भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों में करीब 1.51 करोड़ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन इनमें से 39 लाख विद्यार्थी ऐसे हैं जो आधार संबंधी समस्याओं की वजह से संकट में हैं। इनमें 26 लाख विद्यार्थियों के आधार में गलती है, जबकि 13 लाख विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड ही नहीं है। इस वजह से छात्रवृत्ति समेत कई सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। इतना ही नहीं, विद्यार्थियों की अपार आईडी बनने और माध्यमिक शिक्षा मंडल की आगामी परीक्षाओं में पंजीयन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस स्थिति से निपटने के लिए आधार अब विद्यालय के द्वार अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की मदद से राज्यभर के स्कूलों में आधार संबंधी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
विभाग ने सभी स्कूल प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि वे पहले ऐसे विद्यार्थियों की सूची तैयार करें, जिनके आधार में गड़बड़ी है या जिनके पास आधार नहीं है। इसके बाद उनके अभिभावकों को सूचना देकर स्कूलों में ही शिविर लगाए जाएंगे।
1 अक्टूबर से पूरे राज्य में आधार अपडेट शिविरों की शुरुआत होगी। पहले चरण में उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां आधार संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा हैं। बड़े स्कूलों को भी केंद्र बनाया जाएगा, ताकि आसपास के गांवों और कस्बों के अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
आधार कार्ड का अपडेट न होने की वजह से विद्यार्थी छात्रवृत्ति, सरकारी योजनाओं और शिक्षा विभाग की कई सेवाओं से वंचित रह सकते हैं।
छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाएं: अधिकांश योजनाओं का लाभ सीधे आधार से जुड़े बैंक खातों में भेजा जाता है। आधार अपडेट न होने पर राशि विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पाएगी।
अपार आईडी की अनिवार्यता: विद्यार्थी की अपार आईडी में उसकी पूरी शैक्षणिक यात्रा का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहता है। अगले सत्र से माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा का फार्म बिना अपार आईडी के भरा नहीं जा सकेगा।
प्रवेश प्रक्रिया: अगले कक्षाओं में प्रवेश और दूसरी स्कूलों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी आधार कार्ड और अपार आईडी आवश्यक होंगे।
आधार अपडेट में एक और बड़ी दिक्कत उम्र की शर्त को लेकर है। UIDAI के नियमों के अनुसार, आधार का बायोमेट्रिक अपडेट केवल दो उम्र वर्गों में अनिवार्य होता है उनमें 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष अभी जिन विद्यार्थियों के आधार को तत्काल अपडेट करने की जरूरत है, उनमें अधिकतर की उम्र 15 वर्ष से कम है। ऐसे में उनके लिए बायोमेट्रिक अपडेट कराना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि UIDAI की मदद से बायोमेट्रिक अपडेट की प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर विशेष अनुमति लेकर छोटे बच्चों के लिए भी अपवाद बनाए जा सकते हैं, ताकि उन्हें योजनाओं से वंचित न होना पड़े।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आधार में गड़बड़ी के चलते पढ़ाई और सरकारी योजनाओं से लाखों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। ऐसे में विभाग को समयबद्ध तरीके से शिविर आयोजित कर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा।
आधार अब सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि शिक्षा और सरकारी योजनाओं की रीढ़ बन चुका है। ऐसे में 39 लाख विद्यार्थियों के आधार संबंधी मुद्दों का समय रहते समाधान बेहद जरूरी है।
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