प्रयागराज में "फुले" फिल्म का दर्शकों से रिव्यू लेने पहुंचे दलित पत्रकार के साथ PVR कर्मियों ने की मारपीट, वीडियो हुआ वायरल, मामला दर्ज

PVR प्रयागराज में 'फुले' फिल्म का रिव्यू लेने पहुंचे पत्रकार से मारपीट, दलित पत्रकार बोले – 'क्या रिव्यू लेना गुनाह है?'
Screenshot of the viral video of the assault by PVR staff
PVR कर्मियों द्वारा मारपीट के वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट
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उत्तर प्रदेश: प्रयागराज (पूर्व इलाहाबाद) जिले में 29 अप्रैल को “फुले” फिल्म का दर्शकों से रिव्यू लेने पहुंचे पत्रकार संजय अम्बेडकर के साथ PVR कर्मियों द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है. दलित पत्रकार ने आरोप लगाया कि, फिल्म लगने के बावजूद फिल्म से सम्बंधित पोस्टर व उसके विज्ञापन पीवीआर में नहीं दिख रहे थे. इसके अलावा, फिल्म देखने आए दर्शकों से जब बात करने की कोशिश की तो PVR के कर्मचारियों और बाउंसर ने मारपीट शुरू कर दी. 

घटना की वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसपर लोग पीवीआर कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 

बीते मंगलवार को दिन में लगभग ढाई बजे “भीमराज दस्तक” नाम से अपना खुद का यूट्यूब चैनल चलाने वाले संजय अम्बेडकर प्रयागराज के पीवीआर सिनेमा के कैम्पस में पहुंचते हैं. सिनेमाघर में फुले फिल्म तो लगी थी, लेकिन “फुले” फिल्म का कोई पोस्टर या विज्ञापन नहीं दिखता है. संजय उत्सुकता से वह वहां आने वाले दर्शकों से बात करने की कोशिश करते हैं, इतने में PVR के कर्मचारी उन्हें रोकने लगते हैं. 

लेकिन लोगों का ओपिनियन लेना नहीं बंद करने पर वह पत्रकार के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. संजय द मूकनायक को बताते हैं कि, “मैं यहां फुले मूवी का रिव्यू लेने आया था. जो लोग फिल्म देखकर लौट रहे थे उनसे मैं बातचीत कर रहा था. फिल्म का रिव्यू ले ही रहा था अचानक मुझे रोक दिया जाता है.” 

संजय ने बताया कि वह पीवीआर परिसर में लोगों से फिल्म का रिव्यू ले रहा था. उन्हें वहां के वर्करों द्वारा मना किया गया तो वह बगल में खड़े हो गए. लेकिन यह देख फिल्म देखने आए लोग नाराज हो गए, जिससे उन लोगों के साथ पत्रकार और उनके सहयोगी से भी मारपीट शुरू हो गई. 

संजय अम्बेडकर ने बताया कि, “हम दो लोग वहां थे. एक मैं और एक मेरा साथी रवि. वो लोग (PVR कर्मी) रवि कुमार को पकड़ लिए तो मैं चिल्लाने लगा कि ‘तुम लोग क्यों उसे पकड़ लिए’. जब मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो मुझे भी दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया. थर्ड फ्लोर पर हमें ले जाकर हमारे साथ अभद्रता की गई. हमें पीटा गया. किसी तरह मैं जान बचाकर वहां से बाहर आया. वो लोग रवि को बंधक बना लिए थे, जब मैं बाहर आया तो प्रशासन को सूचित किया. फिर रवि को आधे घंटे के बाद छुड़वा पाए.”

संजय अम्बेडकर ने कहा कि घटना पूरी तरह से कैमरे में रिकार्ड है. यह सभी लोग पीवीआर के वर्कर और वहां के बाउंसर हैं. “हमने शिकायत दर्ज करा दी है. FIR भी दर्ज हो गई है. आज विवेचना होगी,” संजय ने द मूकनायक को बताया. 

इस घटना पर डर जाहिर करते हुए संजय ने कहा कि, “देशभर में पत्रकारों पर हमला हो रहा है. फतेहपुर में पत्रकारदिलीप सैनी को चाकुओ से गोद कर मार दिया गया. मुकेश चंद्राकर की हत्या की गई. सीतापुर में राघवेंद्र बाजपेयी को गोलियों से भून दिया गया. योगी सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं. क्या फिल्म का रिव्यू लेना गुनाह है?”

घटना के एक वायरल वीडियो पर बुधवार को DCP प्रयागराज सिटी के ऑफिसियल एक्स हैंडल ने जानकारी दी कि, “उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना सिविल लाइंस में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है, अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित है।”

पत्रकार संजय के सहयोगी रवि कुमार द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर पीवीआर के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ बुधवार को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, पीवीआर कर्मियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 115 (2), 352, 351(2), 351(3), 309(4), व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण अधिनियम) 1989 (संसोधन 2015) की धारा 3(2)(V), 3(1)द, 3(1)ध के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आपको बता दें कि फुले फिल्म को लेकर पहले भी देशभर में विवाद छिड़ चुका है. कई ब्राह्मण संगठनों ने इस फिल्म का बाईकाट कर इसका विरोध किया है. विरोध के चलते फिल्म में कई संशोधन भी किये गए हैं.

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