले से ही इंतजार कर रहा था। अदालत को बताया गया, "उसने लड़की को घसीटकर खेत के अंदर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया।"

इस घिनौनी वारदात का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता ने बाद में अपनी माँ को पूरी आपबीती सुनाई। इसके बाद, पीड़िता के पिता की लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने शुरू में आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला) के साथ-साथ पॉक्सो और एससी/एसटी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

जांच में सामने आई सच्चाई

सरकारी वकील अनिल कुमार शर्मा ने बताया, "लड़की ने अपनी गरिमा की रक्षा के लिए लिखित शिकायत दर्ज करते समय बलात्कार की बात का खुलासा नहीं किया था। हालाँकि, जब मेडिकल जांच में अपराध की पुष्टि हो गई, तो पुलिस ने एफआईआर में धारा 376 (बलात्कार) को भी जोड़ दिया। बाद में लड़की ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपने अदालती बयान में भी इस बात पर जोर दिया।"

पुलिस ने सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को इकट्ठा करने के बाद 3 अप्रैल, 2021 को आरोप पत्र दायर किया। घटना के अगले ही दिन विपिन और कौशल्या देवी दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए थे।

अदालत का अंतिम फैसला

न्यायाधीश ने यह भी फैसला सुनाया कि यदि दोषी जुर्माना भरने में विफल रहते हैं, तो विपिन की सजा छह महीने और कौशल्या देवी की सजा तीन महीने और बढ़ा दी जाएगी। अदालत ने आदेश दिया है कि जुर्माने की पूरी राशि पीड़िता को दी जाए। इसके अलावा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पॉक्सो अधिनियम के नियम 7 के तहत लड़की को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया है।

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