रांची: झारखंड की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्ण नंद त्रिपाठी पर एक दलित पुलिस कांस्टेबल ने मारपीट करने और जातिसूचक गालियाँ देने का गंभीर आरोप लगाया है। यह घटना उस समय हुई जब पूर्व मंत्री का काफिला एक ट्रैफिक जाम में फँस गया था। पीड़ित कांस्टेबल की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जाँच शुरू कर दी है।
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना लातेहार में दोपहर करीब 1:30 बजे घटी। पूर्व मंत्री कृष्ण नंद त्रिपाठी के व्यक्तिगत सुरक्षा दस्ते में तैनात दलित कांस्टेबल रवींद्र रिख्यासन ने अपनी शिकायत में बताया कि करम त्योहार के कारण सड़क पर भारी जाम लगा हुआ था। इसी जाम में पूर्व मंत्री की गाड़ी भी फँस गई।
आरोप है कि जाम से नाराज होकर त्रिपाठी ने कांस्टेबल रवींद्र को गाड़ी से उतरकर रास्ता खाली कराने का आदेश दिया। रवींद्र ने अपनी शिकायत में कहा, "जैसे ही हम स्थिति को संभालने की कोशिश करने लगे, नेता जी (कृष्ण नंद त्रिपाठी) गाड़ी से उतरे और गालियाँ देने लगे।"
कांस्टेबल का यह भी आरोप है कि पूर्व मंत्री ने उन्हें "आदिवासी" और "हरिजन" जैसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और कहा कि वह इस नौकरी के लायक नहीं हैं। इसके बाद, त्रिपाठी ने उन्हें थप्पड़ भी मारा।
इस मामले में डालटनगंज के नगर थाने में एक जीरो FIR दर्ज की गई है। डालटनगंज टाउन थाना प्रभारी ज्योति लाल रजवार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की जाँच के लिए इसे लातेहार पुलिस को स्थानांतरित किया जाएगा, क्योंकि घटना वहीं हुई थी।
वहीं, ग्रामीण विकास, श्रम, रोजगार एवं प्रशिक्षण और पंचायती राज जैसे महत्वपूर्ण विभागों के पूर्व मंत्री रह चुके कृष्ण नंद त्रिपाठी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे "बदले की भावना" से की गई FIR बताया है।
त्रिपाठी ने अपनी सफाई में कहा, "मैंने सिर्फ अपने अंगरक्षकों को अधिक सतर्क रहने के लिए कहा था, रास्ता साफ करवाया और फिर सर्किट हाउस के लिए निकल गया। मैंने किसी के साथ कोई मारपीट या गाली-गलौज नहीं की। सब कुछ CCTV में साफ-साफ दिख रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब मेरे अंगरक्षक गाड़ी को जाम से नहीं निकाल पाए और मैंने एक मिनट के भीतर खुद रास्ता साफ करा लिया, तो उन्हें अपमानित महसूस हुआ। इसी वजह से उन्होंने यह FIR दर्ज कराई है।"
इस घटना के सामने आने के बाद लातेहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक पत्र लिखकर इसे वर्दी के सम्मान पर हमला बताया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष करन सिंह ने अपने पत्र में लिखा, "अगर किसी नेता को लगता है कि कोई अंगरक्षक अपनी ड्यूटी के लिए अयोग्य है, तो उसे वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत करनी चाहिए, न कि उस पर हमला करना चाहिए। CCTV फुटेज में घटना का स्पष्ट सबूत मौजूद है।"
फिलहाल, पुलिस ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जाँच शुरू कर दी है। अब सभी की निगाहें पुलिस जाँच और CCTV फुटेज पर टिकी हैं, जिससे यह साफ हो पाएगा कि सच क्या है।
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