
राजस्थान। प्रदेश के विशेष योग्यजन आयुक्त उमाशंकर शर्मा द्वारा विशेष योग्यजन छात्र-छात्राओं के लिए स्कूलों की जांच का व्यापक अभियान आरंभ किया गया है। शर्मा के नेतृत्व में अभियान की शुरुआत उदयपुर से की गई है एवं मंगलवार से विद्यालयों के निरीक्षण का सिलसिला भी शुरू हो गया है। विशेष योग्यजन आयुक्त शर्मा ने बताया कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के भवनों एवं व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान देखा जा रहा है कि विशेष योग्यजन बच्चों के लिए स्कूलों के भवन एवं व्यवस्थाएं कितने अनुकूल हैं। इसके तहत स्कूलों के कक्षा कक्ष परिसर, शौचालय, कैफेटेरिया, बैठने की व्यवस्था, प्रवेश द्वार, लिफ्ट, पेयजल, आपातकाल निकासी एवं रैंप की व्यवस्था सहित 75 पैरामीटर पर गहनता से जांच की जा रही है। विद्यालयों में जाकर देखा जा रहा है कि विशेष योग्यजन बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिल रही है या नहीं। यही नहीं निरीक्षण के दौरान विद्यालयों को विशेष योग्यजन बच्चों का पूरा ख्याल रखने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
इसके अलावा शिक्षा का अधिकार कानून 2009 के तहत विद्यालयों द्वारा विशेष योग्यजन बच्चों को प्रवेश की भी जांच की जा रही है एवं विद्यालयों को इस कानून के तहत अधिकाधिक विशेष योग्यजन बच्चों का प्रवेश लेने हेतु पाबंद किया जा रहा है।
शर्मा ने मीडिया को बताया कि उदयपुर में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भी सभी विद्यालयों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आदेश के अनुसार जिले के सभी पीईईओ को अपने अधीनस्थ विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा एवं दिए गए प्रपत्र में निरीक्षण रिपोर्ट समय पर भेजनी होगी। जो भी विद्यालय विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल नहीं पाया जाएगा उस पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान का मकसद राज्य के समस्त विद्यालयों को विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल बनाना है जिससे कि वह भी आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सक्षम नागरिक बन सकें।
उमाशंकर शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत हर विद्यालय को विशेष योग्यजन बच्चों के अनुकूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा बाल अधिकारिता विभाग की संयुक्त टीम द्वारा शहर के 3 स्कूलों के निरीक्षण के साथ इसकी शुरुआत हुई।
मंगलवार को रोकवुड स्कूल, डीपीएस स्कूल एवं नीरजा मोदी स्कूल का निरीक्षण उप निदेशक मांधाता सिंह और सहायक निदेशक के के चंद्रवंशी की संयुक्त टीम द्वारा किया गया। इस दौरान बाल अधिकारिता विभाग अधीक्षक चेतन मेनारिया, अध्यापक रामावतार, महिला परामर्शदाता सृष्टि आचार्य, परिवीक्षा अधिकारी हरि सिंह झाला सहित अन्य उपस्थित रहे। आगामी दिनों में जिले प्रत्येक विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा एवं रिपोर्ट विशेष योग्यजन आयुक्त को प्रस्तुत करनी होगी। इसके बाद अभियान को राज्यभर में चलाया जाएगा।
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