
जालौर- राजस्थान के जालौर जिले के बागोड़ा तहसील के कालेटी गांव में एक 23 वर्षीय दलित युवक चेतन कुमार की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। खेत की रखवाली के लिए गए चेतन का शव पेड़ से लटका मिला, लेकिन परिवार का दावा है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का मामला है। पैर जमीन से सटे होने, रस्सी की स्थिति और पास पड़े तारों जैसे संकेतों ने मौत को रहस्यमयी बना दिया है।
परिवार ने स्थानीय मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम कराने से साफ इनकार कर दिया और जिला स्तर की टीम बुलाने की मांग पर अड़ा रहा। बागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) की मोर्चरी के बाहर धरना, ग्रामीणों का जमावड़ा और प्रशासनिक हलचल: यह सब गुरुवार दोपहर तक चला, लेकिन अब सहमति बनने की खबरें आ रही हैं। आखिर इस घटना ने क्यों बवाल खड़ा कर दिया?
मंगलवार रात को सब कुछ सामान्य लग रहा था। चेतन कुमार (23), पुत्र सांवलाराम , कालेटी गांव के निवासी थे। वे स्थानीय किसान लाला राम चौधरी के खेत में मजदूरी करते थे, जहां अनार की फसल पर रखवाली का काम चल रहा था। भोजन के बाद चेतन खेत की रखवाली के लिए निकला। लेकिन बुधवार सुबह करीब 7 बजे खेत मालिक लाला राम ने परिवार को बताया चेतन आत्महत्या कर चुका है। यह खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया।
परिजन मदनराम (30), टीकमाराम, टेकमाराम, बिजलाराम, तोलाराम और मां मंजूदेवी तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां का नजारा देखकर सब स्तब्ध रह गए। चेतन का शव पेड़ से लटका था। रस्सी गले में बंधी हुई थी, लेकिन पैर जमीन से सटे हुए थे। परिवार के अनुसार, केवल गर्दन का हिस्सा ऊपर की ओर लटका दिख रहा था, जो आत्महत्या की बजाय हत्या की ओर इशारा करता है। मदनराम ने तुरंत फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की, जिसमें साफ दिखा कि पास में तीन तार पड़े थे, जो बॉडी से सटे हुए थे। एक भारी वजन (बॉट) भी जमीन पर गिरा पड़ा था, जिसकी जगह पहले खाली थी। परिवार का कहना है, 'श्वास चल रही लग रही थी, इसलिए हमने रस्सी काटकर नीचे उतारा। लेकिन यह आत्महत्या नहीं, किसी ने हत्या का रूप देकर छिपाने की कोशिश की है।'
सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने द मूकनायक को बताया कि घटना स्थल पर पहुंची बागोड़ा पुलिस ने पंचनामा किया। शव को मोर्चरी में रखा गया, लेकिन पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया रुक गई। परिवार ने जिला स्तर की मेडिकल टीम की मांग की, क्योंकि स्थानीय स्तर पर भरोसा नहीं था। मदनराम ने कहा, 'प्रथम दृष्टया आत्महत्या नहीं लग रही। पूरी जांच होनी चाहिए।' वे मेघवाल समाज से हैं, और इस घटना ने दलित समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया।
सीएससी मोर्चरी के बाहर सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, सब चिल्ला रहे थे, धरना शुरू हो गया, जो दो दिन चला। भीम आर्मी के नेता राजेंद्र सिंह धांधल और मांगीलाल मेघवंशी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ एक मौत नहीं, समुदाय की पीड़ा का प्रतीक है। प्रशासन निष्पक्ष जांच करे, वरना आंदोलन होगा।'
परिवार के मुताबिक चेतन को आर्थिक तंगी या मानसिक परेशानी नहीं थी। 'वह परिवार का सहारा था, क्यों करेगा सुसाइड?' हत्या के आशय में अन्य किसी का हाथ हो सकता है, ऐसा उनका संदेह है। वीडियो में दिखे तार और वजन ने इस शक को और मजबूत किया।
बागोड़ा थाना प्रभारी बलदेव राम ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर धारा 194 बीएनएसएस (मृत्यु के कारणों की जांच) के तहत मर्ग रिपोर्ट दर्ज की गई है। हत्या की आशंका सहित सभी पहलुओं पर जांच शुरू हो चुकी है।' पुलिस ने तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया, जिसमें जिला स्तर के डॉक्टर शामिल हैं। सहायक उपनिरीक्षक नरसी राम और अन्य टीम लगातार परिजनों को समझा रहे थे।
गुरुवार दोपहर तक तनाव चरम पर था। कई घंटों की समझाइश के बाद परिवार और प्रशासन के बीच सहमति बनी। जिला मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम की मंजूरी मिली। प्रशासन ने दो दिनों में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद भीम आर्मी नेता राजेंद्र सिंह धांधल और मांगीलाल मेघवंशी ने धरना समाप्त कर दिया। शव अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंपा जाएगा।
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