UP: 'मुख्यमंत्री हमारी जाति का है.... जब मन होगा तब पानी देंगे' - दलितों, पिछड़ों के खेत की सिंचाई बनी चुनौती

किसानों ने कहा कि आरोपी की मनमानी के कारण फसल का काफी नुकसान हो रहा है। गन्ने की फसल सूख रही है। किसानों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से की शिकायत, पुलिस बोली जांच करने के आदेश दिए.
शंकरपुर गांव में बना हुआ नलकूप संख्या 109
शंकरपुर गांव में बना हुआ नलकूप संख्या 109तस्वीर- द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। सीतापुर जिले में जातिवादी भेदभाव का मामला सामने आया है। मिश्रिख तहसील के रहने वाले दलित और पिछड़े समाज के किसानों ने उच्च जाति के किसान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा संचालित नलकूप उच्च जाति के किसान के खेत के बीच मौजूद है। उच्च जाति का किसान इसका फायदा उठाकर नलकूप की चाभी अपने पास रखता है, और सिर्फ अपना खेत सींचता है।

आरोप है कि, दलित और पिछड़ी जाति के किसानों को खेत में पानी देने से वह मना कर दिया। पीड़ित किसानों का आरोप है कि उच्च जाति के किसान ने धमकाया है कि सीएम उनकी जाति का है, और यह सरकार उसकी है। उसका जब मन होगा तब पानी देगा। विरोध करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देता है। इस मामले में पीड़ित किसानों ने सीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में पुलिस ने जांच कर कार्रवाई किये जाने की बात कही है।

पूरा मामला सीतापुर जिले के मिश्रिख तहसील के गोंदलामऊ ब्लॉक का है। इस ब्लॉक में रामगढ़ क्षेत्र में डालमीया चीनी मील से सटा हुआ शंकरपुर गांव मौजूद है। इस गांव में लगभग तीन सौ किसान परिवार रहते हैं। गांव के किसानों से द मूकनायक को बताया कि, "हमारे खेतों के पास सिंचाई विभाग द्वारा स्थापित नलकूप संख्या 109 मौजूद है। इससे लगभग 50 किसान अपना खेत सींचते हैं। नलकूप संख्या 109 गांव के ठाकुरों के खेत के बीच बना हुआ है। इस गांव में ठाकुरों के लगभग 100 बीघा खेत मौजूद है। जबकि अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के किसानों के सभी खेत मिलाकर लगभग 200 बीघा हैं। इस क्षेत्र में ज्यादातर गन्ने की खेती होती है। गन्ने की फसल में ज्यादा मात्रा में पानी के जरूरत होती है। गर्मी के कारण इस समय गन्ने की फसल धूप में प्रभावित हो रही है। इसलिए सभी किसानों को पानी की आवश्यकता ज्यादा है।"

किसान आरोप लगाते हुए कहते हैं, "इस समय गर्मी के कारण पावर कट की समस्या भी ज्यादा है। ऐसे में ज्यादा समय तो पम्प ही नहीं चलता है। जब लाइट आती है तो अधिकतर समय ठाकुर ही अपने खेत को सींचते रहते हैं। दलित और पिछड़ी जाति के किसानों को पिछले एक महीने से खेत में ठीक तरीके से पानी लगाने को नहीं मिला है। इसके कारण फसल का काफी नुकसान हो रहा है। गन्ने की फसल सूख रही है।"

किसानो का आरोप है कि, "कई बार खेत में पानी लगाने को लेकर ठाकुर परिवारों से विवाद भी हुआ है। ठाकुर परिवार के लोग हमें धमकाते हैं कि सीएम हमारी जाति का है, यह ठाकुरों की सरकार है। हमारा जब मन होगा तब हम पानी देंगे। चूंकि नलकूप उनके खेतों के बीच में मौजूद है, ठाकुरों का कहना है कि उनकी इजाजत के बिना कोई उनके खेतों में नहीं घुस सकता है। और नलकूप की चाभी ठाकुर के परिवार के पास ही रहती है। जब इसका विरोध किया जाता है तो वह हमें चोरी, डकैती, छेड़छाड़ और रेप के झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देते हैं। हमने पूरी शिकायत सीएम से की है।"

इस मामले में सीतापुर पुलिस का कहना है कि, "पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी मिश्रिख और थाना प्रभारी को दी गई है। मामले में जांच करके कार्रवाई की जाएगी।"

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