
तिरुवनंतपुरम: केरल यूनिवर्सिटी में जातिगत भेदभाव का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटनाक्रम में, विश्वविद्यालय ने कथित तौर पर दलित शोध छात्र (स्कॉलर) विपिन विजयन की पीएचडी डिग्री की मंजूरी को रोक दिया है। यह निर्णय तब आया है जब प्रभारी कुलपति (वाइस चांसलर) मोहनन कुन्नुम्मल ने सिंडिकेट के विचाराधीन 64 अन्य उम्मीदवारों की पीएचडी डिग्रियों को मंजूरी दे दी, लेकिन विपिन विजयन का मामला अधर में लटक गया है।
गौरतलब है कि किसी भी उम्मीदवार को थीसिस जमा करने और 'ओपन डिफेंस' (Open Defence) की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद ही पीएचडी की डिग्री प्रदान की जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीसी ने विश्वविद्यालय के नियमों के तहत अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए अन्य छात्रों की डिग्रियों को मंजूरी दी है।
क्या है पूरा मामला?
39 वर्षीय विपिन विजयन 'पुलाया' समुदाय से आते हैं। उनकी थीसिस को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब केरल यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग की डीन और प्रमुख, सी.एन. विजयकुमारी ने उनके काम को खारिज कर दिया था। विजयकुमारी पर आरोप है कि उन्होंने स्कॉलर के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया।
ओपन डिफेंस के दौरान हंगामे का आरोप
यह घटना 15 अक्टूबर की है जब विपिन अपनी थीसिस का बचाव (defend) कर रहे थे। आरोपों के अनुसार, विजयकुमारी ने सत्र में बाधा डाली और थीसिस में बदलाव की मांग की। यह मांग तब की गई जब विपिन के सुपरवाइजर (गाइड) ने थीसिस में दिए गए तर्कों को सही ठहराया था और उनका समर्थन किया था।
स्कॉलर का कहना है कि थीसिस को सुपरवाइजर और थीसिस एग्जामिनिंग कमेटी के चेयरपर्सन दोनों ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद विजयकुमारी ने उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
"पुलाया सरनेम ही काफी है..."
विवाद के दौरान विजयकुमारी पर विपिन के साथ जातिगत दुर्व्यवहार करने का आरोप है। विपिन ने मीडिया को बताया, "जब मैंने विजयकुमारी से अपनी थीसिस पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने मुझसे कहा— 'तुम्हें अपने नाम के साथ डॉक्टरेट जोड़ने की क्या आवश्यकता है? तुम्हारे पास पुलाया सरनेम है, वही काफी है'।"
रिकॉर्डिंग न होने से पेच फंसा
डिफेंस के विवादास्पद होने के बाद, वाइस चांसलर ने ओपन डिफेंस के दौरान उठाए गए मुद्दों को समझने के लिए सत्र की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग मांगी थी। हालांकि, ओपन डिफेंस आयोजित करने और उसे डॉक्यूमेंट करने के लिए जिम्मेदार रिसर्च गाइड ने रिपोर्ट दी है कि उस सत्र की कोई रिकॉर्डिंग नहीं बनाई गई थी।
विपिन की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर विपिन विजयन ने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "मुझे इसके बारे में अखबारों से पता चला। मैं विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद ही अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करूंगा।"
डीन के खिलाफ पुलिस केस दर्ज
इस बीच, विपिन ने विजयकुमारी के खिलाफ पुलिस, विश्वविद्यालय प्रशासन और एससी/एसटी आयोग (SC/ST Commission) में शिकायत दर्ज कराई है।
श्रीयकार्यम पुलिस ने विजयकुमारी के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(r) और 3(1)(s) के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएं जानबूझकर किसी एससी/एसटी समुदाय के सदस्य को सार्वजनिक दृष्टि में जाति के नाम से अपमानित करने या गाली देने से संबंधित हैं।
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