तंजावुर, तमिलनाडु: समाज में आज भी गहरी जड़ें जमाए हुए जातिगत भेदभाव का एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला तमिलनाडु के तंजावुर जिले से सामने आया है। यहां के कोल्लनगराई गांव में स्कूल जा रहे दलित समुदाय के कुछ बच्चों को एक बुजुर्ग महिला ने कथित तौर पर लाठी दिखाकर एक कच्चे रास्ते पर चलने से रोक दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद लोगों में भारी गुस्सा है।
वायरल हुए वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक युवक कुछ स्कूली बच्चों को लेकर रास्ते से गुजर रहा है, तभी एक बुजुर्ग महिला हाथ में लाठी लेकर उनका रास्ता रोक लेती है। युवक द्वारा लाठी को किनारे हटाने के बावजूद महिला बार-बार उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश करती है।
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चेल्लकन्नू ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला ने बच्चों को रोकने के लिए 'एलिया साथी' शब्द का इस्तेमाल किया, जो दलितों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक बेहद अपमानजनक शब्द है।
चेल्लकन्नू ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिस रास्ते को लेकर यह विवाद हुआ, वह एक सामान्य कच्चा रास्ता है। यह सरकारी रिकॉर्ड में 'वांडी पाथाई' के रूप में दर्ज है, जिसका अर्थ है कि यह रास्ता वाहनों के आने-जाने के लिए अधिकृत है।
उन्होंने आगे कहा, "हाल ही में, कुछ स्थानीय लोगों ने इस रास्ते पर केले के पौधे लगाकर अतिक्रमण कर लिया था। इस वजह से बच्चों का स्कूल जाने का सीधा रास्ता बंद हो गया और उन्हें एक जलाशय के चारों ओर से लगभग डेढ़ किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर स्कूल जाना पड़ रहा था। यह सिलसिला 18 दिनों तक चला, जिसके बाद इलाके के कुछ युवकों ने हस्तक्षेप किया।"
बताया जा रहा है कि इस अतिक्रमण की सूचना अधिकारियों को तीन महीने पहले ही दे दी गई थी, जिसके बाद तहसीलदार के हस्तक्षेप से रास्ते को दोबारा खुलवाया गया था।
इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, हालांकि खबर लिखे जाने तक इस संबंध में कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई है।
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