नई दिल्ली: पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने खडूर साहिब से 'आप' विधायक मनिंदर सिंह लालपुरा और 10 अन्य लोगों को 12 साल पुराने छेड़छाड़ और मारपीट के एक मामले में दोषी करार दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार इस मामले में सज़ा का ऐलान 12 सितंबर को करेंगे। अदालत के फैसले के तुरंत बाद, विधायक लालपुरा और अन्य मौजूद दोषियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पट्टी उप-जेल भेज दिया गया।
यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि लालपुरा पंजाब में पुलिस या विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पांचवें 'आप' विधायक हैं। उनकी यह गिरफ्तारी सनौर से विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा के खिलाफ दर्ज हुए बलात्कार के मामले के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जो 2 सितंबर से फरार चल रहे हैं।
पीड़िता के वकील अमित धवन ने जानकारी देते हुए बताया, "विधायक लालपुरा और अन्य आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से हमला), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना) और 149 (गैरकानूनी सभा) के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट की धारा 4 के तहत दोषी ठहराया गया है।"
उन्होंने आगे बताया कि कुल आरोपियों में से सात लोग—लालपुरा, सरज सिंह, दविंदर कुमार, कंवलदीप सिंह, अश्वनी कुमार, तरसेम सिंह और हरजिंदर सिंह—अदालत में मौजूद थे, जिन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया। वहीं, गगनदीप सिंह, नरिंदरजीत सिंह और गुरदीप राज को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। एक अन्य आरोपी हरविंदर सिंह सुशी पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद है।
इस फैसले के बाद पीड़िता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, "आज मैं बहुत खुश हूं क्योंकि आखिरकार न्याय की जीत हुई है। मैंने इसके लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी और इस दौरान मुझे दोषियों से जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। मुझे उम्मीद है कि अदालत दोषियों को कठोर से कठोर सजा सुनाएगी।"
यह घटना 3 मार्च, 2013 की है। अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आने वाली पीड़िता अपने परिवार के साथ गोइंदवाल रोड पर स्थित एक मैरिज पैलेस में शादी समारोह में शामिल होने आई थी। आरोप है कि इसी दौरान लालपुरा और तरनतारन पुलिस के कुछ जवानों समेत अन्य आरोपियों ने उनके साथ मारपीट और छेड़छाड़ की। पीड़िता के वकील के अनुसार, उस समय मनिंदर सिंह लालपुरा एक टैक्सी ड्राइवर थे।
यह मामला इतना गंभीर था कि सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्वतः संज्ञान लिया था और पीड़िता, उसके चचेरे भाई (जो चश्मदीद गवाह थे) और उनके परिवार को अर्धसैनिक बल की सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
लालपुरा ने 2022 के विधानसभा चुनावों में खडूर साहिब सीट से कांग्रेस के रमनजीत सिंह सिक्की को 16,491 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।
इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ 'आप' सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "एक 'आप' नेता का छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में दोषी साबित होना एक परेशान करने वाला पैटर्न दिखाता है। बार-बार 'आप' नेताओं पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं, जो अनैतिक और आपराधिक व्यवहार के प्रति 'आप' नेतृत्व की खुली सहनशीलता को दर्शाता है।"
शिरोमणि अकाली दल के उपाध्यक्ष और खडूर साहिब के पूर्व विधायक रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा कि लालपुरा की सज़ा 'आप' सरकार के "असली आपराधिक चरित्र" को उजागर करती है। उन्होंने कहा, "इस फैसले ने 'आप' के 'कट्टर ईमानदार' होने के नकाब को उतार दिया है। एक दलित परिवार पर अत्याचार करने का दोषी पाए जाने के बाद, लालपुरा ने विधानसभा में बैठने का नैतिक अधिकार खो दिया है।"
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