हरियाणा: चोरी के शक में 12 वर्षीय दलित बच्चे को बंधक बना दिए बिजली के झटके, 10 लोगों पर केस दर्ज

पलवल में मानवता शर्मसार: 10 दिसंबर की रात घर लौट रहे नाबालिग को बंधक बनाकर दी यातनाएं, यौन शोषण का भी आरोप, SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज।
Dalit Boy Torture, Electric Shock Case
Palwal Crime: 12 साल के दलित बच्चे को बंधक बनाकर दिए बिजली के झटके, यौन शोषण भी किया। दिल दहला देने वाली इस वारदात का सच जानें।(Ai Image)
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पलवल: हरियाणा के पलवल से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहाँ एक ही परिवार के 10 सदस्यों पर एक 12 वर्षीय दलित लड़के को घंटों तक बंधक बनाने और उसे बुरी तरह प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। परिवार ने बच्चे पर चोरी का आरोप लगाते हुए इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

यह दिल दहला देने वाली घटना 10 दिसंबर की रात की है। पीड़ित बच्चा, जो अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए शादियों में लाइट उठाने (मजदूरी) का काम करता है, उस रात होडल कस्बे से अपने गांव बंचारी लौट रहा था।

पुलिस के अनुसार, रात के करीब 11:30 बजे वह दो अन्य बच्चों के साथ घर आ रहा था, तभी एक कार ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। कार में सवार लोग कथित तौर पर नशे में धुत थे। डर के मारे बच्चे भागने लगे। खुद को बचाने के प्रयास में, पीड़ित लड़का एक घर के परिसर में कूद गया, जबकि उसके साथी गांव की ओर भाग निकले।

जिस घर में वह कूदा, वहां रहने वाले परिवार ने उसे चोर समझकर पकड़ लिया। इसके बाद, उन्होंने पुलिस को सूचित करने से पहले बच्चे के साथ जो किया, वह रूह कंपा देने वाला था।

बच्चे के साथ हुई दरिंदगी

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कथित तौर पर बच्चे के हाथ-पैर बांध दिए और उसे बार-बार बिजली के झटके (Electric Shocks) दिए। इतना ही नहीं, पीड़ित नाबालिग ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसके साथ यौन शोषण भी किया गया। बच्चे को गंभीर जलने की चोटें आई हैं और फिलहाल उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। परिवार ने कई घंटों तक उसे बंधक बनाए रखा और बाद में पुलिस को बुलाया।

पुलिस की कार्रवाई

इस मामले में पुलिस ने परिवार के 10 सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों पर निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें, स्वेच्छा से चोट पहुंचाना (Voluntarily causing hurt), गलत तरीके से बंधक बनाना (Wrongful confinement), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम (JJ Act) शामिल है.

ताजा जानकारी के अनुसार, इस मामले में अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीन मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं।

कोर्ट में क्या हुआ?

फरार चल रहे तीनों मुख्य संदिग्धों ने सोमवार को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बुधवार को सत्र न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान नाबालिग की चोटों से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।

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