आंध्र प्रदेश में दलित युवक सहित तीन को बंधक बनाकर पीटा, यूपी में युवक का शव मिला

मुर्गी चोरी के आरोप में तीन की बांधकर पिटाई, प्राइवेट पार्ट को प्लास से काटने की कोशिश की, मामला दर्ज
आंध्र प्रदेश में दलित युवक को बंधक बनाकर पीटा
आंध्र प्रदेश में दलित युवक को बंधक बनाकर पीटा

आंध्र प्रदेश। एलुरु जिले में मुर्गी चोरी के आरोप में क्षेत्रीय पार्टी के नेता ने एक दलित सहित तीन अन्य की बांधकर पिटाई की। यही नहीं आरोपियों ने सरौते से प्राइवेट पार्ट काटने की कोशिश की। पीड़ित किसी तरह जान बचाकर भागे। पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की है।

जानिए क्या है मामला?

एलुरु जिले के द्वारकाथिरुमाला मंडल के थिम्मापुरम में 25 जुलाई को दलित सहित तीन युवकों की वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं ने मुर्गी चोरी के आरोप में पकड़कर पिटाई कर दी। यह घटना तब सामने आई जब पीड़ित मुप्पीना सुरेश, अराटिकतला रामबाबू और दलित लड़के ने गत शुक्रवार शाम को पुलिस के पास इसकी शिकायत की।

पीड़ितों के अनुसार, उन्हें एक बगीचे में ले जाया गया, जहां उनके साथ पहले दुर्व्यवहार किया। उनके कपड़े उतरवा दिए गए और गाली-गलौच की गई। इसके बाद उन्हें लोगों के बीच निर्वस्त्र ही बैठाया गया। पिटाई लाठियों और प्लास्टिक पाइपों से की गई, जिसे वहां मौजूद लोग देखते रहे। इतना ही नहीं, दलित युवक के लिए उसके जाति से संबंधी अनुचित शब्दों का इस्तेमाल किया गया। बदमाशों की बर्बरता तो तब हद पार कर गई, जब उन्होंने तीनों व्यक्तियों के प्राइवेट पार्ट्स के साथ (सरौता अथवा पलास जैसी कातबे वाला औजार) कटिंग प्लेयर से छेड़छाड़ की और उनके हाथ काटे गये। इस घटना के बाद मुप्पीना सुरेश और अराटिकतला रामबाबू ने पुलिस के पास जाने का फैसला किया और वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वहीं, इस घटना का शिकार हुए दलित युवक ने शुक्रवार को घटना की शिकायत पुलिस से की। पीड़ितों ने पुलिस को यह भी बताया कि वाईएसआरसीपी नेताओं ने किसी भी पुलिस मामले से बचने के लिए पीड़ितों के साथ बात करने और उनसे समझौता करने की कोशिश की थी। उन्होंने एक जन प्रतिनिधि के माध्यम से भी मोबाइल फोन पर बात करने की कोशिश की। हालांकि, पीड़ितों ने अपने साथ हुई क्रूरता के बाद समझौता करने से इनकार कर दिया।

इस मामले में द्वारकाथिरुमाला सब इंस्पेक्टर सुधीर ने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया, "पीड़ितों को इलाज के लिए एलुरु जिला अस्पताल ले जाया गया और डॉक्टरों द्वारा जांच और इलाज के बाद मामले पर कार्रवाई की गई। इस घटना में पुलिस ने छह आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार का मामला दर्ज किया है।"

यूपी: संदिग्ध परिस्थितियों में मिला दलित का शव, हत्या की आशंका

उत्तर प्रदेश। यूपी के मिर्जापुर जिले में दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसकी लाश झाड़ियों में पड़ी मिली। पुलिस ने इस घटना को प्रथम दृष्टया आत्महत्या बताया था। जबकि परिवार का आरोप है कि उनके लड़के की हत्या की गयी है। परिजनों का कहना है कि धर्मराज के शरीर पर चोटों के कई निशान पाये गये थे। इस मामले में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद देर शाम पुलिस ने शव जबरन जलवा दिया। इस घटना पर कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने पुलिसिया कार्रवाई का विरोध किया है। पदाधिकारियों ने 4 अगस्त को तहसील का घेराव करने की चेतावनी दी है।

दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी में मिर्जापुर जिले के लालगंज थानाक्षेत्र स्थित सहिरा गांव में 21 जुलाई को एक दलित युवक धर्मराज की लाश संदिग्ध हालत में बरामद हुयी थी, जिसे शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने आत्महत्या करार दिया था।

इस घटना पर कम्युनिस्ट पार्टी (माले) और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) का संयुक्त छह सदस्यीय जांच दल पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में शनिवार 29 जुलाई को सहिरा गांव पहुंचा और मामले की पड़ताल की। जांच दल ने मृतक धर्मराज के परिजनों व गांववासियों से मुलाकात की। पदाधिकारियों ने परिवार से शोक-संवेदना व्यक्त की और घटना के बारे में जानकारी ली। इस दौरे के बाद जांच दल के नेता माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने जांच रिपोर्ट जारी की और कहा कि दलित युवक धर्मराज की हत्या हुई है, मगर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इसे आत्महत्या बताकर अपराधियों को बचाने में लगे हैं।

जांच दल का आरोप है कि शासक दल के समर्थक अपराधियों की इन पर मजबूत पकड़ है। परिजनों ने टीम को बताया कि धर्मराज की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद उन्हें शव सुपुर्द करने के बजाय रात के अंधेरे में प्रशासन द्वारा बलपूर्वक जलाकर साक्ष्य मिटाया गया। परिजनों के अनुसार मृतक के सिर और सीने पर गंभीर चोट के निशान थे। उसकी एक आंख फोड़ दी गई थी। दोनों पैर भी हत्यारों ने तोड़ दिये थे और प्रताड़ित किया था। पांच फीट की उंचाई से गिरने से इस तरह मृत्यु संभव ही नहीं है, जैसा कि पुलिस प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है, लेकिन लालगंज थाना प्रभारी इस हत्याकांड को आत्महत्या बताकर हत्या आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है और मृतक के पिता के साथ बदसलूकी की गई।

लाश को परिजनों को सौंपने के बजाय थाना प्रभारी ने पुलिस बल की जोर जबरदस्ती से श्मशान घाट पर जलवा दिया। जांच दल ने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की। साथ ही, हत्याकांड की रिपोर्ट दर्ज कर हत्यारों को गिरफ्तार करने और लालगंज थानाध्यक्ष के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग भी की। चेतावनी दी कि अगर मृतक के परिजनों को शीघ्र न्याय नहीं मिला, तो प्रतिरोध संघर्ष तेज किया जाएगा। जांच दल की सदस्य और खेग्रामस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीरा भारती ने कहा कि दलित धर्मराज के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 4 अगस्त को लालगंज तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।

जांच दल के अन्य सदस्य व माले जिला सचिव राम प्यारे राम ने कहा कि अगर दलित के हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया और थाना प्रभारी को दंडित नहीं किया गया तो 4 अगस्त के बाद डीएम मिर्जापुर का घेराव किया जाएगा। जांच दल में उपरोक्त के अलावा इंकलाबी नौजवान सभा (इंनौस) के नेता अमरेश भारती, ब्लाक सचिव लालचंद कोल और दुर्जन मांझी शामिल थे।

क्या कहते है पुलिस अफसर?

इस मामले में थाना प्रभारी लालगंज ने द मूकनायक प्रतिनिधि से बताया, "इस मामले में पीएम रिपोर्ट में कुछ भी नहीं आया है। विसरा संरक्षित कर परीक्षण के लिए भेजा गया है।"

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