
हरियाणा। हिसार जिले में में एससी- एसटी एक्ट के तहत स्पेशल कोर्ट ने प्रेम प्रसंग के 11 साल पुराने मामले में दलित युवक का मुंह काला करके घुमाने के मामले में तत्कालीन और मौजूदा सरपंच राजू और युवती के पिता गुलाब सिंह को दोषी करार दिया। इस मामले में अदालत ने 13 आरोपियों को बरी भी किया है। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई निर्धारित की है।
हरियाणा के हिसार जिले के थाना नारनौद इलाके में पूठी समैन गांव का यह मामला लगभग 11 साल पुराना है। एक दलित युवक गांव की ही एक गैर अनुसूचित जाति समुदाय की युवती से प्रेम करता था। दोनों पिछले 6 महीनों से आपस में मिल रहे थे, जिसका पता चलने पर एक जून 2012 को गांव की चौपाल में गांव के सरपंच राजू व युवती के पिता गुलाब सिंह ने पंचायत बुलाई, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। इस दौरान युवक को तलब किया गया और उससे कहा गया कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि तुम अनुसूचित जाति से होकर गैर अनुसूचित जाति समुदाय की लड़की से इश्क करो। जिस पर लड़के ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। इसके बाद पंचायत द्वारा दलित युवक का मुंह काला करके गांव में घुमाया गया और उस पर 11000 रुपए का जुर्माना लगाया। उसे 11 साल के लिए गांव से निकाला दिया गया। इस मामले में युवक ने सरपंच व युवती के पिता सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में जब मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने गई तो पुलिस की जीप को भी बंधक बनाया गया था। पुलिस पर भी पथराव किया गया। इसके चलते इस मामले में पुलिस किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पुलिस ने सीधा अदालत में चालान दिया, जहां से अदालत ने आरोपियों को तलब किया था। मामले में युवक व उसके माता-पिता ने बतौर गवाह अदालत में अपनी गवाहियां दी, जिसके बाद इस मामले में दो चरणों में अदालत में अंतिम बहस पूरी की गई।
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