भोपाल। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से छेड़छाड़ का एक और मामला सामने आया है, जिससे जिले का माहौल गरमा गया है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात अज्ञात शरारती तत्वों ने अंबेडकर पार्क स्थित प्रतिमा के चेहरे पर काले रंग के निशान लगा दिए। जैसे ही यह खबर फैली, क्षेत्र में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए।
स्थानीय लोगों ने प्रतिमा की सफाई कर डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान प्रकट किया। घटना से आक्रोशित लोगों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध स्वरूप सड़क पर बैठकर जाम लगाया। प्रदर्शनकारियों ने दोषी की शीघ्र गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी मनीष शर्मा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी और बताया कि अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है और पार्क के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के 72 घंटे तक के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
प्रभारी मनीष शर्मा ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शन तब तक नहीं थमा जब तक थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई और कार्रवाई का लिखित आश्वासन नहीं दिया गया।
बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष मुकेश अहिरवार ने कहा कि अशोकनगर जिले में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ हो रही है, जो शांति भंग करने की साजिश का हिस्सा लगती है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में जिले के अलग-अलग हिस्सों में दो-तीन बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। मुकेश अहिरवार ने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई, तो बसपा 2 मई को जिला स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करेगी।
घटना को लेकर कांग्रेस ने भी आक्रामक रुख अपनाया। कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार को अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और करीब एक घंटे तक धरने पर बैठे रहे। इसके बाद उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए आरोपी की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की। कांग्रेस ने इसे सामाजिक समरसता के खिलाफ साजिश बताया और कहा कि बाबा साहब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
द मूकनायक से बातचीत करते मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा, "बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को निशाना बनाना मनुवादी मानसिकता का परिणाम है। ऐसे लोग सामाजिक न्याय और समानता के विचार से डरते हैं। यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि सोच-समझकर की गई साजिश है।
भाजपा सरकार के शासनकाल में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़े हैं। सरकार के पास न तो इन घटनाओं को रोकने की मंशा है और न ही कोई ठोस नीति। इसका कारण है कि सरकार में उच्च पदों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारी खुद मनुवादी सोच से ग्रसित हैं, जो सामाजिक न्याय के विरोधी हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 19 अप्रैल को अशोकनगर जिले के चंदेरी थाना क्षेत्र के कुरवासा गांव में भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का पंजा तोड़ दिया गया था। उस वक्त भी ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज किया था और कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। अब एक बार फिर ऐसी घटना ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है।
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