राजस्थान: दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर पीटने वाले 11 अपराधियों को पांच-पांच साल का कारावास, अर्थदंड भी लगाया

एससी-एसटी कोर्ट राजसमंद के विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने छह साल पुराने मामले में किया फैसला, सभी आरोपियों को 5-5 साल के कारावास की सजा सुनाई.
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरफोटो साभार- इंटरनेट

राजस्थान। राजसमंद जिले में लगभग 6 साल पहले दलित समुदाय के दूल्हे को बिन्दौली के दौरान घोड़ी से उतारकर पीटने के मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी ठहराया है। इस मामले में मारपीट करने वाले सभी 11 आरोपियों को कोर्ट ने बामशक्कत पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपियों पर 27 हजार 500 रुपए के अर्थदंड भी लगाए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विशिष्ट लोक अभियोजक राज किशोर ब्रजवासी के अनुसार केलवाडा पुलिस थाने पर चंपा लाल ने 20 अप्रैल 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि 19 अप्रैल 2018 को उसके छोटे भाई भोली राम (भरत) की शादी के दौरान रात्रि 11 बजे बिन्दोली निकाली जा रही थी। घर से बिंदोली के लिए दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर डीजे के साथ रवाना किया। इस दौरान उसके परिवार के अलावा रिश्तेदार और मित्र भी मौजूद थे। रात सवा 11 बजे खेड़ादेवी मंदिर के सामने चौराहे पर बिंदोली लेकर पहुंचे। इसी बीच पीछे से उमेशसिंह (ईश्वरसिंह) की बिंदोली आई, जिसमें सभी शराब के नशे में थे। उनमें से 10-15 लोग दौड़कर उनकी बिंदोली को रोककर जातिसूचक गालियां देने लगे और कहने लगे कि तुम घोड़ी पर बिंदोली कैसे लेकर आए।

यह कहते हुए प्रताप सिंह, हिम्मत सिंह, हुकम सिंह ने दूल्हे के हाथ से तलवार खींच कर दूल्हे के सिर पर मारी, जिससे दूल्हे का साफा नीचे गिर गया। फिर चारों ने दूल्हे को पकड़कर घोड़ी से नीचे पटक दिया और इसके बाद उसकी जमकर पिटाई की। दूल्हे का गिरेबान पकड़कर उसके गले से सोने की चेन भी छिन ले गए। घटना के दौरान गोवर्धन व खुमाराम नामक के दो लोगों ने घोड़ी को पकड़ रखा था। वहीं, आरोपियों ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी मारपीट की और उन्हें जातिगत गालियां देकर अपमानित किया। इस पर पीड़ित किसी तरह से मौके से अपनी जान बचाकर भागे।

इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राजकिशोर ब्रजवासी ने 24 गवाह व 25 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए। राजसमंद के विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार जीनवाल ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी हाजेला का वास, समीचा निवासी हिम्मत सिंह, किशन सिंह, राम सिंह, प्रताप सिंह, गोपाल सिंह, प्रेम सिंह, चैन सिंह, गणपत सिंह, भरत सिंह, फतेह सिंह व हुकुम सिंह को दोषी करार दिया. साथ ही आईपीसी की धारा 143, 323, 341, और धारा 3(1)(r)(s)(za)(B) ,3(2)(Va) एससी / एसटी एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 5 साल कारावास और 27 हजार 500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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