किसानों ने कहा - “आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है सरकार”

कल इस तरह की अफ़रा-तफ़री होने के बाद फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे रहे किसानों ने अगले दो दिन के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है। किसान नेताओं ने कहा, आगे की रणनीति का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा।
आंदोलन कर रहे किसान.
आंदोलन कर रहे किसान. बीबीसी.

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शंभू और खनौरी बॉर्डर पर कल यानी बुधवार को अफ़रा-तफ़री का माहौल रहा। कल किसान पूरी तैयारी के साथ दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा लगातार आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट और प्लास्टिक बम चलाए गए, जिससे कई किसान घायल हो गए। वहीं, तनाव भरे इस माहौल के बीच खनौरी में एक युवा किसान, शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत हो गई।

किसान संगठनों के साथ-साथ पंजाब सरकार ने भी इस युवक की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन में किसी भी किसान के मारे जाने की ख़बर को अफ़वाह करार दिया है।

आगे की रणनीति का ऐलान शुक्रवार को

वहीं, कल इस तरह की अफ़रा-तफ़री होने के बाद फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे रहे किसानों ने अगले दो दिन के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है। किसान नेताओं ने कहा, आगे की रणनीति का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, खनौरी में हुई घटना पर हम चर्चा करेंगे। दिल्ली की ओर हमारे मार्च पर दो दिन का स्टे रहेगा। हम बाद में पूरी स्थिति स्पष्ट करेंगे कि क्या करना है। हमारा आगे का आंदोलन क्या होगा। इधर केंद्र सरकार ने चौथे दौर की वार्ता विफल होने के बाद पांचवें दौर की वार्ता के लिए किसान नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित किया है।

शुभकरण सिंह.
शुभकरण सिंह.

शुभकरण के रिश्तेदारों ने क्या कहा?

खनौरी में हुए युवा किसानों के मौत पर शुभकरण के रिश्तेदारों का कहना है - "शुभकरण सिंह, किसानों और पुलिस के बीच हो रहे टकराव की जगह से क़रीब 500 गज पहले खेतों में खड़े थे, तभी अचानक शुभ को गोली लगी और वो गिर गया।"

इसके बाद शुभकरण को स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया। बाद में उन्हें पटियाला के रजिंदरा अस्पताल में रेफ़र कर दिया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर कहा कि "किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है।"

किसान आंदोलन, शम्भू बोर्डर.
किसान आंदोलन, शम्भू बोर्डर. सौम्या राज, द मूकनायक.

कल शंभू बॉर्डर पर लगातार दागे गए आँसू गैस के गोले, कई घायल

कल शंभू बॉर्डर पर बुधवार दोपहर में पुलिस की ओर से किसानों पर लगातार आँसू गैस के गोले दागे गए। पुलिस की इस कारवाई से कई किसानों को गहरी चोटें आई। पुलिस द्वारा किए गए हमले में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल भी घायल हो गए। अभी उनका इलाज पटियाला के रजिंदरा अस्पताल में अस्पताल में चल रहा है।

वहीं, मौके पर मौजूद इस आंदोलन को कवर कर रहे कुछ पत्रकार भी इस हमले में घायल हो गए। वहां मौजूद किसानों ने बताया कि पुलिस एक साथ 50-60 गोले बरसा रही थी, जिससे चारों तरफ धुआं ही धुआं था। यहां सभी के चेहरे, आंख, नाक जल रहे थे और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हरविंदर सिंह.
शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हरविंदर सिंह. सौम्या राज, द मूकनायक.

'सरकार द्वारा आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश' - किसान

शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हरविंदर सिंह ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि "कल जब आंसू गैस छोड़े गए तो तो धुएँ की आड़ में कुछ लोगों द्वारा मुझे उठा कर ले जाने की कोशिश की गई। उनका दावा है कि सरकार की तरफ से कुछ उपद्रवी भी इस आंदोलन में जानबूझ कर शामिल किए गए हैं, ताकि हमारे आंदोलन को बदनाम किया जा सके। हम तो यहां शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा हम पर लगातार बर्बर कार्रवाई की जा रही है और हमें बदनाम किया जा रहा है।"

किसानों ने आंसू गैस से बचने के लिए अपने चेहरे को ढंक लिया था और इसके प्रभाव को कम करने के लिए जूट की गीली बोरियों का इस्तेमाल कर रहे थे। कुछ किसानों ने हमले से बचने के लिए पूरी सेफ्टी किट पहन रखी थी।

किसान नेताओं ने क्या कहा ?

कल पुलिस द्वारा किसानों पर की गई कार्रवाई पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि, "शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस द्वारा की गई बर्बर कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए। इस कार्रवाई से शुभकरण सिंह (23 साल) की मौत हो गई है और तीन किसान गंभीर रूप से घायल हैं। खनौरी बॉर्डर पर कई नौजवान मिसिंग हैं और केंद्र की अर्धसैनिक फोर्सेज ने पंजाब में घुसकर ट्रैक्टर को नुकसान पहुंचाया है और एक बुजुर्ग को बोरे में डालकर उनके हाथ-पांव तोड़कर खेतों में फेंक दिया, यह बर्बरता है..."

किसानों ने किया यह दावा...

वहीं, इस बीच शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने दावा किया है कि अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस ने सीमा पार कर पंजाब में किसानों के कैंप पर हमला किया, जिसके बाद छह लोग लापता हैं। किसानों ने इस संबंध में आज, गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इसकी सूचना दी।

मीडिया को दिए बयान में किसान नेता ने कहा, "हम इस बात की निंदा करते हैं कि पैरामिलिट्री फ़ोर्सेंज़ और हरियाणा पुलिस फ़ोर्स बॉर्डर क्रॉस कर के पंजाब में घुसकर किसानों के कैंप पर हमला किया। पंजाब पुलिस को इस बारे में जवाब देना चाहिए कि ये कैसे हुआ।"

उन्होंने कहा, "हमारे ट्रैक्टरों पर अटैक किया गया। हमारे छह लोग मिसिंग (लापता) हैं। कल जिनको उठाकर ले गए हैं, मानवता के आधार पर दो देशों की जंग के दौरान भी पैरामेडिकल स्टाफ़ पर कोई हमला नहीं करता। लेकिन कल खनौरी में उन्होंने जो मेडिकल कैंप थे, वहां घायलों का जो डॉक्टर ट्रीटमेंट कर रहे थे, उन्हें पीटा, लूटपाट की। ये सरासर बताता है कि इस सरकार ने बर्बरता की सीमा पार कर दी है।"

वहीं, इस बीच मीडिया को दिए बयान में आज भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत ने कहा, "किसानों का विरोध प्रदर्शन, पंजाब की सीमाओं पर हो रही घटनाओं और MSP पर कानून को लेकर आज SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) की बैठक है...खनौरी बॉर्डर पर एक शहीद हुआ है। पुलिस ने उन पर फायरिंग की।"

गौरतलब है कि किसान आंदोलन 13 फ़रवरी को शुरू हुआ था। हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था लेकिन इन किसानों को सुरक्षाबलों द्वारा रोक दिया गया। पहले ही दिन किसानों को रोकने के लिए पुलिसों द्वारा आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट और प्लास्टिक बम बरसाए गए। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अपनी माँगों को लेकर डटे हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी, कृषि कर्ज माफी, स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफ़ारिशों को लागू करने समेत अपनी मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

आंदोलन कर रहे किसान.
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