औरैया- उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद के एक गाँव में दलित परिवार के साथ एक ऐसी हैवानियत भरी घटना सामने आई है, जो समाज की कुरूप तस्वीर पेश करती है। एक युवती के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने की 'सजा' उसके पूरे परिवार को इस कदर दी गई कि मनबढ़ लोगों ने उनके घर में घुसकर उनकी जमकर पिटाई की और सरकार व जाति का दंभ भरते हुए जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपी खुलेआम कह रहे थे - "हमारी सरकार है, मुख्यमंत्री हमारे हैं।" घटना के बाद पुलिस भी एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही है, जिससे पीड़ित परिवार इंसाफ की उम्मीद लिए उच्चाधिकारियों के सामने गुहार लगाने को मजबूर है।
जनपद के ग्राम भरसेन में दलित युवती के साथ छेड़छाड़ और उसके बाद हुए पारिवारिक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि विपक्षी पक्ष के लोगों ने न सिर्फ युवती का यौन शोषण किया, बल्कि बाद में उनके परिवार के सदस्यों की सामूहिक पिटाई करके जान से मारने की धमकी भी दी। सबसे गंभीर आरोप यह है कि आरोपीगण सत्ता और जातिगत दबदबे का दावा करते हुए खुलेआम गोली मारने की धमकी दे रहे हैं।
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में युवती द्वारा लिखित शिकायत की कॉपी और पीड़ित परिवारों की फोटोज वायरल होने पर औरैया पुलिस ने मामले का खंडन किया और दोनों पक्षों के बीच विवाद दीपावली की रात बच्चों द्वारा जलाए गए पटाखों के कारण होना बताया जिसमे दोनों पक्षों ने आपस में मारपीट की और चोटिल हुए।
पीड़िता के अनुसार उसके पड़ोस में रहने वाले क्षितिज उर्फ हीरू उर्फ वीरेश उस पर गंदी नजर रखते हैं और अश्लील इशारे करते हैं। डर के मारे और गरीबी व जातिगत दबाव के चलते परिवार ने इसका विरोध नहीं किया। दिनांक 20 अक्टूबर को शाम लगभग 7:00 बजे जब पीड़िता शौच के लिए खेत में गईं, तो क्षितिज ने अचानक उसे पकड़ लिया और उनके नाजुक अंगों को दबोचकर छेड़छाड़ की। वह रोती हुई भागकर घर आईं और घटना की जानकारी अपनी माँ को दी।
इसके बाद पीडिता के पिता ने आरोपियों के परिवार से शिकायत की। लेकिन विपक्षी पक्ष ने उल्टा उन्हें ही 'चमार' जाति का ताना देते हुए गलत आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा, "हमारी सरकार है, मुख्यमंत्री हमारे हैं, तुम्हारी क्या औकात?" इसके बाद रात लगभग 10:30 बजे, नौ लोगों का एक समूह तमंचे और लाठी-डंडे लेकर पीड़िता के घर पहुँचा।
हमलावरों ने दरवाजा धक्का देकर तोड़ा और चिल्लाते हुए कहा, "आज च%म$#रों को सबक सिखा दो, जान से मार दो।" उन्होंने पीडिता के भाईयों दीपक और सुशील और एक अन्य व्यक्ति को पीटा और आतंक का माहौल बनाया। पीडिता ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि आरोपियों ने एलान किया कि गाँव में रहना है तो सिर झुकाकर रहें, वरना आगे सरेआम गोली मार देंगे। धमकी दी गई कि "अब प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार नहीं आएगी, हमारा योगी ही रहेगा, ठाकुरबाद ही रहेगा।" घटना को आस पास के कई लोगों ने देखा।
पीड़िता के अनुसार घटना की शिकायत थाने में की गई, लेकिन थाना प्रभारी ने केवल चिकित्सीय जाँच करवाई और एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। आरोप है कि पुलिस मामले को हल्के में ले रही है और आरोपियों के दबदबे के आगे झुक रही है। पीड़िता ने अब उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
पत्रकार गौरव पाल ने चोटिल परिजनों की तस्वीरों के साथ पीडिता की तरफ से लिखित शिकायत x पर शेयर करते हुए लिखा, " उत्तर प्रदेश में जाति और जातिवाद का आलम यह हो गया हैं कि औरैया के भरसेन क्षत्रिय वर्ण के दलितों के साथ मारपीट करते है तो FIR नहीं लिखी जाती,पुलिस मुख्यमंत्री के सजातीय लोगों पर करवाई करने से क्यों पीछे हट रही हैं? परिवार का आरोप हैं उनका मुकदमा नहीं लिखा गया थाने से उनको भगा दिया।"
थाना कोतवाली औरैया क्षेत्रांतर्गत ग्राम भरसेन में हुए विवाद के संबंध में क्षेत्राधिकारी नगर ने बताया मामला दीवाली के दिन बच्चों के पटाखा जलाने को लेकर शुरू हुए विवाद का है जिसमे दोनों पक्षों के लोगों द्वारा गाली गलौज और पथराव किया गया जिससे दोनों पक्षों को चोटें आई हैं जिनका मेडिकल परीक्षण करवा कर दोनों पक्षों के विरुद्ध FIR दर्ज किया गया है और दोनों पक्षों के दो दो लोगों को गिरफ्तार कर अग्रिम कारवाई की गयी है। क्षेत्राधिकारी ने सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही खबर का खंडन करते हुए इसे भ्रामक बताया।
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